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देश के खजाने में वर्ष 2016-17 में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का योगदान 1,79,014 करोड़ रूपये

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: PDD                                                                         Views: 21391

Bhopal: भोपाल 24 अगस्त 2017। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन फॉर्च्यून ग्लोबल 500 सूची में भारत की सर्वोच्च कंपनी होने के साथ साथ तेल क्षेत्र की बड़ी राष्ट्रीय कंपनी है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में 19,106 करोड़ रूपये का शुद्ध लाभ तथा 4,38,692 करोड़ रूपये के कारोबार के साथ इंडियनऑयल को देश की सबसे ज्यादा लाभ कमाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र इकाई का ताज प्राप्त हुआ था। उच्च रिफायनरी लाभ, इन्वेंटरी प्राप्तियों तथा संचालन कुशलता की वजह से इस लाभ में बढ़ोत्तरी हुई। वर्ष 2016-17 के दौरान इंडियनऑयल ने पीओएल, गैस, पेट्रोकमिकल्स, विस्फोटक तथा निर्यात को मिलाकर लगभग 83.49 मिलियन टन उत्पाद बेचे। हमारी रिफायनरियों ने 65.2 मिलियन टन का उत्पादन सतत रूप से प्राप्त किया तथा हमारा जीआरएम (सकल रिफायनरी लाभ) 7.77 डॉलर बैरल रहा। वहीं हमारी देशव्यापी पाइपलाइनों के जाल के जरिये 81.8 मिलियन टन की रिकॉर्ड क्षमता हासिल की गई।

देश के खजाने में वर्ष 2016-17 में हमारा योगदान 1,79,014 करोड़ रूपये रहा।



प्रोपेल ब्राण्ड नाम से किये जाने वाले हमारे पेट्रोकेमिकल कारोबार (निर्यात को मिलाकर) की बिक्री में भी वर्ष 2016-17 में अब तक की उच्चतम स्तर 2.57 मिलियन टन को देखा गया। इंडियनऑयल ने वर्ष 2016-17 के रूपये 15,395 करोड़ रूपये के समग्र कैपेक्स प्रदर्शन को पार किया।



चालू वित वर्ष की पहली तिमाही में इंडियनऑयल की संचालन आय 19.6 प्रतिशत वृद्धि केे साथ 1,28,191 करोड़ रूप्ये रही जोकि बीते वर्ष इसी तिमाही में 1,07,197 करोड़ रूपये थी। चालू तिमाही में शुद्ध लाभ 4,549 करोड़ रहा जोकि बीते वर्ष इसी तिमाही में 8,269 करोड़ रूपये था। इस कमी का कारण चालू तिमाही में इन्वेंटरी घाटा होना रहा। इंडियनऑयल ने 2017-18 की पहली तिमाही में निर्यात को मिलाकर 22.5 मिलियन टन उत्पादों की बिक्री की। वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में हमारी रिफायनिंग 17.5 मिलियन टन रही तथा इसी अवधि में कॉरपोरेशन की देशव्यापी पाइपलाइनों के जाल के जरिए 21.4 मिलियन टन का आंकड़ा हासिल किया गया। वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में ग्रॉस रिफायनिंग मार्जिन (जीआरएम) 4.32 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रहा जोकि बीते वर्ष इसी तिमाही में 9.98 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था।

भारत सरकार के विमुद्रीकरण अभियान के दौरान, इंडियनऑयल ने जनसामान्य की मुश्किलों को आसान करने के लिए अपने देशव्यापी पेट्रोल पंपों पर कैश एट पीओएस के जरिये 100 करोड़ रूपये मूल्य के नये करेंसी नोटों का वितरण किया।



