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गाँव और गरीब पर केंद्रित शिव सरकार का अंतिम बजट....

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: Admin                                                                         Views: 3938

Bhopal: 26780 करोड़ के घाटे का 14 वा बजट रखा मलैया ने

28 फरवरी 2018। मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने चुनावी साल में शिवराज सरकार का आखिरी बजट पेश किया।भाजपा सरकार का ये 14वा बजट था।तकरीबन 26780 करोड़ के घाटे का साथ वित्त मंत्री ने 2लाख 4 हजार 642 करोड़ का बजट पेश किया।बजट पूरी तरह गाँव गरीब और किसान पर केंद्रित रहा। जहां किसानों के लिए बजट में 37498 करोड़ रुपये रखें है वहीं सड़को ओर ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य योजनाओं केलिए खासा बजट रखा गया है।



-मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने भाजपा का 14वी बार ओर अपना 5वा बजट आज सदन में पेश कर दिया। सुबह कैबिनेट से एप्रूवल के बाद जयंत मलैया ने विधानसभा में 2 लाख 4 हजार 642 करोड़ का बजट पेश किया।इस बार बजट का घाटा 26780 करोड़ का रहा। बजट पूरी तरह गाँव गरीब और किसानों पर केंद्रित रहा।



किसानों की नाराजगी ओर मंदसौर में हुए किसानों पर गोलीकांड के बाद से समझा जा रहा था कि सरकार बजट किसानों के हित साधने वाला लाएगी। उम्मीद की जा रही थी कि सरकार बजट में कर्ज माफी कर किसानों की नाराजगी दूर करेगी। लेकिन कर्ज़ माफी के अलावा सरकार ने किसानों के हित में कई घोषणाएं की।



वित्त मंत्री जयंत मलैया ने अपने बजट भाषण की शुरुआत भी कृषि क्षेत्र की उपलब्धियों के साथ की।उन्होंने कहा की प्रदेश को 5 बार कृषि कर्मण अवार्ड मिला है। सरकार ने किसानों को उनकी फसल का उचितमूल्य मिले इसके लिए समर्थन मूल्य दिया गया। किसानों के लिए सरकार ने भावान्तर योजना भी चलाई। जिसके चलते प्रदेश के 15 लाख किसानों को इस योजना से फायदा मिला है। सरकार की इस दौरान7.3 फीसदी विकास दर हासिल की है जो राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। वित्त मंत्री ने कहा किपांच साल में किसानों की आय दुगनी करने के लिए सरकार भरसक कोशिश कर रही है। 2003 के मुकाबले आज 18 क्विन्टल से बढ़कर 35 क्विन्टल हो गई है।



किसानों के लिए



कर्जदार किसानों को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार जल्द ही समझौता योजना लेकर आने वाली है।इस योजना के लिए सरकार ने बजट में 350 करोड़ का प्रावधान रखा है।अल्पकालिक कर्ज़ चुकाने के लिए ओर डिफाल्टर किसानों के लिए सरकार इस योजना को लाई है।

इसके अलावा सरकार ने कर्जदार किसानों को राहत देने के लिए उनकी कर्ज़ चुकाने की आखिरी तारीख 20 मार्च से बढ़ाकर 27 अप्रैल कर दी है।वहीं 28 लाख किसानों को लाभ देने के उद्देश्य से सरकार ने सहकारिता क्षेत्र के लिए 1500 करोड़ से ज्यादा का प्रावधान रखा है।

ईसके अलावा पशुपालन के लिए सरकार 10398 ओर मछली पालन के लिए 91 करोड़ रुपये सरकार खर्च करेगी।साथ ही सिंचाई के लिए 10928 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है।सरकार का दावा हैबकी उसने 6 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया है।माइक्रो सिंचाई परियोजना के लिए सरकार ने 397 करोड़ रुपये रखें हैं। किसानों की फसल के संरक्षण के लिए कोल्ड स्टोरेज की संख्या बढ़ाई जाएगी।



इसके अलावा सरकार ने बजट में सड़कों पर भी जोर दिया है।इन्ही सड़कों के चलते दिग्विजय सरकार को अपनी सत्ता गंवाने के साथ मिस्टर बंटाधार की उपाधि भी मिली थी।वित्त मंत्री का कहना था कि 2003 मैं गड्ढों में सड़क ढूंढना पड़ती थी। अब सरकार प्रदेश में 3000 हजार किमी सड़कें बनाने जा रही है साथ ही 3500 किलोमीटर सड़को का पुर्नर निर्माण भी होगा।साथ ही 532 सड़को ओर 38 पुलों का निर्माण प्रस्तावित है। इसके अलावा इंदौर भोपाला के बीच 6 लें एक्सप्रेसवे के निर्माण को भी सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सरकार इसके अलावा सागर जबलपुर ओर ओरछा में बाईपास भी बनाएगी। मेट्रो रेल लाइन की स्थापना के लिए इंदौर ओर भोपाला में जल्द ही काम शुरू होगा।इसके अलावा स्मार्ट सिटी के लिए 700 करोड़ रुपये का प्रावधान भी रखा गया है।



