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भू-संपदा विनियामक अधिनियम की प्रभावी व्यवस्था में 'रेरा' उपयोगी होगा

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: प्रतिवाद                                                                         Views: 17736

Bhopal: 1 जून 2017, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि रेरा से नगरों का विकास सुनियोजित होगा। उपभोक्ता हितों का संरक्षण होगा। शिकायतों के समाधान की उपयुक्त व्यवस्था होगी। देश में यह व्यवस्था करने में प्रदेश अग्रणी है। श्री चौहान आज भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण रेरा के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण कर रहे थे।



कार्यक्रम में राज्य उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राकेश सक्सेना, मुख्य सचिव बी.पी. सिंह, रेरा के सदस्य अनिरुद्ध कपाले, क्रेडाई के प्रतिनिधि, अधिकारी एवं नागरिक उपस्थित थे।



मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अपना घर हर व्यक्ति की जिन्दगी का सपना होता है। वह अपने जीवन भर की कमाई उसमें लगा देता है। कई मामलों में उसे समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रेरा के गठन से ऐसी सभी समस्याओं का समाधान हो जायेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि रेरा उपभोक्ता हितों का संरक्षण करेगा। नगर नियोजन की परेशानियाँ खत्म होगी। उन्होंने रियल स्टेट की वास्तविक समस्याओं के समाधान का भी आश्वासन दिया। बताया कि बिल्डरों के साथ भी चर्चा होगी।



मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में देश के प्रथम दो नगर मध्यप्रदेश के है। देश के पहले 100 स्वच्छ नगरों में प्रदेश के 22 नगर है। उन्होंने कहा कि प्रक्रियाएँ पारदर्शी हो। नगर स्वच्छ रहे। उनमें शांति रहें। यह सबकी जिम्मेदारी है। स्वच्छ, नियोजित, शांतिपूर्ण शहर, सबको स्नेह और आत्मीयता सरकार की प्राथमिकता है। लेकिन लोगों की जिन्दगी में खलल डालने वाले बर्दाश्त नहीं होंगे। सज्जनों के साथ फूल से कोमल और दुष्टों के साथ वज्र सा कठोर व्यवहार सरकार की नीति रहेगी। शहर की फिजाँ किसी ने खराब़ करने की कोशिश की तो उसे बख्शा नहीं जायेगा।



महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है जिसने विनियामक अधिनियम को लागू किया है। अब नागरिकों की परिसंपत्ति संबंधी समस्याओं का प्रभावी समाधान होगा। अपने घर का जीवन भर का उनका सपना आसानी से साकार होगा।



रेरा के अध्यक्ष डिसा ने अधिनियम क्रियान्वयन में प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बताया। उन्होंने कहा कि संस्था प्रतीक चिन्ह बनाने में भी प्रदेश अव्वल है। कहा कि प्रतीक में रोमन और देवनागरी दोनों लिपियों में नाम शामिल है। प्रतीक, संस्था के प्रमुख तीन उद्देश्य को भी संरक्षित करता है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही अधिनियम के स्टेक होल्डरों की कान्फ्रेंस भी की जायेगी। आभार प्रदर्शन रेरा सदस्य दिनेश नायक ने किया।



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