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अब बिल्डिंग परमीशन हेतु स्थानीय निकाओं में पर्यावरण सेल बनेंगे

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: प्रतिवाद                                                                         Views: 17690

Bhopal: 22 फरवरी 2017, भवनों एवं अन्य निर्माणों की स्वीकृति अब स्थानीय निकायों में गठित किये जाने वाले पर्यावरणीय सेल देंगे। यह कार्यवाही केंद्र सरकार के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा नवीन प्रवधान किये जाने के कारण होगी। इस संबंध में केंद्रीय पयार्सवरण राज्य मंत्री अनिल माधव दवे ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आधिकारिक पत्र भी लिखा है।



श्री दवे ने अपने पत्र में कहा है कि केंद्र के नये प्रावधान के तहत राज्य सरकार द्वारा स्थानीय निकाओं के माध्यम से बिल्डिंग परमीशन दी जाना चाहिये। पहली बार यह प्रावधान किया गया है कि स्थानीय निकाय में एक पर्यावरणीय सेल के माध्यम से यह बिल्डिंग परमीश्न दी जाये तथा यह परमीशन सेल्फ डिक्लेयरेंस, क्वालिफाईड बिल्डिंग एनवायरमेंट आडिटर द्वारा सर्टिफाईड करन, नये पर्यावरणीय मापदण्डों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाने तथा पर्यावरणीय मापदण्डों के पालन पर आधारित हो।



श्री दवे ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि नये पर्यावरणीय प्रावधान हरित भविष्य के लिये बहुत महत्वपूर्ण हैं। देश का बिल्डिंग सेक्टर देश की 40 प्रतिशत बिजली, 30 प्रतिशत कच्चे माल, 20 प्रतिशत पानी का उपयोग करता है तथा 30 प्रतिशत ठोस अपशिष्ट, 20 प्रतिशत गंदे पानी तथा 38 प्रतिशत कार्बन आक्साईड का उत्सर्जन करता है। इन नये पर्यावरणीय प्रावधानों का पालन करने पर देश के सकल घरेलू उत्पाद पर भार कम पड़ेगा।



केंन्द्र ने नये पर्यावरणीय प्रावधान में उल्लेख किया है कि स्थानीय निकाय में पर्यावरण सेल बनने से फिर आवेदक को केंद्र एवं राज्य के अधिकृत संसथाओं से जल एवं वायु प्रदूषण नियंत्रण संबंधी अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने की जरुरत नहीं होगी तथा वर्ष 2022 तक सबको आवास योजना के तहत आवासीय भवनों का सरलता से निर्माण हो सकेगा।



श्री दवे के इस पत्र पर सीएम सचिवालय ने सभी संबंधित विभागों को इस संबंध में त्वरित कार्यवाही करने के लिये निर्देशित कर दिया है।

विभागीय अधिकारियों का कहना है केंद्र सरकार के नये पर्यावरणीय प्रावधान आये हैं जिन्हें अधीनस्थ मुख्य अभियंताओं को भेज दिया है। इसमें केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री का पत्र भी संलग्र किया गया है। ये प्रावधान जल संसाधन विभाग के निर्माणों पर भी लागू होते हैं। केंद्र ने पर्यावरणीय मामलों में सरलीकरण किया है।





- डॉ नवीन जोशी







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