Bhopal: 16 मई 2017, शिवराज सरकार ने दिग्विजय सिंह शासनकाल में बने जनशिकायत निवारण विभाग को बंद कर दिया है। यह विभाग केबिनेट मंत्री जयभान सिंह पवैया के पास था। अब श्री पवैया के पास सिर्फ उच्च शिक्षा एवं लोक सेवा प्रबंधन विभाग ही रह गये हैं।
राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने जन शिकायत निवारण विभाग को मप्र शासन कार्य आवंटन नियमों में संशोधन कर खत्म किया है। अब इस खत्म किये गये विभाग के कार्यों को लोक सेवा प्रबंधन विभाग को सौंप दिया गया है। लोक सेवा प्रबंधन विभाग को जो कार्य समन्वय एवं मानीटरिंग हेतु सौंपे गये हैं वे हैं : एक, मुख्यमंत्री तथा मंत्रीगण को भोपाल में तथा दौरों पर प्राप्त होने वाले शिकायती-पत्र, अभ्यावेदनों और आवेदन-पत्रों का जो उनके विभाग से सीधे संबंधित न हों, पंजीकरण और अनुसरण करना। दो, संसद सदस्यों, विधायकों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों से मुख्यमंत्री सचिवालय में प्राप्त पत्र एवं संदर्भ। तीन, कमजोर वर्गों से संबंधित व्यक्तियों के शोषण और उन पर अत्याचार संबंधी शिकायतें। चार, भूमि विवाद संबंधी अभ्यावेदन व शिकायतें। पांच, भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतें। छह, पेंशन और वेतन भुगतान में विलंब संबंधी मामले। सात, दिवंगत शासकीय सेवकों के आश्रितों के अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति संबंधी मामले। आठ, प्रधानमंत्री कार्यालय से प्राप्त होने वाली याचिकायें आदि।
उक्त आठ विषयों के मामलों में लोक सेवा प्रबंधन विभाग प्रशासकीय विभाग निर्धारित किया गया है तथा उसे मिलने वाली शिकायत-पत्रों, अभ्यावेदनों और आवेदन-पत्रों पर आवश्यक कार्यवाही करने के लिये तथा उनका शीघ्रता से निपटारा करने के लिये उत्तरदायी बनाया गया है।
- डॉ नवीन जोशी
बंद हुआ जनशिकायत निवारण विभाग
Location:
Bhopal
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