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मप्र में प्रधानमंत्री जनऔषधि केन्द्रों की संख्या बढ़ाकर 1000 की जाएगी

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: PDD                                                                         Views: 17855

Bhopal: 24 अक्टूबर, 2017। स्वास्थ्य क्षेत्र की विश्वसनीयता दिन प्रतिदिन खराब हो रही है। आमजन में इसके प्रति विश्वास जगाने के लिए प्रधानमंत्री जनऔषधि परियोजना को व्यापक स्तर पर ले जाने की आवश्यकता है। आमजन तक गुणवत्ता वाली दवाओं को 90 प्रतिशत तक कम दामों में पहुंचाने वाली इस योजना की पहुंच बढ़ाने की आज अत्यंत आवश्यकता है। यह बात आज पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज तथा केन्द्रीय आयुष विभाग द्वारा आयोजित प्रधान मंत्री जन औषधि परियोजना पर एक दिवसीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जन औषधि अभियान परिषद, मध्यप्रदेश के उपाध्यक्ष, राघवेन्द्र गौतम ने कही। उन्होंने आगे कहा कि यह अभियान मध्यप्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है ताकि गरीबों सहित प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल सके।



पीएचडी चैम्बर के क्षेत्रीय निदेशक आर जी द्विवेदी ने संगोष्ठी की रूखरेखा रखते हुए प्रदेश में जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता व स्वास्थ्य सेवाओं के परिदृश्य के बारे में बताया।



केन्द्रीय आयुष विभाग से आए संजय सूरी ने कहा कि जेनेरिक दवाएं 100 से अधिक देशों में निर्यात की जा रही हैं। इनमें से 25 प्रतिशत जेनेरिक दवाएं अमेरिका को निर्यात की जा रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि लगभग 90 प्रतिशत तक सस्ती इन दवाओं की गुणवत्ता वही रहती है जो किसी ब्राण्डेड दवा की रहती है।



केन्द्रीय ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयूज ऑफ इंडिया से आए विवेक शर्मा ने जन औषधि परियोजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जेनेरिक दवाएं जन औषधि केन्द्रों पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। उनका विभाग इन दवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए 14 प्रयोगशालाओं में इनका कड़ा परीक्षण करता है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में आगामी एक वर्ष में जन औषधि केन्द्रों की संख्या को बढ़ाकर 1000 किया जाएगा।



मप्र ग्रामीण आजीविका मिशन के श्री रमन वाधवा ने कहा कि हम जन आधारित परियोजनाओं को खोलने के लिए समुदाय आधारित मॉडल पर काम कर रहे हैं। हम मिशन से जुड़े स्व सहायता समूहों के फार्मासिस्टों को जन औषधि केन्द्र खोलने में प्राथमिकता दे रहे हैं।

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