1: देश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आवासीय परिसर एवं हॉस्टल इन दिनों चिकनगुनिया और डेंगू की चपेट में हैं। एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) का कहना है कि बीमारी फैलने के कारण इमरजेंसी में मरीजों की तादाद बढ़ गई है।
इस वजह से मरीजों को भर्ती करना मुश्किल हो रहा है। स्थिति यह है कि बीमारी से पीड़ित रेजिडेंट डॉक्टरों को भी बेड नहीं मिल पा रहा है। यही नहीं, इमरजेंसी में वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की कमी के चलते स्थिति संभालना मुश्किल हो रहा है। इमरजेंसी में व्याप्त अव्यवस्था से नाखुश वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों ने सुविधाएं नहीं बढ़ाने की सूरत में इस्तीफा देने की चेतावनी दी है।
उल्लेखनीय है कि इमरजेंसी में वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की कमी का मुद्दा आरडीए ने पिछले महीने भी एम्स प्रशासन के समक्ष उठाया था। आरडीए का आरोप है कि इमरजेंसी में वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों के 20 पद निर्धारित हैं, जबकि सिर्फ सात डॉक्टर ही कार्यरत हैं। इस वजह से इमरजेंसी में वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की बहुत कमी है।
अब जब इमरजेंसी में चिकनगुनिया व डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ गई है तब भी वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है। इस वजह से इमरजेंसी में मरीजों को वक्त पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना मुश्किल हो रहा है। आरडीए का कहना है कि एम्स के इमरजेंसी में चिकनगुनिया व डेंगू से पीड़ित होकर ज्यादातर एम्स के कर्मचारी, उनके रिश्तेदार व रेजिडेंट डॉक्टर ही पहुंच रहे हैं।
एम्स के एबी नगर आवासीय परिसर में मच्छरों के प्रकोप के चलते बीमारी फैली हुई है। अब तक 100 से ज्यादा लोग बीमार हो चुके हैं। इसमें से ज्यादातर चिकनगुनिया से पीड़ित पाए गए हैं। इसके अलावा हॉस्टल में रेजिडेंट डॉक्टर भी बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें इलाज के लिए बेड नहीं मिल पा रहा है।
एम्स में चिकनगुनिया व डेंगू का प्रकोप
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