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मध्यप्रदेश की 11 केंद्रीय जेल का सुरक्षा ऑडिट होगा

Location: भोपाल                                                 👤Posted By: Digital Desk                                                                         Views: 18189

भोपाल: 4 नवम्बर 2016, मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने मध्यप्रदेश की सभी 11 केंद्रीय जेलों का सुरक्षा ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं। श्री सिंह ने कहा है कि आदर्श जेल मेन्यूअल 2016 के मापदंड के आधार पर सुरक्षा ऑडिट करते हुए जेलों को पूरी तौर पर सुरक्षित बनाने के लिए करवाये जाने वाले कार्यों के प्रस्ताव शासन को 31 दिसंबर तक भेजना सुनिश्चित करें। शासन स्तर से तत्काल आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाये जायेंगे। श्री सिंह ने प्रदेश में रिक्त जेल प्रहरियों के लगभग दो हजार पदों को भरने के लिए तत्काल कार्यवाही आरंभ करने के निर्देश भी दिए। मुख्य सचिव ने यह निर्देश मंत्रालय में आयोजित जेल विभाग की बैठक को संबोधित करते हुए दिए।



बैठक में प्रमुख सचिव जेल विनोद सेमवाल, डी जी जेल संजय चौधरी, एडीजी जेल सुधीर शाही सहित सभी 11 केंद्रीय जेलों क्रमश: भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सतना, उज्जैन, सागर, नरसिंहपुर, बड़वानी तथा होशंगाबाद के जेल अधीक्षक उपस्थित थे।



बैठक में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल तथा छत्तीसगढ़ के जेल प्रबंधन द्वारा अपनाये गये सुरक्षा मानकों को भी प्रदेश की जेलों में शामिल करने के निर्देश दिए गए। लोक निर्माण विभाग को सुरक्षा के दृष्टिकोण से जेल की डिजाइन और निर्माण प्रक्रिया का परीक्षण करवाने के निर्देश भी दिए। बैठक में बताया गया कि इंदौर जेल में खतरनाक तथा संवेदनशील कैदियों को रखने के लिए विशेष व्यवस्था की जायेगी। बैठक में जेल प्रहरियों को अन्यत्र संबद्धता से कार्यमुक्त कर जेल में पदस्थ करने के निर्देश भी दिए गए।



मुख्य सचिव ने कहा कि जेल प्रहरी को गृह जिले में पदस्थ नहीं करने और किसी भी जेल प्रहरी को पाँच साल से अधिक एक स्थान पर नहीं रखने संबंधी प्रावधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।



बैठक में जेल अधीक्षकों ने बेहतर कार्य के लिए जेल स्टाफ के प्रोत्साहन के लिए आवश्यक व्यवस्था करने, जेल अधीक्षकों को गन मेन उपलब्ध करवाने और पेट्रोलिंग के लिए वाहन व्यवस्था सुदृढ़ करने की आवश्यकता बताई। बैठक में प्रदेश के लिए नया जेल मेन्यूअल विकसित करने की जिम्मेदारी स्कूल ऑफ गुड गव्हर्नेंस को सौंपी जाने पर भी विचार-विमर्श हुआ ।



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