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प्रदेश में कालोनाईजर लायसेंस के नये नियम प्रभावशील

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 1111

Bhopal: दो हैक्टेयर से अधिक की कालोनी को तीन चरणों में मिलेगी विकास अनुज्ञा, कालोनी के विकास अनुज्ञा का शुल्क भी बढ़ा, कालोनी रहवासी कल्याण समिति को हेंड ओवर होगी

20 नवंबर 2019। राज्य सरकार ने 21 साल पहले बने मप्र नगरपालिका कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन तथा शर्तें नियम 1998 में बदलाव कर दिया है और इन्हें प्रभावशील कर दिया है।
करना होगा गुणवत्ता निर्माण कार्य :
नये प्रावधानों के अनुसार, अब कालोनी में प्रस्तावित डामर/सीमेंट कांक्रीट मार्ग का निर्माण पीडब्ल्युडी के मानक अनुसार करना होगा, आंतरिक सीवर लाईन/सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण पीएचईडी के मानक अनुसार करना होगा जबकि ओवरहेड टैंक/सम्पवेल/प्रेशर पम्प का भी निर्माण करना होगा। इसके अलावा कालोनी में प्रस्तावित खुले क्षेत्रों का विकास, जिसमें अधोसंरचना संबंधी सर्विस मान्य नहीं होगी। बैंक गारंटी देने की बाध्यता भी अब समाप्त कर दी गई है।
आनलाईन होंगे आवेदन :
इसी प्रकार अब कालोनाईजर लायसेंस हेतु आनलाईन आवेदन करना होगा लेकिन जब तक आनलाईन व्यवस्था स्थापित नहीं होती है तब तक आफलाईन आवेदन वैध रहेंगे। कालोनाईजर लायसेंस का रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र 5 वर्ष तक वैध रहेगा और इसके बाद निर्धारित शुल्क जमा कर अगले पांच वर्ष के लिये लायसेंस का नवीनीकरण कराया जा सकेगा। सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रत्येक 3 माह के स्थान पर हर साल कालोनाईजर्स के नामों की सूची सक्षम प्राधिकारी के कार्यालय में नोटिस बोर्ड, कलेक्टर कार्यालय के नोटिस बोर्ड तथा सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा कर प्रकाशित की जायेगी।
बढ़ाई अनुज्ञा शुल्क की राशि :
इसी प्रकार, अब रजिस्ट्रीकृत कालोनाईर कालोनी का विकास कार्य हाथ में लेने या भूखण्डों का विक्रय करने की प्रस्तावित तिथि से 90 दिन के स्थान पर 45 दिन पूर्व विकास की अनुज्ञा हेतु शुल्क जमा कर आवेदन कर सकेगा। विकास अनुाा आनलाईन दी जायेगी। नगरीय निकाय को देय विकास अनुज्ञा शुल्क इस प्रकार रहेगा : 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले निकाय में ढाई लाख रुपये, 5 से 10 लाख जनसंख्या वाले निकाय में एक लाख रुपये तथा 5 लाख से कम जनसंख्या वाले निकाय में 35 हजार रुपये शुल्क जमा करना होगा। जिन कालोनाईजर्स की कालोनी का क्षेत्रफल दो हैक्टेयर से अधिक है, उन्हें अधिकतम तीन चरणों में विकास अनुज्ञाा दी जायेगी। अनुज्ञा लेने के लिये अब नजूल अधिकारी से एनओसी भी नहीं प्राप्त करना होगी।
मिलेगी दो मामलों में छूट :
नये उपबंधों के अनुसार, अब आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों तथा निम्न आय वर्गों के लिये भूखण्डों/आवासीय इकाईयों को बनाने से दो मामलों में छूट मिलेगी अर्थात एक, ऐसी कालोनी जिसका भूखण्डीय विकास के रुप में विकसित करने की विकास अनुज्ञा प्रदाय की गई हो तथा दो, ऐसी कालोनी जिसका समूह आवास यानि ग्रुप हाउसिंग/आवासीय इकाई यानि ड्वेलिंग यूनिट के रुप में विकसित करने की विकास अनुज्ञा प्रदाय की गई हो। सक्षम प्राधिकारी द्वारा जमा अतिरिक्त आश्रय शुल्क का उपयोग बाह्य सडक़ों, जल निकासी तथा मल प्रवाह प्रणाली के संधारण हेतु किया जायेगा।
बंधक भूखण्डों पर मिलेगी भवन निर्माण की अनुज्ञा :
पहले निकाय के सक्षम अधिकारी गरीब वर्गों के आवास हेतु बंधक रखे गये भूखण्ड तब तक मुक्त नहीं करते थे जब तक कि गरीबों की कलेक्टर द्वारा परीक्षित सूची नहीं मिल जाती थी परन्तु अब इस प्रावधान को खत्म कर दिया गया है। नये प्रावधान के अनुसार, अब कालोनाईजर को बंधक रखे गये भूखण्डों पर भवन निर्माण की अनुज्ञा दी जा सकेगी और इन भूखडों को तीन स्तर पर संनिर्माण सहित आंतरिक विकास अनुसार मुक्त किया जा सकेगा यथा एक 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने पर 33 प्रतिशत भूखण्ड/भवन। दो, 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने पर शेष 64 प्रतिशत में से 33 प्रतिशत और सौ प्रतिशत कार्य पूर्ण होने पर 34 प्रतिशत। विकास कार्य पूर्ण होने की सूचना मिलने पर सक्षम अधिकारी द्वारा 15 कार्य दिवस में कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किया जायेगा। कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने के दिनांक को ही संबंधित कालोनी उसके संधारण हेतु संबंधित निकाय के स्थान पर कालोनी की रहवासी कल्याण समिति को अंतरित की गई मान्य की जायेगी।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि कालोनाईर नियम में पहले फेज में नये संशोधन प्रभावशील कर दिये गये हैं। एक बार लायसेंस मिलने पर प्रदेश में कहीं भी कालोनी बनाने का उपबंध अभी नहीं किया गया है तथा यह उपबंध अगले फेज में किया जायेगा।


— डॉ. नवीन जोशी

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