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सहकारिता : पीएससी के बाद विभागीय परीक्षा में हिन्दी पेपर पास करना जरुरी

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: Admin                                                                         Views: 1425

Bhopal: 31 जुलाई 2018। राज्य सरकार ने सहकारिता विभाग में लोक सेवा आयोग के द्वारा सीधी भर्ती के माध्यम से चयनित सहायक आयुक्त यह सहायक पंजीयक के लिये विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने के नये नियम जारी किये हैं जिसमें गैर हिन्दी भाषी सहायक आयुक्त को हिन्दी का पेपर उत्तीर्ण करना जरुरी किया गया है।



नये नियमों के तहत अब सहकारिता विभाग साल में दो बार जनवरी एवं जुलाई में विभागीय परीक्षा आयोजित करेगा। परीक्षा में छह प्रश्नपत्र होंगे जिनमें शामिल हैं : सहकारिता सामान्य, सहकारिता तथा सामान्य विधि (पुस्तकों सहित), सहकारी बैंकिंग प्रणाली, सहकारी लेखा-अंकेक्षण, आदेश लेखन (पुस्तकों सहित) तथा सामान्य हिन्दी (गैर हिन्दी भाषी प्रशिक्षु अधिकारियों के लिये)।



नियम में कहा गया है कि ऐसे समस्त अधिकारियों को गैर हिन्दी भाषी समझा जायेगा जिन्होंने मैट्रिक या उसके समकक्ष परीक्षा हिन्दी माध्यम या हिन्दी विषय लेकर उत्तीर्ण नहीं की हो तथा जिनकी मातृ भाषा हिन्दी न हो।



हिन्दी भाषा का पेपर दसवीं कक्षा के स्तर का होगा। परीक्षा में प्रत्येक प्रश्न-पत्र को सामान्य अभ्यर्थी द्वारा न्यूनतम 65 प्रतिशत के साथ तथा अजाजजा अभ्यर्थी को न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण करना जरुरी किया गया है।



परीक्षा उत्तीर्ण न करने पर लगेंगी ये शास्तियां :

नियमों में कहा गया है कि अभ्यार्थी को परीक्षा दो वर्ष की कालावधि के भीतर उत्तीर्ण करनी होगी। यदि सभी प्रश्न-पत्रों को उत्तीर्ण करने में असफल रहता है तो उसका सेवा में स्थायीकरण नहीं किया जायेगा तथा द्वितीय वेतनवृध्दि स्वीकृत नहीं की जायेगी। परन्तु प्रश्न-पत्र 4 एवं 5 उत्तीर्ण करने पर प्रथम वेतन वृध्दि स्वीकृत की जायेगी किन्तु आगामी वेतनवृध्दियां तब तक स्वीकृत नहीं की जायेंगी जब तक कि प्रशिक्षु अधिकारी समस्त प्रश्न-पत्रों को उत्तीर्ण नहीं कर लेता। उल्लेखनीय है कि इस समय सहकारिता विभाग में सहायक आयुक्त सह पंजीयक के कुल 87 पद स्वीकृत हैं।



विभागीय अधिकारी ने बताया कि विभागीय परीक्षा के नये नियम जारी किये गये हैं। पीएससी में चयनित होने के बाद इस परीक्षा को उत्तीर्ण करना जरुरी होता है अन्यथा सेवामुक्त किया जा सकता है। चूंकि विभाग में अब सारा कामकाज हिन्दी भाषा में ही होता है इसलिये गैर हिन्दी भाषी अधिकारियों के लिये हिन्दी का पेपर पास करना जरुरी किया गया है।





- डॉ. नवीन जोशी

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