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मध्यप्रदेश में पहली बार दसवीं, बारहवीं के परिणाम एक साथ घोषित

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 17511

Bhopal: दसवीं में देवप्रकाश माँझी, बारहवीं में सन्मय जैन अव्वल, बेटियाँ रही आगे

75 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने और राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने पर फीस सरकार देगी

सफल विद्यार्थियों, उनके शिक्षकों, अभिभावकों को दी बधाइयाँ, बच्चों को खिलाई मिठाइयाँ

कहा अपेक्षित परिणाम नहीं आने पर निराश न हों, अवसर बहुत हैं

मध्यप्रदेश को बनायेंगे नम्बर वन राज्य - मेधावी छात्रों के सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री श्री चौहान



12 मई 2017, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ निवास पर दसवीं और बारहवीं के परीक्षा परिणामों की घोषणा की। उन्होंने मेरिट में स्थान पाने वालो विद्यार्थियों का सम्मान किया और उन्हें बधाई दी। श्री चौहान ने कहा कि जो बच्चे 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाये हैं और इनका प्रवेश राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों में होता है तो उनकी फीस सरकार भरेगी चाहे वे किसी भी वर्ग के हों।



मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को कभी निराश नहीं होने देंगे। उनके सपनों को मरने नहीं देंगे, उम्मीदों को टूटने नहीं देंगे। उन्होंने सभी सफल विद्यार्थियों, उनके शिक्षकों और अभिभावकों को बधाई एवं शुभकामनाएँ दी। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यह सफलता एक पड़ाव मात्र है, मंजिल नहीं। उन्होंने कहा कि वे विद्यार्थियों के सामने मध्यप्रदेश को नंबर वन बनना देखना चाहते हैं। विद्यार्थियों की प्रतिभा केवल परिवार के लिये नहीं प्रदेश और देश का निर्माण करने के लिये हैं। जो विद्यार्थी 85 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाये हैं उन्हें लेपटॉप दिया जायेगा। मेघावी बच्चों के शिक्षकों को सम्मानित किया जायेगा। इसके लिये अलग से सम्मान कार्यक्रम होगा।



मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम निजी स्कूलों से बेहतर रहा है। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री और अधिकारियों, शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे गाँवों, शहरों के बच्चों ने कमाल कर दिया। बेटियाँ सबसे आगे हैं। हाई स्कूल की परीक्षा में 40 प्रतिशत बच्चे प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं। शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ी है। बारहवीं में 27 प्रतिशत बच्चों को प्रथम श्रेणी मिली है।



मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को मार्कशीट लेने, डुप्लीकेट मार्कशीट बनवाने, पूरक परीक्षा के फार्म भरने, पुनर्गणना करने जैसी सुविधाओं के लिये एप का शुभारंभ किया।



श्री चौहान ने कहा कि शहडोल जिला सबसे आगे रहा है। रतलाम और उज्जैन का परिणाम 98 प्रतिशत रहा है। नकल माफिया पर पूरी तरह नियंत्रण किया गया। पूरी पारदर्शिता के साथ परीक्षाएँ निर्विघ्न हुई । मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षण सत्र 2017-18 से दसवीं में एन.सी.सी. पाठयक्रम अनिवार्य रूप से लागू किया जायेगा। शैक्षणिक सत्र 2018-19 से ग्यारहवीं और 2019-20 से 12 वीं में लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्कूलों में फर्नीचर की सुविधा देने के लिये 30 करोड़ का बजट माध्यमिक शिक्षा मंडल उपलबध करायेगा। वर्ष 2017-18 से नवमीं और दसवीं में बेस्ट आफ फाइव पद्धति से परीक्षा परिणाम बनाया जायेगा। भोपाल में दस करोड़ की लागत से आधुनिक लाइब्रेरी बनेगी। उन्होंने कहा कि बेहतर परिणाम देने वाले शिक्षकों का सम्मान किया जायेगा लेकिन जिनकी स्कूल में उपस्थिति 70 प्रतिशत से कम होगी, उन पर ?काम नहीं-वेतन नहीं' के आधार पर कार्रवाई की जायेगी। इस शिक्षण सत्र से एन.सी.ई.आर.टी. का पाठयक्रम लागू किया जायेगा। हर संभाग में योग शिक्षा लागू की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों के किसी कारण से अपेक्षानुरूप परिणाम नहीं आयें उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। उनके लिये 'रूक जाना नहीं' योजना बनाई गई है।



