1: उर्जित पटेल अगले 4 सितम्बर को रघुराम राजन की जगह भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर का पद संभालेंगे.
उर्जित पटेल पिछले तीन साल से ज्यादा समय से रिजर्व बैंक में ही डिप्टी गवर्नर हैं, इसलिए यह माना जा सकता है कि उनकी नियुक्ति के बाद राजन के समय में बनाई गई या लागू की गई नीतियों को आगे बढ़ाया जाएगा.
यह पहला मौका है जब रिजर्व बैंक के गवर्नर का चयन कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति की सिफारिश पर हुआ है. इस समिति की सिफारिशों के आधार पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति संबंधी समिति (एसीसी) ने पटेल के नाम पर मुहर लगाई है.
पटेल को मौद्रिक नीति का विशेषज्ञ माना जाता है. पहले ब्याज दरें तय करने का पैमाना थोक महंगाई दर को माना जाता था. पटेल की अध्यक्षता वाली समिति ने खुदरा महंगाई दर को इसका पैमाना बनाने की सिफारिश की, जिसे स्वीकार कर लिया गया. यह एक बड़ा नीतिगत बदलाव था.
देश में पहली बार महंगाई दर का लक्ष्य तय करने का फैसला भी पटेल की अगुवाई वाली समिति की सिफारिशों के आधार पर हुआ था. इसके अनुसार तय हुआ कि अगले पांच साल के लिए खुदरा महंगाई दर का लक्ष्य चार प्रतिशत रहेगा जो ज्यादा से ज्यादा छह प्रतिशत तक जा सकती है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने की जिम्मेदारी गवर्नर और इस समिति की होगी, जो संसद के प्रति जवाबदेह होगी.
जाहिर है, पटेल के लिए यह एक चुनौती होगी. हालांकि गवर्नर बनने के बाद पटेल अकेले मौद्रिक नीति या ब्याज दरों में फेरबदल का फैसला नहीं कर पाएंगे. अब यह काम छह सदस्यों वाली एक समिति करेगी, जिसके प्रमुख गवर्नर होंगे. कहने की आवश्यकता नहीं कि अर्जित पटेल के समक्ष राजन के अधूरे एजेंडे को पूरा करने की चुनौती होगी.
राजन ने अपने तीन वर्ष के कार्यकाल में रिजर्व बैंक के कामकाज में कई बदलावों की शुरुआत की है, जिनमें कई अभी पूरे नहीं हुए हैं. फंड की कमी व फंसे हुए कर्ज (एनपीए) की समस्या से जूझते सरकारी बैंकों को इससे निकलने और नई राह सुझाने की भूमिका उन्हें निभानी है.
डिप्टी गवर्नर रहते उन्होंने बैंकों की ग्राहक सेवा संबंधी गुणवत्ता के स्तर पर चिंता प्रकट की थी एवं उसके सुधारने के लिए रिजर्व बैंक ने कदम उठाना आरंभ किया है. इसे भी पटेल को पूरा करना होगा. चूंकि, पटेल को महंगाई से निपटने में माहिर योद्धा के तौर पर जाना जाता है, सो उनसे उम्मीद भी बड़ी है. लेकिन यह सब उनके पदभार ग्रहण करने के बाद ही परिलक्षित होगी.
उर्जित करेंगे ऊर्जस्वित
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