Bhopal: 28 दिसंबर 2018। अभी तो प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेसनीत सरकार है परन्तु पिछली शिवराज सरकार जाते-जाते ग्वालियर की एक कंपनी को विदेश में शराब निर्यात करने की अनुमति दे गये। शिवराज सरकार का इस्तीफा 12 दिसम्बर को हुआ था और उन्हें नये मुख्यमंत्री की शपथ तक कार्यवाहक मंत्रिपरिषद के रुप में 16 दिसम्बर तक सरकार चलाने का मौका था। जबकि शराब का विदेश में निर्यात करने की यह अनुमति 13 दिसम्बर को दी गई।
तत्कालीन शिवराज सरकार ने मप्र आबकारी अधिनियम 1915 के तहत बने मप्र विदेशी मदिरा नियम 1996 के अंतर्गत गुडग़ांव की मेसर्स परनॉड रिकार्ड इण्डिया प्रायवेट लिमिटेट द्वारा उत्पादित विदेशी मदिरा जिसमें शिवाज रीगल, हण्ड्रेड पाईपर्स, रायल स्टेग, ब्लेण्डर्स प्राईड, एब्साल्युट बोडका, इम्पीरियल ब्लू आदि ब्राण्ड शामिल हैं, का ग्वालियर में बाटलिंग प्लांट चलाने वाली मेसर्स ग्वालियर एल्कोब्रू प्रायवेट लिमिटेड रायरु फार्म को उक्त ब्रांडों को भारत के बाहर नाईजीरिया, थाईलैण्ड, आइवरीकोस्ट तथा अन्य देशों में निर्यात करने की अनुमति प्रदान की है। यह अनुमति भी पन्द्रह साल यानि 31 मार्च,2033 तक दी गई है।
13 दिसम्बर को जारी इस अनुमति में कहा गया है कि मेसर्स परनॉड रिकार्ड इण्डिया प्रायवेट लिमिटेट सबलीजी मेसर्स ग्वालियर एल्कोब्रू प्रायवेट लिमिटेड रायरु फार्म को विदेश निर्यात की जाने वाली विदेशी मदिरा में ये पांच वाक्य लिखने से भी छूट रहेगी अर्थात एक, मदिरा का उपभोग स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। दो, मप्र में शुल्क का भुगतान नहीं किया गया है और केवल मप्र में विक्रय हेतु। तीन, आबकारी आयुक्त द्वारा यथा निर्देशित न्यूनतम विक्रय मूल्य। चार, एफएल-9/एफएल-9 क में बोटल बंद। पांच ग्लास।
आबकारी कार्यालय के एक अधिकारी ने इस बारे में कहा कि किसी कंपनी को विदेशी मदिरा के विदेशों में निर्यात हेतु अनुमति देने का अधिकार आबकारी आयुक्त के पास होता है। ग्वालियर के बाटलिंग प्लांट वाली कंपनी ने नियमों के तहत सभी औपचारिकतायें पूरी की, इसलिये उसे अनुमति जारी की गई है। हम सिर्फ देश के समुद्री पोर्ट और ड्राय पोर्ट तक मप्र से विदेशी शराब पहुंचाने की अनुमति देते हैं। पोर्ट से भारत सरकार के कस्टम नियम लागू हो जाते हैं।
वाणिज्यिक कर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि विदेश शराब निर्यात करने की अनुमति शासन स्तर पर विभाग द्वारा ही जारी की गई है। परन्तु यह जनरल टाईप की अनुमति है। चूंकि हमें शराब विदेश निर्यात करने पर एक्साईज ड्यूटी मिलती है और इसका लाभ शासन के खजाने को मिलता है, इसलिये यह अनुमति दी गई है। इसमें सरकार बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
- डॉ. नवीन जोशी
पिछली सरकार जाते-जाते दे गई विदेश में शराब निर्यात करने की अनुमति...
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Bhopal
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