स्कूल शिक्षा मंत्री कुँवर विजय शाह ने कहा कि प्रदेश में स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं। उन्होंने मेधावी विदयार्थियों और उनके अभिभावकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता पर पूरा ध्यान दिया गया है। उन्होंने बताया कि भोपाल के टी.टी. नगर स्थित मॉडल सकूल में 100 कम्प्यूटर की लैब स्थापित की जायेगी। एयर कंडीशन-हाल, ई-लाइब्रेरी एवं खेल मैदान बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसी विद्यालय में मुख्यमंत्री की शिक्षा-दीक्षा हुई थी। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों के परीक्षा परिणाम अपेक्षानुरूप नहीं आये हैं उनके लिये रुक जाना नहीं योजना में जून में परीक्षा होगी। किसी विद्यार्थी को निराश होने की जरूरत नहीं है।



माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष एस. आर. मोहंती ने बताया कि शिक्षा में पूरी पारदिर्शता लाई गई है। परीक्षाएँ बिना किसी बाधा के हुई हैं। पहली बार एक साथ दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं का परिणाम घोषित हुआ है। उन्होंने सभी सफल विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को बधाई और शुभकामनाएँ दी।



दसवीं की परीक्षा में जिन बच्चों ने मेरिट में स्थान प्राप्त किया उनमें डबरा ग्वालियर के श्री देवप्रकाश माँझी प्रथम, सुश्री आंचल संगीत्रा-रतलाम और श्री जयंत पटेल होशंगाबाद दूसरे और सृजन श्रीवास्तव ग्वालियर, सुश्री सुषमा राजपूत, कालापीपल शाजापुर तीसरे स्थान पर रहे।



बारहवीं में विज्ञान गणित में टीकमगढ़ के सन्मय जैन, दूसरे स्थान पर तीन विद्यार्थी - सबलगढ, मुरैना की सुश्री हिमांशी शर्मा, मुरैना के मोइन खान और ग्वालियर के अनिकेत अरोरा रहे। तीसरे स्थार पर तीन विद्यार्थी - भिंड के मुकेश बघेल,कोतमा (अनूपपुर) के आकाश प्रजापति और कालापीपल (शाजापुर) के रिषभ मकवाना रहे।



बायोलॉजी समूह में होशंगाबाद की सुश्री राखी साहू, ग्वालियर की ज्योत्सना जाट, होशंगाबाद की सुश्री अदिति जैन तीसरे स्थान पर रही। कॉमर्स में इन्दौर की सुश्री वंशिका अग्रवाल प्रथम, नीमच की सुश्री प्रियांशी राठी द्वितीय और खण्डवा की सुश्री अदिश्री तृतीय स्थान पर रही।



कृषि में नितिश खरे, टीकमगढ़ और संदीप पटेल दमोह प्रथम स्थान पर, श्री विजय जाटव शिवपुरी द्वितीय स्थान पर रहे। तृतीय स्थान पर चार विद्यार्थी रहे, इनमें श्योपुर के वीरेंद्र गुर्जर, शिवपुरी के पंकज वर्मा, शिवपुरी की सुश्री मोना राठौर एवं दमोह के संस्कार चौरसिया शामिल हैं। मानवीकी समूह में सुश्री अनुष्का जौहरी एवं सुश्री सविता-बरघाट अव्वल रही।



फाइन आर्ट में सुश्री शांति गुप्ता-सीधी प्रथम रही। सुश्री उषा श्रीवास-छतरपुर द्वितीय और सिंगरौली की सुश्री सुधा कुशवाह तृतीय रही। दिव्यांग श्रेणी में होशंगाबाद के दृष्टि-बाधित राकेश सरयाम प्रथम, इन्दौर की मूक-बधिर सुश्री अग्रवाल द्वितीय और इन्दौर के मूक-बधिर श्री शंकरलाल तृतीय रहे।



मंडल के उपाध्यक्ष भागीरथ कुमावत ने माध्यमिक शिक्षा मंडल को उल्लेखनीय कार्यों के लिये प्राप्त फ्यूचर रिस्टक स्कूल बोर्ड 2017 के प्रमाण-पत्र मुख्यमंत्री को सौंपे। यह प्रमाण-पत्र गत दिवस राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर मंडल को दिया गया। समारोह में सांसद उज्जैन चिंतामणि मालवीय, विधायक ओम प्रकाश सखलेचा, कल सिंह भाबर, रामेश्वर शर्मा, मेरिट सूची में आने वाले 176 विद्यार्थी, उनके अभिभावक और शिक्षक उपस्थित थे।



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