एक अन्य बड़े मिशन के तहत भारत-3 ईंधन मानदण्डों से आगे बढ़कर वर्ष 2014 में तीन चरणीय परिवहन ईंधन को तीन चरणों में जारी किया गया। ऐसा करने के लिए रिफायनरियों को बड़े पैमाने पर उन्नत बनाया गया, वितरण व्यवस्था में बदलाव किये गए तथा अन्य संबंधित परिवर्तन किये गए। वर्ष 2016-17 में व्यवस्थित योजना की वजह से तीसरे व अंतिम चरण का कार्य शेष भारत में 1 अप्रैल 2017 तक सुगमता से पूरा कर लिया गया।



इंडियनऑयल तेल विपणन कंपनियों में पहली ऐसी कंपनी है जो ऑटोमोबाइल निर्माताओं को वर्ष 2020 में बनकर निकलने वाले वाहनों के परीक्षण के लिए बीएस-5 मानदण्डों की श्रेणी का ईंधन उपलब्ध करा रही है।



वर्ष 2016-17 में इंडियनऑयल ने विश्व के सबसे बड़े ऊर्जा तथा समाज के निचले तबके की महिलाओं के वित्तीय समावेशण कार्यक्रम प्रधान मंत्री उज्जवला योजना का बीड़ा उठाया। यह अपने आप में विशाल कल्याणकारी कार्यक्रम था। वर्ष 2019 तक गरीबी रेखा के नीचे रह रहे 5 करोड़ परिवारों तक जमा रहित एलपीजी कनेक्शन के लक्ष्य के विरूद्ध एक साल से भी कम समय में 2 करोड़ से अधिक कनेक्शन दिये जा चुके हैं। 11 अगस्त 2017 तक योजना के तहत 2.7 करोड़ कनेक्शन जारी किये जा चुके हैं।



वर्ष के दौरान की गई कुछ अन्य पहल इस प्रकार हैं...

इंडियनऑयल के लगभग 2000 ईंधन केन्द्रों को सौर ऊर्जा संचालन में परिवर्तित किया जा चुका है। अब तक कुल 6170 ईंधन केन्द्र सौर ऊर्जा में परिवर्तित किया जा चुका है जिनकी सम्मिलित क्षमता 24 मेगावॉट हो चुकी है।



गुजरात, आन्ध्र प्रदेश तथा राजस्थान में 168 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत इंडियनऑयल वाराणसी में 5 टन प्रतिदिन क्षमता वाले कचरे से ऊर्जा बनाने वाले 10 प्लांट लगाने जा रहा है ताकि वहां कचरे का प्रबंधन हो सके। दिसम्बर 2016 में पहला प्लांट आरंभ किया गया था जिससे बनने वाली बिजली से आसपास के क्षेत्रों की स्ट्रीट लाइटें जलाई जा रही हैं।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत संपूर्ण भारत में 6800 स्वच्छता गतिविधियों तथा जागरूकता अभियानों का संचालन अब तक किया जा चुका है।



इंडियनऑयल की विभिन्न रिफायनरियों, टर्मिनल, डिपो तथा आवासीय परिसरों में 560 रेन वाटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम लाये जा चुके हैं। लगभग 950 हेक्टेयर कैचमेंट क्षेत्र के साथ लगभग 3 बिलियन लीटर पानी की हार्वेस्टिंग प्रतिवर्ष की जा रही है।

स्टार्ट अप इंडिया पहल के तहत वर्ष 2016-17 में इंडियनऑयल ने 30 करोड़ रूपये के एक रिवॉल्विंग स्टार्ट अप फण्ड को आरंभ किया ताकि देशी हायड्रोकार्बन क्षेत्र में नवप्रवर्तनीय परितंत्र माहौल को विकसित किया जा सके। इंडियनऑयल के फरीदाबाद स्थित अत्याधुनिक शोध एवं विकास केन्द्र द्वारा संचालित इस योजना से उन परियोजनाओं को सहायता मिलेगी जिनमें नवोन्नत प्रौद्योगिकी और कारोबारी प्रक्रियाओं की पुनःअभियांत्रिकी अवधारणा को स्थापित कर महत्वपूर्ण व्यापार संभावनाओं, सामाजिक परिप्रेक्ष्य तथा पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्य को हासिल करना हो।



