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बेरोजगारों को ऋण देने में बैंकों की रुचि नहीं, सलाहकार समिति की बैठक में खुली पोल

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: PDD                                                                         Views: 17911

Bhopal: 5 सितंबर 2017। बेरोजगारों के हाथ में रोजगार देने के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हों। योजनाओं के माध्यम से बेरोजगारों को ऋण मुहैया कराने के लिए बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। लेकिन जमीनी हकीकत इन दावों के विपरीत हैं। जिन बैंको को ऋण देने की जिम्मेदारी दी गई है, वही बैंकें बेरोजगारों को लोन देनें में रुचि नहीं ले रही हैं। ये हम नहीं कह रहे बल्कि बैंकों की इस रवैए की पोल सोमवार को जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में खुली।



हर माह करूंगा बैंक ऋण आवेदनों की समीक्षा

केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में युवाओं को रोजगार व उद्योग लगाने के लिए बैंकों में हजारों आवेदन लंबित पड़े हुए हैं। इससे यह साफ जाहिर है कि भोपाल जिले की स्थिति क्या है। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा, बैंक अपने आंकड़ों को सुधार लें। यह बात सोमवार को जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में पहुंचे प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव ने कही। बैठक में कलेक्टर सुदाम खाडे बैंकों की जानकारी प्रस्तुत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनांतर्गत 1736 प्रस्ताव बैंक में भेजे गये। बैंक ने 266 प्रस्ताव स्वीकृत किये और 101 प्रस्ताव पर ऋ ण वितरण कर दिया। इसी तरह मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अंतर्गत 116 प्रस्ताव बैंक भेजे गये, जिसमें 19 प्रस्ताव स्वीकृत किये गये एवं 10 पर वितरण किया गया। प्रधानमंत्री मंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 83 प्रस्ताव भेजे गये, जिसमें बैंक ने 8 स्वीकृत किये और 4 पर वितरण किया गया है। कलेक्टर अभी आंकड़े प्रस्तुत कर ही रहे थे कि बीच में प्रभारी मंत्री ने कह दिया कि यह रिपोर्ट संतोषजनक नहीं है। इससे यह स्पष्ट है कि ऋण बांटने में बैंक फि सड्डी साबित हो रहे हैं। राजधानी के लगभग एक दर्जन से अधिक ऐसे सरकारी बैंक ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक एक भी आवेदक को ऋ ण वितरण नहीं किया है। बैठक में सांसद आलोक संजर, विधायक रामेश्वर शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष मनमोहन नागर सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।



बैंक क्यों करते हैं मार्च का इंतजार

बैठक में कलेक्टर ने कहा कि मार्च माह में ही बैंक सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ऋण का वितरण करती है। ऐसे में जहां आवेदनकर्ता को नए वित्तीय वर्ष में इसका लाभ मिलता है, वहीं राशि भी लैप्स हो जाती है। ऐसे में बैंक मार्च का इंतजार नहीं करते हुए जरूरतमंद लोगों को ऋणों का वितरण करे। प्रभारी मंत्री ने कहा कि आवेदक को यदि लोन की आवश्यकता नवंबर में है तो उसे मार्च में ऋण का लाभ कैसे मिलेगा।



किसी एक को तो लोन बांट का सीडी रेशों नहीं बढ़ा लिया

प्रभारी मंत्री श्री भार्गव ने बैंकों के कम सीडी रेशों पर बैंकों के प्रतिनिधियों से जवाब तलब किया। उन्होंने कहा कि अगली बैठक में सीडी रेशो बढ़ा होना ही चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा तो नहीं है कि चार लोगों को 5 सौ करोड़ ऋण वितरण कर सीडी रेशों तो नहीं बढ़ा लिया। उन्होंने कहा कि अगली बैठक में पूरे आंकड़े के साथ ही आएं।







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