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आयुष कालेजों में सामान्य वर्ग के गरीबों को मिलेगा दस प्रतिशत का आरक्षण लाभ

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 1856

Bhopal: कमलनाथ सरकार ने बदले प्रावधान

1 अगस्त 2019। प्रदेश के आयुष कालेजों जिनमें आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग स्नातक शामिल हैं, में अब प्रवेश पर सामान्य वर्ग के गरीबों को दस प्रतिशत का आरक्षण मिलेगा। इसके लिये राज्य सरकार ने नये नियम जारी कर दिये हैं।

उक्त कालेजों में प्रवेश नेशनल टेस्टिंग एजेन्सी द्वारा आयोजित की जाने वाली नीट परीक्षा के माध्यम से दिया जायेगा। एमपी आनलाईन से इस परीक्षा में भाग लेने हेतु आवेदन किया जा सकेगा। सभी आयुष कालेजों की 15 प्रतिशत सीटों पर काउन्सिलिंग आल इण्डिया स्तर पर केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत एजेन्सी द्वारा सेन्ट्रलाईज्ड काउन्सिलिंग के माध्यम से प्रवेश दिया जायेगा। शेष सीटों पर स्टेट लेवल काउन्सिलिंग से प्रवेश दिया जायेगा। शासकीय एवं निजी आयुष कालेजों में प्रवेश में अनुसूचित जाति को 20, अनुसूचित जनजाति को 16, ओबीसी को 14 तथा सिर्फ शासकीय आयुष कालेजों में सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। मप्र के मूल निवासी दिव्यांगजनों को 6 प्रतिशत का आरक्षण मिलेगा। शासकीय आयुष कालेजों में प्रवेश हेतु अभ्यर्थी का मप्र का मूल निवासी होना जरुरी होगा।



देनी होगी प्रतिभूति राशि :

शासकीय आयुष कालेजों में प्रवेश हेतु अनारक्षित वर्ग को 20 हजार रुपये प्रतिभूति राशि बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से जमा करना होगी जबकि 3 लाख रुपये सालाना आय वाले आरक्षित वर्ग को कोई प्रतिभूति राशि नहीं देना होगी। 3 लाख रुपये सालाना से अधिक आय वाले आरक्षित वर्ग को 4 हजार रुपये प्रतिभूति राशि देना होगी। इंटर्नशिप के बाद यह प्रतिभूति राशि बिना ब्याज के वापस कर दी जायेगी।



आरक्षित वर्ग के लोग न मिलने पर सामान्य गरीबों से सीटें भरी जायेंगी :

राज्य की कमलनाथ सरकार ने सरकारी आयुष कालेजों में प्रवेश का एक और नया प्रावधान कर दिया है। ऐसे सरकारी आयुष कालेज जिनमें आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग शिक्षा वाले कालेज में शामिल हैं और जिनमें प्रवेश नीट के माध्यम से होगा उनमें यदि आरक्षित वर्ग अजाजजा एवं ओबीसी के पात्र उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होते हैं तो ऐसी स्थिति में रिक्त सीटों की पूर्ति सामान्य वर्ग के गरीबों जिन्हें दस प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है, के पात्र उम्मीदवारों से भरी जायेंगी।



इस संबंध में राज्य के आयुष विभाग ने गत 8 जुलाई को जारी मप्र आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग पाठ्यक्रमों में नीट के माध्यम से प्रवेश नियम 2019 में संशोधन कर दिया है। एक और नये संशोधन इन नियमों में यह भी किया गया है कि यदि चारों आरक्षित वर्ग अर्थात अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी एवं सामान्य गरीब वर्ग से कोई पात्र उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में रिक्त सीटों की पूर्ति अनारक्षित प्रवर्ग के पात्र उम्मीदवारों से की जायेगी।







- डॉ. नवीन जोशी

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