भारत सरकार के कौशल विकास कार्यक्रम - स्किल इंडिया - के तहत इंडियनऑयल ने भुवनेश्वर में एक स्किल डेवलपमेंट इन्स्टीट्यूट की स्थापना की है जिसका लक्ष्य आगामी 10 वर्षों में 40,000 युवाओं को प्रशिक्षित करना है।



अशांत परिस्थितियों के दौरान अपने कर्त्तव्य निर्वहन से आगे बढ़कर काम करने की परंपरा पर खरे उतरते हुए इंडियनऑयल ने जम्मू-कश्मीर, त्रिपुरा तथा मणीपुर आदि में कानून व्यवस्था की बिगड़ी हुई स्थिति और कर्मचारियों व परिवहनकर्ताओं के समक्ष मौजूद गंभीर खतरों के बावजूद पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति को लगभग सामान्य बनाये रखा।



इंडियनऑयल नेे जम्मू-कश्मीर स्थित विश्व के सबसे ऊंचे पहाड़ी वाहन मार्ग खारदुंगला पर टूरिस्ट मेडीकल फेसीलिटेशन सेंटर स्थापित किया है। यह केन्द्र समुद्रतल से 18,380 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।



इंडियनऑयल ने जम्मू-कश्मीर के लेह के निकट स्थित नांग नामक गांव में जिला प्रशासन की मदद से सब्जियों के भण्डारण के लिए 23 तहखाने बनवाये हैं। ये तहखाने आंशिक रूप से जमीन के भीतर हैं जिनमें कड़ी सर्दियों के दौरान सब्जियों को पर्यावरण अनुकूल तरीके से सुरक्षित रखा जा सकता है। इससे किसानों को मंद समय में उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिल सकेगी तथा वे आगामी फसल के लिए अच्छी गुणवत्ता के बीज प्राप्त कर सकेंगे।



इंडियनऑयल के अलग अलग स्थानों पर मौजूद व्यापक नेटवर्क ने समुदायों तक पहुंचने के अनूठी संभावनाओं के रास्ते खोले हैं। इंडियनऑयल जल जीवन तथा इंडियनऑयल सूर्य प्रकाश ग्रामीण आबादी तक पीने के पानी और सौर ऊर्जा से गांवों को रोशन करने जैसी विभिन्न सामुदायिक विकास योजनाओं का संचालन कर रहा है। इस वर्ष 32 गांवों में इसके संचालन के निकट स्थित गांवों में इन योजनाओं पर अमल किया जा रहा है।



इस वर्ष 16 जून से 26,000 से अधिक पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल एवं डीजल की दैनिक संशोधित कीमत योजना को सुगमता से आरंभ किया गया है। इंडियनऑयल अपने 87 कन्ट्रोल रूमों के जरिए दैनिक संशोधित कीमतों पर 24 घंटे निगाह रखता है तथा मैदानी टीम से मिलने वाली शिकायतों व सुझावों पर तेजी से अमल करता है। विजाग, पुदुचेरी, जमशेदपुर, चंडीगढ़ और उदयपुर में इस मई माह में पायट प्रोजेक्ट चलाने के बाद ऐसा देखा गया है कि दैनिक कीमतें डीलरों, उपभोक्ताओं, तेल कंपनियों तथा अन्य हितधारकों के हित में हैं। दैनिक कीमतें सही मायने में बाजार से संचालित होने वाली परिवर्तनीय कीमतें हैं। इसका सकारात्मक प्रभाव डीलरों तथा तेल कंपनियों की इन्वेंटरी होल्ंिडग प्रकिया में महसूस किया जा रहा है।



मध्यप्रदेश में इंडियनऑयल के 7 ऑइल टर्मिनल / डिपोे हैं जो कि रतलाम, ग्वालियर, इन्दौर, इटारसी, जबलपुर, सिंगरौली एवं सागर में स्थित हैं। एलपीजी जरूरतों को पूरा करने मध्यप्रदेश में भोपाल, गुना और उज्जैन में तीन बाटलिंग प्लांट संचालित हैं। छत्तीसगढ़ में तेल आपूर्ति भिलाई, बिलासपुर तथा बिसरामपुर डिपो से की जाती है जबकि एलपीजी की मांग पूरी करने हेतु रायपुर प्लांट कार्यरत है। मध्यप्रदेश में विमानन ईंधन आपूर्ति भोपाल, इन्दौर और खजुराहो केन्द्रों से की जाती है।



वर्ष 2016-17 में पीओएल बिक्री 3815 हजार मीट्रिक टन थी। मध्यप्रदेश में इंडियनऑयल की बाजार हिस्सेदारी 44.5 प्रतिशत है।

मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के कोषालयों में पिछले वित्तीय वर्ष में 5000 करोड़ रूपये का योगदान रहा जिसमें से 3650 करोड़ मध्यप्रदेश तथा 1350 करोड़ रूपये छत्तीसगढ़ के हिस्से में गए।



1 अप्रैल 2016 तथा 1 अगस्त 2017 के बीच मध्यप्रदेश में एलपीजी का विस्तार 17 प्रतिशत से बढ़ गया जबकि छत्तीसगढ़ में यह 23.6 प्रतिशत से बढ़ गया। 1 अगस्त 2017 तक गरीबी रेखा से नीचे रह रहे इन दोनों राज्यों के 40.26 लाख लोगों को प्रधान मंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिले।



स्वच्छ ऊर्जा कार्यक्रम के तहत मध्य प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड के साथ मिलकर रीवा के निकट 3000-6000 करोड़ रूपये की लागत से एक सौर पार्क का विकास किया जा रहा है जिसकी क्षमता 250 से 500 मेगावाट उत्पादन की रहेगी। इसके अतिरिक्त इन्दौर, भोपाल एवं रायपुर में छतों पर सोलर पैनल लगाये जाकर सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है।



स्वच्छ ऊर्जा पहल के तहत फुटकर केन्द्रों को सौर ऊर्जा में परिवर्तित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में 300 तथा छत्तीसगढ़ में 75 केन्द्र सौर ऊर्जा से संचालित हो रहे हैं। वर्ष 2017-18 में मध्यप्रदेश में 200 तथा छत्तीसगढ़ में 50 और फुटकर केन्द्रों को सौर ऊर्जा में परिवर्तित करने की योजना है।



मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ मं अधोसंरचना विका के लिए इस वर्ष 1000 करोड़ रूपये का निवेश किया जायेगा। इसके तहत 125 करोड़ की लागत से मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के मालनपुर तथा मण्डला जिले के मनेरी एवं छत्तीसगढ़ के कोरबा में ग्रीन फील्ड एलपीजी बाटलिंग प्लांट की स्थापना की जाएगी ताकि प्रधान मंत्री उज्जवला योजना से उत्पन्न मांग को पूरा किया जा सके। साथ ही सीहोर जिले के फंदा कलां में 250 करोड़ रूपये की लागत से पीओएल कॉमन यूजर फेसिलिटी का विकास किया जाएगा। इसी प्रकार 347.2 करोड़ की लागत से हायड्रोकार्बन अधोसंरचना विकास कार्य किया जाएगा।



कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में विभिन्न गांवों में सोलर लाइट, बोरवेल तथा शौचालय सहित कम्युनिटी हाल के निर्माण पर 87 लाख रूपये खर्च किये गए। इसी प्रकार वर्ष 2017-18 के लिए लगभग 26 गांवों में पीने के पानी, स्वच्छताख् सोलर लाइट तथा क्रिस्प के सहयोग से कौशल विकास भवन के निर्माण पर लगभग 2 करोड़ रूपये का व्यय प्रस्तावित है।

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