Bhopal: 30 जून 2018। मध्यप्रदेश में शराब के स्थान पर पेट्रोल डीजल से राजस्व की ज्यादा आय प्राप्त हुई सरकारी सूत्रों की माने तो आबकारी महकमा पिछड़ रहा है।
वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बताया कि प्रदेश में टैक्स से शराब के बजाये पैट्रोल-डीजल से ज्यादा आय हो रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-18 में आबकारी आय कुल 8 हजार 223 करोड़ 38 लाख रुपये हुई जिसमें विदेशी मदिरा कास्ट प्राईज 1 हजार 252 करोड़ 9 लाख रुपये थी। जबकि वर्ष 2017-18 में पैट्रोल-डीजल पर टैक्स से कुल आय 9 हजार 213 करोड़ 17 लाख रुपये हुई। वर्ष 2011-12 से अब तक यही स्थिति है कि शराब के मुकाबले पैट्रोल-डीजल से ज्यादा सरकार को आय हो रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूर्ण शराब बंदी औचित्यहीन माना है :
वित्त मंत्री ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूर्ण शराब बंदी को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में औचित्यहीन माना है। इसके अलावा मप्र राज्य में आदिवासी जनसंख्या का बाहुल्य है जो विभिन्न पारिवारिक, सामाजिक एवं धार्मिक अवसरों पर रीति रिवाजों अनुसार मदिरा का उपयोग इन अवसरों पर करते हैं। इसलिये शराब बंदी से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।
अमेरिका में मद्यनिषेध असफल रहा है :
वित्त मंत्री ने बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में मद्यनिषेध का नोबल एक्सपेरीमेंट असफल रहा है तथा भारत के विभिन्न राज्यों में भी उक्त प्रयोग असफल होने के कारण पुन: मदिरा पर से प्रतिबंध हटाना पड़ा है। वित्त मंत्री ने बताया कि भारत में दस राज्यों ने स्वतंत्रता के पश्चात अपने राज्यों में मद्यनिषेध विभिन्न अवधियों में पुन: लागू किया। जैसे मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु एवं बिहार। मिजोरम ने मद्यनिषेध लागू करने के 18 साल बाद वर्ष 2014 में पुन: मद्यनिषेध को हटा दिया।
? डॉ. नवीन जोशी
प्रदेश को शराब के बजाये पैट्रोल-डीजल से ज्यादा आय हुई
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Bhopal
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