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सरकारी जमीनों पर भी भूमिगत पाईप लाईन, केबल एवं डक्ट लगाने की अनुमति मिलेगी

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 17522

Bhopal: 8 सितंबर 2017। अब प्रदेश की सरकारी भूमि पर भी जल, गैस, मल, औद्योगिक अपशिष्ट के वहन के लिये विद्युत एवं फाईबर आप्टिक्स के पारेषण के लिये भूमिगत पाईप लाईन, केबल एवं डक्ट बिछाने की अनुमति मिल सकेगी। वर्ष 2012 में राज्य सरकार ने मप्र भूमिगत पाईप लाईन, केबल एवं डक्ट भूमि के उपयोक्ता के अधिकारों का अर्जन कानून बनाया था उसमें सिर्फ निजी भूमियों के उपयोग का अधिकार अर्जन करने का प्रावधान था तथा शासकीय भूमि में से भूमिगत पाईप लाईन, केबल या डक्ट बिछाने के लिये कोई प्रावधान नहीं था। इसलिये अब राज्य सरकार ने विभिन्न कंपनियों तथा सार्वजनिक उपक्रमों या अन्य एजेन्सियों को शासकीय भूमियों में से भूमिगत पाईप लाईन, केबल या डक्ट बिछाने हेतु नया प्रावधान कर दिया है।



राज्य के राजस्व विभाग द्वारा प्रशासकीय आदेश से जारी इन नये प्रावधानों के अनुसार, अब शासकीय भूमियों से भूमिगत पाईप लाईन, केबल या डक्ट बिछाने हेतु 30 वर्ष की अवधि के लिये वार्षिक शुल्क पर अनुज्ञप्ति दी जा सकेगी जो अवधि समाप्त होने के अंतिम वर्ष में आवेदन करने पर आगामी 30 वर्ष के लिये पुन: नवीनीकृत की जा सकेगी। इस अनुज्ञप्ति की स्वीकृति के लिये यदि जिले के भीतर भूमिगत पाईप लाईन, केबल या डक्ट बिछायी जाना है तो कलेक्टर, यदि एक जिले से अधिक किन्तु संभाग के भीतर भूमिगत पाईप लाईन, केबल या डक्ट बिछाई जाना है तो संभागीय आयुक्त तथा यदि एक से अधिक संभागों के भीतर भूमिगत पाईप लाईन, केबल या डक्ट बिछाई जाना है तो राज्य सरकार अनुज्ञप्ति जारी करने हेतु सक्षम प्राधिकारी होगी।



उक्त अनुज्ञप्तियां हेतु प्रीमीयम आवेदित भूमि के बाजार मूल्य का पन्द्रह प्रतिशत प्रभारित किया जायेगा और वार्षिक अनुज्ञप्ति शुल्क प्रभारित प्रीमीयम राशि का 2 प्रतिशत प्रभारित किया जायेगा। आवेदक एक से अधिक वर्षों का अनुज्ञप्ति शुल्क एकमुश्त जमा कर सकेगा। परन्तु हर साल अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण के समय प्रीमीयम देय नहीं होगा परन्तु वार्षिक अनुज्ञप्ति शुल्क पिछले वर्ष से दो गुना होगा।



नवीन प्रावधान में स्पष्ट किया गया है कि भूमिगत पाईप लाईन, केबल या डक्ट बिछाने हेतु लगने वाली पर्यावरण स्वीकृति आवेदक को स्वयं लेना होगी तथा वह ऐसी शासकीय भूमि पर कोई भवन या संरचना का निर्माण नहीं कर सकेगा। अनुज्ञप्ति अनुबंध के लिये देय स्टाम्प ड्यूटी आवेदक द्वारा वहन किया जायेगा।



विभागीय अधिकारियों के अनुसार, भूमिगत पाईप लाईन, केबल एवं डक्ट बिछाने के लिये अब तक निजी भूमियों के उपयोग का ही कानून प्रावधान था परन्तु अब राज्य सरकार ने केबिनेट की मंजूरी से प्रशासकीय आदेश जारी कर शासकीय भूमि के उपयोग का भी अधिकार प्रदान कर दिया है।





- डॉ नवीन जोशी

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