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डाक्टरों में नान प्रैक्टिस एलाउन्स लेने में रुचि नहीं

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: Admin                                                                         Views: 1819

Bhopal: 20 दिसंबर 2017। ऐेसे सरकारी डाक्टर जो स्वास्थ्य संचालनालय और उसके संभाग, जिला एवं विकासखण्ड कार्यालयों में प्रशासनिक काम देख रहे हैं, में नान प्रैक्टिस एलाउन्स लेने में रुचि नहीं है। जबकि वर्ष 2008 से राज्य सरकार ने उन्हें सुविधा दी है कि वे प्रायवेट प्रैक्टिस न कर अपना पूरा समय प्रशासनिक कामकाज में लगाने के एवज में नान प्रैक्टिस एलाउन्स लें जोकि उनके वेतन एवं भत्तों का हर माह करीब पच्चीस प्रतिशत होता है। लेकिन वे नान प्रैक्टिस एलाउन्स न लेकर इसके स्थान पर धड़ल्ले से प्रायवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं।



जब वर्ष 2008 में जब राज्य सरकार ने नान प्रैक्टिस एलाउन्स का प्रावधान किया तो उसके विरोध में काफी तादाद में सरकारी डाक्टरों ने वीआरएस ले लिया था। इससे स्वास्थ्य व्यवस्था चरमारा गई थी। इस पर नया प्रावधान किया गया कि प्रशासनिक कामकाज देख रहे जो डाक्टर नान प्रैक्टिस एलाउन्स नहीं लेते हैं तो उन्हें प्रायवेट प्रैक्टिस करने पर एक हजार रुपये विशेषज्ञ डाक्टर को तथा 500 रुपये सहायक चिकित्सा अधिकारी को रोगी कल्याण समिति में सालाना जमा कराने होंगे। लेकिन इसके बावजूद बहुत कम सरकारी डाक्टरों ने नान प्रैक्टिस एलाउन्स लेने में रुचि दिखाई। जबकि केंद्र सरकार में अभी भी नान प्रैक्टिस एलाउन्स की व्यवस्था है तथा वहां प्रायवेट प्रैक्टिस नहीं करने दी जाती है।



हाल ही में सम्पन्न विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बड़वानी के आदिवासी कांग्रेस विधायक रमेश पटेल के लिखित सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने लिखित रुप से स्वीकार किया है कि भोपाल जिले में 7, इंदौर जिले में 7 तथा बड़वानी जिले में मात्र 8 सरकारी डाक्टर ही नान प्रैक्टिस एलाउन्स ले रहे हैं जबकि भोपाल जिले में 186, इंदौर जिले में 73 तथा बड़वानी जिले में 90 सरकारी डाक्टर नान प्रैक्टिस एलाउन्स नहीं ले रहे हैं। उन्होंने पूछे जाने पर भी इस बात की जानकारी नहीं दी कि जो डाक्टर नान प्रैक्टिस एलाउन्स नहीं ले रहे हैं, तो क्या उन्होंने बदले में क्रमश: एक हजार व पांच सौ रुपये की राशि सरकार के कोष में जमा कराई है। जाहिर है कि प्रशासनिक कामकाज देख रहे ज्यादातर सरकारी डाक्टर नान प्रैक्टिस एलाउन्स न लेकर प्रायवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं।



विभागीय अधिकारी के अनुसार, प्रशासनिक कामकाज देख रहे सरकारी डाक्टरों के लिये नान प्रैक्टिस एलाउन्स देने की व्यवस्था है। न्यायालयीन प्रकरणों के कारण प्रायवेट प्रैक्टिस पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई जा सकी है।





- डॉ नवीन जोशी

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