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टिकट बंटवारे से पहले ही सड़क पर आने लगी है 'एकजुट' कांग्रेस की अंदरूनी कलह...

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: Admin                                                                         Views: 3648

Bhopal: 10 अगस्त 2018। प्रदेश में एकजुट होने का दावा करने वाली प्रदेश कांग्रेस कमेटी में एक बार फिर गुटबाजी सामने आई है। हाल ही में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के साथ नेताओं के समर्थकों द्वारा दुर्व्यवहार, सिंधिया का मंच से कांग्रेस नेत्री को उठाना एवं मीडिया प्रमुख के दायित्व से मानक अग्रवाल की अचानक छुट्टी होने को कांग्रेस अंदरूनी कलह से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ समेत चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया इन घटनाक्रमों को पार्टी का आंतरिक मामला बता रहे हैं। कांग्रेस के अंदरखाने चल रही उठापटक पर सत्तारूढ़ी दल भाजपा की पैनी नजर है और कांग्रेस की गुटबाजी को भाजपा एक बार फिर चुनाव में भुनाने की तैयारी में है और बाकायदा अपने भाषणों और बयानों में भाजपा नेता यह जाहिर करते दिखाई देते हैं, जो पार्टी आपसी गुटबाजी में लगी हुई है वो प्रदेश की कमान कैसे संभालेगी। वहीं अभी दोनों ही पार्टियों ने टिकटों का एलान नहीं किया है, ऐसी स्तिथि में टिकट वितरण के बाद हालात बिगड़ने की पूरी संभावना है।



एकजुट होकर प्रदेश में सत्ता की वापसी में लगी कांग्रेस को उस समय झटका लगा, जब पिछले महीने मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल की अचानक छुट्टी कर दी। मानक अग्रवाल से कमलनाथ ने लिफ्ट में पूछा कि उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ना है कि जिस पर मानक ने हां में जवाब दिया। तीसरे माले पर पहुंचकर नाथ ने मानक से कहा कि पीसीसी उन्हें मीडिया की जिम्मेदारी से अभी मुक्त करती है। इसके बाद मानक नीचे आए और पीसीसी से चले आए। उसके बाद से मानक अभी तक पीसीसी नहीं पहुंचे। प्रदेश कांग्रेस में दूसरा घटनाक्रम चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हुआ। जब पिछले हफ्ते उज्जैन में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मंच पर बैठी कांग्रेस नेत्री नूरी खान को सिंधिया ने नीचे कुर्सी पर बैठा दिया। नूरी ने इसकी शिकायत हाईकमान तक भेजी। भाजपा ने इस मामले में सिंधिया को महिला सम्मान से जोड़कर घेरने की कोशिश की। हालांकि बाद में पार्टी स्तर पर मामला सुलझ गया।



बावरिया फिर बाल बाल बचे



प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया अपने बयानों को लेकर शुरू से ही विवादों में रहे हैं। पिछले महीने उन्होंने रीवा प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी को लेकर बयान दिया था। जिससे अजय समर्थक उखड़ गए और बावरिया को निशाने पर लिया। यह मामल हाईकमान तक पहुंचा और अजय समर्थकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। यह मामला ठंडा नहीं हुआ कि विदिशा में बावरिया फिर नेताओं के समर्थकों के निशाने पर आ गए। जहां पार्टी कार्यकतार्ओं की उदंण्डता से नाराज बावरिया ने पार्टी कार्यकतार्ओं को संघ से अनुशासन सीखने की नसीहत दे डाली।



बयानबाजी भी पहुंचा सकती है नुक्सान



चुनाव नजदीक आते ही मुद्दों और तीखे बयानों से सरकार को घेरने की कोशिश में भी कांग्रेस कुछ हद तक ही सफल हो पाई है, बल्कि अभी विपक्ष के नेताओं के बयानों में धार नहीं दिखाई दे रही, बल्कि बयानों से विवादित छवि निखर रही है, हाल ही में विधायक सुन्दर लाल तिवारी ने राजनीतिक मर्यादों को लांघते हुए मुख्यमंत्री को वैश्य तक कह डाला, हालंकि मुख्यमंत्री पर हमला बोलने का मुद्दा उन्होंने सही पकड़ा लेकिन सिर्फ वैश्य वाले बयान पर ही सुर्खियां मिली, उनके सवाल इस विवादित बयान में दब गए। नेताओं के बिगड़े बोल भी कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।



दावेदार भी बढ़ा रहे मुश्किलें

टिकट बंटवारे के लिए पार्टी अपने स्तर पर लिस्ट तैयार कर रही है, जिसमे वो कई बिंदुओं पर खरा उतरने वाले प्रत्याशियों को टिकट दिया जायेगा। जल्द ही पहली सूची भी जारी की सकती है, दावेदारों से चर्चा की जा रही है, वहीं भोपाल से दिल्ली तक भी कई दावेदार सक्रिय है, जो हर हाल में टिकट चाहते हैं। ऐसे नेता भी मुश्किलें बड़ा रहे हैं, वहीं पार्टी चाहती है हर हाल में जिताऊ चेहरा ही मैदान में उतरे जिसके लिए मेहनत की जाए वो भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे।



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