Bhopal: 30 जनवरी 2018। मध्यप्रदेश में शर्त यानि बेटिंग, जुआ यानि गेम्बलिंग, लाटरी और हार्स रेसिंग पर जीएसटी लगाने का नया प्रावधान किया गया है। ये चारों अभी प्रदेश में प्रभावशील तो नहीं हैं परन्तु यदि राज्य सरकार ने इन्हें करने की अनुमति दी तो इन पर जीएसटी वसूल किया जायेगा।
भारत सरकार द्वारा गत वर्ष पूरे देश में जीएसटी लागू करने के बाद मप्र सरकार ने 22 जून,2017 को राज्य जीएसटी नियम बनाये थे। सात माह बाद इन नियमों में नया संशोधन लाकर उसे प्रभावशील किया गया है। इसमें अब लाटरी, बेटिंग, गेम्बलिंग और हार्स रेसिंग पर जीएसटी लगाने का प्रावधान जोड़ा गया है।
नवीन प्रावधान के अनुसार, अब यदि राज्य सरकार लाटरी प्रारंभ करती है तो उस पर बारह प्रतिशत जीएसटी लगाया जायेगा। यदि राज्य सरकार किसी को लाटरी निकालने के लिये अधिकृत करती है तो उस पर 28 प्रतिशत जीएसटी जारी की गई लाटरी के कुल मूल्य पर लगाया जायेगा। इसी प्रकार, शर्त, गेम्बलिंग और हार्स रेसिंग पर सौ प्रतिशत जीएसटी लगाया जायेगा।
ज्ञातव्य है कि 5 मार्च, 1990 से 15 दिसम्बर,1992 तक की राज्य की भाजपा सरकार में रहे मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने अवैध सट्टा बाजार रोकने के लिये लाटरी की शुरुआत की थी परन्तु जब कुछ ही माह में इसकी जमकर चौतरफा आलोचना हुई तो उन्होंने अध्यादेश लाकर इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। कांग्रेस शासनकाल में अर्जुन सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में चुरहट बाल लाटरी जारी हुई थी जिस पर भाजपा की आलोचना के कारण इस पर जांच आयोग बनाया गया था। दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में खजुराहो में कैसिनों खोले जाने के प्रयास हुये थे जिसे विपक्ष की आलोचना के कारण प्रारंभ करने की अनुमति नहीं दी गई थी।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि लाटरी, बेटिंग, गेम्बलिंग और हार्स रेसिंग के संबंध में आल इण्डिया रुल्स हैं जिसके कारण हमे भी अपने राज्य नियमों में इसका प्रावधान करना पड़ा है। कुछ राज्यों में ये चलती भी हैं। हमारे मप्र राज्य में तो इनकी अनुमति नहीं है परन्तु यदि मप्र सरकार ने इन्हें आगे शुरु किया तो इस पर जीएसटी वसूला जायेगा।
- डॉ नवीन जोशी
मप्र में जुआ, शर्त,लाटरी और हार्स रेसिंग पर जीएसटी लगाने का प्रावधान हुआ
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Bhopal
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