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चार जलाशयों में जल पर्यटन का लायसेंस कमलनाथ सरकार ने किया प्रावधान

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 2017

Bhopal: 18 जून 2019। कमलनाथ सरकार प्रदेश के चार और जलाशयों में जल पर्यटन हेतु लायसेंस देेगी। ये चार जलाशय हैं रीवा जिले के गोविन्दगढ़ जलाशय का जल क्षेत्र, भोपाल जिले के कोलार जलाशय का जल क्षेत्र, छिन्दवाड़ा जिले के माचागोरा बांध का जल क्षेत्र तथा बैतूल जिले के सापना बांध का जल क्षेत्र। ये चारों जलाशय राज्य के जल संसाधन विभाग के अंतर्गत आते हैं। इसके लिये राज्य के पर्यटन विभाग ने प्रावधान कर दिया है।



जल पर्यटन गतिविधियों हेतु जलाशयों का चयन पर्यटन विभाग की साधिकारी समिति करती है। इस समिति ने उक्त चार नये जलाशयों का चयन करने के साथ कहा है कि उक्त जल क्षेत्रों के चयन के पूर्व उनकी जल पर्यटन हेतु उपयुक्तता का परीक्षण कर लिया जाये तथा जल क्षेत्रों के न्यूनतम क्षेत्रफल विषयक मापदण्ड तय कर लिये जायें।



ज्ञातव्य है कि पिछली शिवराज सरकार ने वर्ष 2016 में मप्र राज्य पर्यटन नीति घोषित की थी। इस नीति के तहत 28 फरवरी 2017 को प्रदेश की जल पर्यटन गतिविधियों हेतु लायसेंस देने की प्रक्रिया संबंधी निर्देश जारी किये गये थे। इसमें जलाशयों में निजी निवेशकों द्वारा हाऊस बोट, क्रूज, मोटरबोट एवं अन्य जल क्रीड़ा गतिविधियां संचालित करने की अनुमति का प्रावधान किया गया था। उस समय 16 जलाशय चिन्हित किये गये थे जिनमें शामिल थे इंदिरा सागर बांध, ओंकारेश्वर बांध, तवा बांध, बरगी बांध, बाणसागर बांध, गांधी सागर बांध, मणीखेड़ा बांध, हलाली बांध, चांदापाठा बांध, ओरछा के निकट बेतवा नदी, चौरल बांध, गंगऊ बांध, बारना बांध, मान बांध जिला धार, मान नदी एवं जोबट फाटा बांध तथा हथनी नदी। इसके बाद 10 अक्टूबर 2017 को तीन जलाशय और जोड़े गये जिनमें शामिल थे धोलाबाड़ तलाशय जिला रतलाम, तिघरा जाशया जिला ग्वालियर तथा किशनपुर जलाशय बेटमा जिला इंदौर।



अब राज्य की कमलनाथ सरकार ने उक्त जलाशयों की सूची में चार और नये जलाशय जोड़ दिये हैं। इस प्रकार कुल 23 जलाशय हो गये हैं। पहले से चिन्हित तवा बांध जलाशय पर वन विभाग की आपत्तियां आने के कारण इनमें पर्यटन विभाग द्वारा लायसेंस नहीं दिये गये हैं। इसलिये अब इसके बारे में कहा गया है कि तवा बांध के जल क्षेत्र में जल पर्यटन हेतु उपलब्ध गैर वन जल क्षेत्र का निर्धारण सतपुड़ा टाईगर रिजर्व अथारिटी के परामर्श से तय कर चिन्हांकित कर लिया जाये ताकि जल पर्यटन गतिविधियों का संचालन सतपुड़ा टाईगर रिजर्व की संवेदनशीलता के द़ष्टि से निर्बाध रुप से हो सके।



विभागीय अधिकारी ने बताया कि पर्यटन नीति और इसके तहत जारी निर्देेशों के तहत चिन्हांकित जलाशयों में निजी क्षेत्र को जल पर्यटन गतिविधियां संचालित करने के लायसेंस दिये जाते हैं। अब इन चिन्हित जलाशयों में चार और जलाशय जोड़ दिये गये हैं।



(डॉ. नवीन जोशी)

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