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विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यकाल खत्म होने के पूर्व बढ़वा लिया अपना स्थापना बजट

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 1414

Bhopal: 24 जुलाई 2018। मप्र विधानसभा के अध्यक्ष सीतासरन शर्मा ने अपना कार्यकाल खत्म होने के कुछ माह पहले ही अपना स्थापना बजट बढ़वा लिया है। ज्ञातव्य है कि वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल कुछ माह बाद समाप्त होने वाला है तथा अगली विधानसभा के गठन हेतु आम चुनाव होने वाले हैं।



विधानसभा के अध्यक्ष को मप्र विधानसभा सचिवालय सेवा अधिनियम 1981 के तहत बने मप्र विधानसभा सचिवालय भर्ती तथा सेवा शर्तें नियम 1990 के तहत अधिकार होते हैं कि वे अपनी निजी पदस्थापना में छह माह हेतु किसी भी व्यक्ति को नौकरी पर रख सकते हैं तथा इसके लिये उन्हें एक निश्चित सालाना बजट दिया जाता है जिसके अंतर्गत वे इन अस्थाई रुप से रखे गये लोगों को मासिक पारिश्रमिक देते हैं।



सीतासरन शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष के पद पर 9 जनवरी 2014 को कार्यभार ग्रहण किया था और उन्होंने अपनी निजी पदस्थापना में छह माह के लिये अस्थाई नियुक्तियां करने के लिये कुछ ही समय में अपना सालाना स्थापना बजट 15 लाख रुपये करा लिया था। इस बजट को बढ़ाने के लिये राज्य के वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजना होता है तथा वित्त विभाग की स्वीकृति से ही यह बजट बढ़ता है।



लेकिन अब स्पीकर शर्मा ने अपना स्थापना बजट एक बार फिर बढ़वा लिया है। इसके लिये राज्य के वित्त विभाग की स्वीकृति भी मिल गई है। अब यह स्थापना बजट 15 लाख रुपये से बढक़र 20 लाख रुपये सालाना हो गया है। दरअसल अस्थाई रुप से नियुक्त कर्मियों को आगे भी सेवा में जारी रखने के लिये उन्हें छह माह बाद कुछ समय के लिये ब्रेक दे दिया जाता है तथा कुछ समय बाद उन्हें पुन: अस्थाई नियुक्ति दे दी जाती है। हांलाकि ऐसी सेवावृध्दि सिर्फ दो साल तक के लिये ही की जा सकती है। कांग्रेस शासन काल में तत्कालीन स्पीकर श्रीनिवास तिवारी तो इन अस्थाई कर्मियों को नियमित सेवा में कराने के लिये केबिनेट की मंजूरी ले लिया करते थे। परन्तु वर्तमान स्पीकर शर्मा ऐसा नहीं कर पाते हैं।



विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष को नियमों के अंतर्गत अस्थाई नियुक्तियां करने के अधिकार दिये गये हैं तथा उनकी निजी पदस्थापना में आधा दर्जन व्यक्ति कार्यरत हैं। चूंकि विधानसभा के स्थाई कर्मियों को अब सातवां वेतनमान मिल रहा है, इसलिये इन अस्थाई कर्मियों को या तो कम करने अथवा अधिक पारिश्रमिक देने की आवश्यक्ता हो गई थी। इसीलिये अध्यक्ष के स्थापना बजट को 15 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है।







- डॉ. नवीन जोशी

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