×

रियल एस्टेट रेग्युलेशन एण्ड डेव्हलपमेंट एक्ट में अथॉरिटी बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 17316

Bhopal: 1 मई 2017, मध्यप्रदेश रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण, मध्यप्रदेश) के चेयरमेन अन्टोनी डिसा तथा प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन मलय श्रीवास्तव द्वारा रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (रेरा) की वेबसाइट का लोकार्पण किया गया। इस मौके पर अथॉरिटी के सदस्य दिनेश नायक एवं श्री अनिरूद्ध कपाले के अलावा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, विधि और सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव, हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर और संचालक नगर तथा ग्राम निवेश मौजूद थे। मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसमें रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी का गठन तथा नियमों का प्रकाशन हुआ है। अध्यक्ष श्री डिसा ने बताया कि एक मई, 2017 से पूरे प्रदेश में यह एक्ट प्रभावशील हो गया है। प्रदेश में रियल एस्टेट में उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण इस एक्ट के माध्यम से किया जायेगा।



इस एक्ट के जरिये रियल एस्टेट सेक्टर को व्यवस्थित तथा उपभोक्ताओं के हितों की दृष्टि से और पारदर्शी तथा जिम्मेदार बनाया जायेगा। अथॉरिटी में उपभोक्ताओं की ओर से आने वाली शिकायतों का तेजी से निराकरण किया जायेगा। रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी के चेयरमेन अंटोनी डिसा ने बताया कि समस्त प्रक्रियाओं को वेब बेस्ड ऑनलाइन के रूप में विकसित किया गया है। बिल्डर तथा रियल एस्टेट एजेंट अपने पंजीयन आवेदन तथा उपभोक्ता अपनी शिकायतें अथॉरिटी की वेबसाइट www.rera.mp.gov.in पर ऑनलाइन दर्ज करवा सकते हैं। उपभोक्ताओं को एसएमएस गेटवे के माध्यम से उनकी शिकायतों के निराकरण की जानकारी उनके मोबाइल पर प्रदान की जायेगी।



मध्यप्रदेश रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी की परिधि में वे परियोजनाएँ आयेंगी, जो भविष्य में निर्मित होना प्रस्तावित हैं या फिर 30 अप्रैल, 2017 को अपूर्ण थीं, अर्थात जिनका पूर्णता प्रमाण-पत्र नगर निगम द्वारा जारी नहीं किया गया हो। बताया गया कि प्रमोटर्स एवं डेव्हलपर्स को अपने प्रोजक्ट की मार्केटिंग करने के पूर्व ही अथॉरिटी में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। वर्तमान में प्रचलित अपूर्ण रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट्स को अथॉरिटी के समक्ष तीन माह के भीतर पंजीयन करवाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही प्रमोटर्स एवं डेव्हलपर्स को हर तीन माह में अथॉरिटी को प्रोजेक्ट की अद्यतन जानकारी देनी होगी, जिसकी फोटोयुक्त जानकारी प्राधिकरण की वेबसाइट पर दर्शायी जायेगी।



Related News

Latest News

Global News