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जरूरत पड़ने पर कर सकते हैं परमाणु हथियार का प्रयोग - रक्षा मंत्री

Location: Delhi                                                 👤Posted By: Digital Desk                                                                         Views: 17800

Delhi: 11 नवम्बर 2016, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने परमाणु नीति को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने परमाणु नीति बदलने की बात कही है। लेकिन डिफेंस मिनिस्‍ट्री ने रक्षा मंत्री के इस बयान से पल्‍ला झाड़ लिया है।



परमाणु नीति को लेकर रक्षा मंत्री का बयान

रक्षा मंत्री पर्रिकर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मुझे खुद को क्यों आबद्ध करना चाहिए? मुझे कहना चाहिए कि मैं एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति हूं। मैं इसे गैर जिम्मेदारी से इस्तेमाल नहीं करूंगा. यह मेरी सोच है। साल 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद भारत ने 'पहले इस्तेमाल नहीं' की परमाणु नीति घोषित की थी।



रक्षा मंत्री ने बयां की अपनी धारणा



मीडिया को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि वे लोग प्रकाशित करेंगे कि परमाणु नीति बदल गई है। उन्होंने कहा कि यह सरकार में नहीं बदला है। यह मेरी धारणा है। व्यक्ति के तौर पर भी मैं महसूस करता हूं। मैं नहीं कह रहा कि आप इसे पहले इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि 'सर्जिकल स्ट्राइक' से पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री परमाणु हथियारों के संभावित इस्तेमाल की बात कर भारत को धमकी दिया करते थे। उन्होंने कहा कि 'सर्जिकल स्ट्राइक' होने के बाद से कोई धमकी नहीं आई है। उन्होंने महसूस किया कि हम कुछ चीज कर सकते हैं।



परमाणु नीति को करुंगा निर्धारित



यह पूछे जाने पर कि क्या इसका यह मतलब है कि भारत अपनी परमाणु नीति पर पुनर्विचार करने जा रहा है, पर्रिकर ने इसका नकारात्मक जवाब दिया। रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं कुल मिलाकर इस बारे में पुनर्विचार के लिए नहीं कह रहा। मैं यह कह रहा हूं कि यदि मैं अपनी नीति को निर्धारित करूंगा, परमाणु पर सवाल होंगे। उन्होंने कहा कि अप्रत्याशित रूप से आपको खास तरह की नीति बनानी होगी। आपको खुद के लिए फैसला करना होगा।



रक्षा मंत्री का यह व्‍यक्तिगत विचार



मनोहर पर्रिकर ने जोर देते हुए कहा कि यह मेरा व्यक्तिगत विचार है। उन्हें लगता है कि हर चीज अपनी अहमियत खो देती है यदि कोई इस बारे में अनुमान लगाता है तो। उन्होंने कहा कि सुरक्षा रणनीतिक कार्यक्रम में वह बहुत स्पष्ट हैं कि आपकी रणनीति को भी आंशिक रूप से अप्रत्याशित करने की जरूरत है। पर्रिकर ने यह भी कहा कि वह अक्सर आश्चर्य जताते हैं कि भारत के पास लिखित परमाणु नीति नहीं है।

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