Bhopal: 1 जून 2019। मप्र हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट और फास्ट अपीलेट सब्आरडीनेट क्रिमिनल कोर्ट में गंभीर अपराधों के शीघ्र निपटारे हेतु नये नियम जारी कर दिये हैं। ये नये नियम आगामी 3 जुलाई के बाद प्रभावी होंगे। इनमें गंभीर अपराधों के निपटारे हेतु समयावधि भी निर्धारित की गई है।
अब उक्त न्यायालयों को गंभर किस्म के अपराधों के चार केटेगरी ट्रेक वन, ट्रेक टु, ट्रेक थ्री और ट्रेक फार में रखना होगा और उनकी सुनवाई में क्रमानुसार प्राथमिकता देनी होगी। ट्रेक वन में केपिटल पनीशमेंट वाले रेप केसेज, सेक्सुअल आफेंस केसेज और दहेज मौत के प्रकरण रखे जायेंगे। इसी प्रकार, ट्रेक वन के अंतर्गत ही ए केटेगरी में अजाजजा अत्याचार अधिनियम के प्रकरण, जुवेनाईल केसेस, निगोशियेबल इन्स्ट्रूमेंट के केसेस, घरेलू हिंसा के प्रकरण, विशेष न्यायालय के प्रकरण रखे जायेंगे। ट्रेक वन के सभी प्रकरणों का निपटारा नौ माह के अंदर करना होगा। ऐसे प्रकरण जिनमें आरोपी को जमानत नहीं दी गई है और वह जेल में निरुध्द हैं, को ट्रेक टु में रखा जायेगा। मास चिटिंग, आर्थिक अपराध और अवैध मदिरा के प्रकरणों को ट्रेक थ्री में रखा जायेगा। ट्रेक टु और ट्रेक थ्री के प्रकरणों का निपटारा बारह माह के अंदर करना होगा। पोटा, टाडा, एनडीपीएस, भ्रष्टाचार निरोधक कानून के के प्रकरण ट्रेक फोर में रखे जायेंगे तथा इनका निपटारा पन्द्रह माह के अंदर करना होगा।
यह भी किया प्रावधान :
हाईकोर्ट ने उक्त न्यायालयों के लिये यह भी प्रावधान किया है कि सुबह 11 बजे पर केस की सुनवाई हेतु आवाज दी जायेगी तथा इसमें संबंधित केस के वकील या याचिकाकत्र्ता के उपस्थित न होने पर जज केस को यह तो खत्म कर सकेगा अथवा उनकी उपस्थिति हेतु उचित कार्यवाही कर सकेगा। इसी प्रकार, यदि केस मध्यस्थता या सेटलमेंट से नहीं सुलझ पाता है तो ऐसे केसों को सात दिन के अंदर न्यायालय में पेश करना होगा। उक्त सभी प्रावधान एमपी केस फ्लो मेनेजमेंट इन द ट्रायल कोट्र्स एण्ड फस्र्ट अपीलेट सब्आरडीनेट कोट्र्स क्रिमिनल रुल्स 2006 में संशोधन कर किया गया है। इन संशोधन का प्रारुप हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल आरके वानी द्वारा जारी किया गया है तथा भोपाल स्थित गवर्मेंट प्रेस के माध्यम से राजपत्र में प्रकाशित कराया है।
(डॉ. नवीन जोशी)
न्यायालयों में गंभीर प्रकरणों के शीघ्र निपटारे हेतु जारी हुये नये नियम
Location:
Bhopal
👤Posted By: DD
Views: 1859
Related News
Latest News
- भविष्य के कृत्रिम बुद्धिमत्ता समर्थित हमले: डिजिटल दुनिया पर मंडराता खतरा
- क्या भारत बन सकता है आर्थिक महाशक्ति? डेटा क्या कहता है
- भोपाल के युवाओं ने बनाया ऐप, अब वाहन खराब होने पर मैकेनिक की मदद मिलेगी
- लोकसभा चुनाव 2024: मतदाता सूची में नाम जोड़ने के बहाने साइबर बदमाशों ने 35 भोपालवासियों को ठगा
- गूगल ने इजरायल विरोधी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला