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जापानियों की मुकाबले भारतियों मैं कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ की संभावना 20 प्रतिशत ज्यादा : डॉ बलराम

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: PDD                                                                         Views: 2090

Bhopal: मधुमेह एवं हृदय रोग पर दो दिवसीय 16वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

12 अक्टूबर 2018। 16वें दो दिवसीय मधुमेह एवं हृदय रोग पर राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ आज राजधानी के होटल कोर्टयार्ड बॉय मेरियट मे हुआ। इस सम्मेलन में देशभर से आये हृदय रोग विशेषज्ञ, डायबैटोलाॅजिस्ट, ई.सी.जी. विशेषज्ञ, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ तथा फिजीशियन्स आदि भाग ले रहे हैं। सम्मेलन का उद्घाटन डाॅ. बलराम, डायरेक्टर जनरल, इंडियन काउंसिल आॅफ मेडीकल रिसर्च, नई दिल्ली द्वारा किया गया एवं डाॅ. प्रदीप चौबे, बेरियाट्रिक सर्जन, दिल्ली ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करी। सम्मेलन के बारे मे जानकारी देते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष डाॅ. पी.सी. मनोरिया एवं सचिव डाॅ पंकज मनोरिया ने बताया की हृद्य रोग, मधुमेह, ई.सी.जी. एवं गहन चिकित्सा सभी चिकित्सकों की खास आवश्यकता होती है और इसी को ध्यान में रखकर उक्त सम्मेलन का आयोजन किया गया है।



उक्त सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त डाॅ. बलराम भार्गव, डायरेक्टर जनरल, इंडियन काउंसिल आॅफ मेडीकल रिसर्च, नईदिल्ली भी भाग ले रहे हैं, डॉ बलराम ने अपने उद्बोधन मे बताया की भारतियों मे कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ होने की संभावना अमेरिकीयों के मुकाबले 4 गुना और जापानियों के मुकाबले 20 गुना ज्यादा है। डॉ बलराम ने ये भी बताया की हमारे देश मे ये बीमारी लोगो की ज़िन्दगी मे 10 साल पहले ही दस्तक दे रही रही।



डाॅ पी.सी. मनोरिया ने बताया कि हार्ट अटैक के अलावा स्ट्रोक (ब्रेन स्ट्रोक या लकवा) पर भी विस्तार से चर्चा की जा रही है क्योंकि इस बारे मे ज्यादातर मरीजों को यह नहीं मालूम है कि यदि वे चार से पांच घंटे के भीतर अस्पताल में भर्ती हो जाते हैं तो दिमाग की अवरूद धमनी में खून कें थक्के को घोलने की दवाई से काफी हद तक अपंगता से बचा जा सकता है। यदि थ्राॅम्बोक्टाॅमि की सुविधा उपलब्ध है तो इस बीमारी का उपचार 18 से 24 घंटे के भीतर भी किया जा सकता है। मधुमेह और हार्ट फैलियर पर भी विस्तार से चर्चा होगी। मोटापे पर भी एक विशेष सत्र रखा गया है ।



डाॅ. पंकज मनोरिया ने बताया इस दौरान वेन्स की बीमारियों की लेजर थैरेपी द्वारा इलाज पर भी प्रकाश डाला गया। उन्होंने बताया कि कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ वाले मरीजों के लिए, हम प्लाक को हटाने के लिए लेजर का उपयोग करते हैं और रक्त वाहिका को स्टेंट डालने के लिए तैयार कर सकते हैं। गंभीर रोगों से पीड़ित वृद्ध लोगों के लिये भी एक विशेष सत्र रखा गया है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर की नई गाइडलाइन्स एवं नई दवाईयों पर भी चर्चा होगी। कार्यक्रम मे एक प्रश्नोत्तरी एवं ई.सी.जी. पर भी इंटरैक्टिव सत्र रखा गया है। इसके अलावा सम्मेलन में लगभग 70 शोध पत्र भी प्रस्तुत किये जा रहे हैं।



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