इसके अलावा स्मार्ट सिटी के लिए 700 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है। स्वास्थ्य स्कीम से सरकार ने इस बजट में स्वास्थ्य सेवाओं पर खास ध्यान दिया है ।सरकार के मुताबिक देश में स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में प्रदेश का 17वा नंबर है। इसलिये सरकार ने बजट में लोक स्वास्थ्य के लिए 5689 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में सरकार छह नए मेडिकल कालेज खोलने जा रही है।आयुष सेवाओं के लिए सरकार ने 413 करोड़ का प्रावधान रखा है। साथ ही सरकार जबलपुर में राज्य केंसर सेंटर का निर्माण करेगी। ग्रामीण क्षेत्रो में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए सरकार इन क्षेत्रों में 10 बेड का अस्पताल खोलने पर 40 फीसदी या 3 करोड़ तक का अनुदान भी देगी। स्वास्थाय स्कीम से 77 लाख परिवारों को लाभ पहुचेगा।



इसके अलावा विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया बैगा ओर भरिया परिवारों के पोषण आहार के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान इस बजट में किया गया है जिससे करीब ढाई लाख परिवार को लाभ मिलेगा।



वहीं ऊर्जा क्षेत्र में सरकार ने 18 हजार 72 करोड़ का बजट रखा है।सरकार के मुताबिक 2003 में बिजलीं कटौती होती थी क्योंकि सिर्फ 5 हजार मेगावाट बिजलीं थी जो आज बढ़कर 18हजार मेगावाट बिजलीं मौजूद हैं। वहीं सरकार के मुताबिक 83 हजार करोड़ का निवेश ऊर्जा क्षेत्र में हो चुका है।



सरकार ने कुपोषण ओर बालमृत्यु मातृ मृत्यु दर बढ़ने के चलते पोषण आहार योजना पर 3हजार 722 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है।साथ ही सरकार ने तय किया है कि इसके वितरित करने की जिम्मेदारी महिला स्वयं सहायता समूहों के फेडरेशन के द्वारा की जाएगी।

सरकार ने बजट में प्रदेश में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 2 हजार 986 करोड़ ओर शहरी क्षेत्रों के लिए 691 करोड़ का प्रावधान किया है।



स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सरकार ने 2 हजार 234 करोड़ रुपये ओर शहरी क्षेत्रों के लिए 315 करोड़ का प्रावधान है।वहीं सरकार का मानना है कि शहरी क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है।



सरकार ने बजट का एक बड़ा हिस्सा स्कूली शिक्षा के लिए रखा है इसके लिए 21 हजार 724 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

तकनीकी शिक्षा ओर कौशल संवर्धन के लिए 1 हजार 501 करोड़ का ओर उच्च शिक्षा के लिए 2 हजार 244 करोड़ का प्रावधान किया गया है।



सरकार ने स्वरोजगार योजना के लिए 744 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है।

सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रो को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रो के लिए 6 हजार 600 करोड़ ओर शहरी क्षेत्रों के लिए 1 हजार 700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।



सरकार ने अपनी बेहद मत्वाकांशी योजना लाडली लक्ष्मी योजना के लिए 900 करोड़ रुपये का बजट रखा है।सरकार के मुताबिक 27 लाख 70 हजार से ज्यादा बालिकाओं को इस योजना के तहत लाभ दिया जा चुका है।



वहीं जयंत मलैया के मुताबिक अब सवा दो लाख सालाना आय वालों को प्रोफेशनल टेक्स नही लगेगा।साथ ही सवा दो लाख से 3 लाख आय वाले कर्मचारियों को ढाई हजार रुपये की जगह डेढ़ हजार रुपये प्रोफेशनल टेक्स लगेगा। वहीं 3 लाख से 4 लाख सालाना आय वालों को दो हजार रुपये टेक्स लगेगा।



सरकार ने बजट में कर्मचारियों का ध्यान रखा है।वित्त मंत्री के मुताबिक अध्यापक संवर्ग को खत्म काट शिक्षक बनाया जाएगा।साथ ही अतिथि शिक्षक और अतिथि विद्वान का वेतन भी बढ़ेगा।इसके अलावा आनगंवादी कार्यकर्ताओं को दी जाने वाली राशि में बढ़ोतरी भी की जाएगी।

बजट से जहां सरकार ने किसानों को साधने की कोशिश की है तो ग्रामीण क्षेत्र के लिए स्वास्थ्य सेवाओं समेत पेयजल योजनाओं और सिंचाई की व्यवस्था कर उन्हें भी साधने की कोशिश की है।सड़कों पर काम कर सरकार ने मिशन 2018 के लिए अपनी सड़क मजबूत करने की कोशिश की है।



- डॉ. नवीन जोशी

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