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मलेरिया के एंटीबाडी रेपिड टेस्ट पर लगा प्रतिबंध

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: PDD                                                                         Views: 1315

Bhopal: केंद्र सरकार ने लगाईं रोक, प्रदेश की टेस्टिंग मशीन भरोसेमंद नही...

10 नबंबर 2018। केंद्र सरकार ने पूरे देश में मलेरिया के एंटीबाडी डिटेक्टिंग रेपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे अब मलेरिया का रेपिड टेस्ट सिर्फ एंटीजन डिटेक्टिंग रेपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट के माध्यम से ही होगा। ऐसा इसलिये किया गया है कि एंटीबाडी रेपिड टेस्ट के परिणाम सही नहीं होते हैं।



ज्ञातव्य है कि प्रदेश के सरकारी एवं निजी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले पीडि़त लोगों का बुखार मलेरिया है या नहीं इसके लिये रेपिड टेस्ट यानि त्वरित परीक्षण किया जाता है जिसके लिये एक छोटी सी मशीन में मरीज के रक्त की बूंद डालकर परिणाम जाने जाते हैं। इसमें एंटीबाडी डिटेक्टिंग रेपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट से इसका तुरन्त पता चलाया जाता है। लेकिन भारत सरकार ने विशेषज्ञों से जांच कर पता चलाया है कि इस पध्दति से मलेरिया की जांच में वर्तमान संक्रमण का पता नहीं चलता है बल्कि पहले कभी हुये प्रभाव का मापन करता है। इससे मरीज के बुखार की सही स्थिति का पता नहीं चल पाता है। एंटीबाडी डिटेक्टिंग रेपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट की कम लागत और नि:शुल्क उपलब्धता के कारण इसका अत्यधिक उपयोग अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा किया जाता है। इसी कारण से मलेरिया की गलत पाजीटिव रिपोर्ट के मामले ज्यादा संख्या में सामने आ रहे हैं जबकि एंटीजन डिटेक्टिंग रेपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट से रिपोर्ट सही यानि नेगेटिव मिलती है। देश में एंटीबाडी डिटेक्टिंग रेपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट का उपयोग पिछले 35 सालों से हो रहा है तथा अब परीक्षण में इसे सही नहीं पाया गया है। इसी कारण से भारत सरकार ने औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत 23 जुलाई 1983 से एंटीबाडी डिटेक्टिंग रेपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट के किये गये प्रावधान को खत्म कर दिया है और इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।



विभागीय अधिकारी ने बताया कि एंटीबाडी डिटेक्टिंग रेपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट के परिणाम सही नहीं मिल रहे थे इसलिये सरकारी अस्पतालों में इसका उपयोग पिछले काफी दिनों से प्रतिबंधित कर दिया है। निजी अस्पतालों में जरुर अभी इसका उपयोग हो रहा है जिसे अब पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। हम लोग मलेरिया का त्वरित पता एंटीजन डिटेक्टिंग रेपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट से कर रहे हैं जिसके परिणाम सही होते हैं।


















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