×

विधायकों ने बनाया शिक्षकों को गुलाम

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 17807

Bhopal: - स्कूली शिक्षकों में छटपटाहट

- सरकार की अटैचमेन्ट खत्म करने की घोषणायें बेअसर



5 जुलाई 2017। मध्यप्रदेश में शिक्षा के बुरे हाल हैं, बावजूद इसके सरकार शिक्षकों को शिक्षण के अतिरिक्त बेगार में लगाए हुए है। ताजा मामला मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायकों के पास तैनात सहायकों का है जो पेशे से शिक्षक हैं किन्तु उनसे गुलामों की तरह निजी काम लिया जा रहा है। आश्चर्यजनक बात यह है कि मध्यप्रदेश में एक साल में 28 लाख बच्चे सरकारी स्कूल छोड़ देते हैं और सरकार का सर्व शिक्षा अभियान 4500 करोड़ रूपये वार्षिक खर्च है जबकि परिणाम जब आते हैं तो नीचे से गिनती होती है पूरे देश में।



दरअसल मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार विधायकों पर कुछ ज्यादा मेहरबान है और नियमों को ताक पर रखकर माननीयों के पी.ए. शिक्षकों को बना रही है। शिक्षक का कार्य करने वाले यह सभी लोग बाबूगिरी करके और गैर शैक्षणिक कार्य करके अब ऊब चुके हैं, उनकी छटपटाहट इसी से देखी जाती है कि वे अब अपने देनंदिनी कार्य और माननीयों के यहाँ बहाने बनाकर, झूठे मेडिकल लगाकर छुट्टियाँ बना रहे हैं। जावरा के विधायक डाॅ. राजेन्द्र पाण्डेय के यहाँ शिक्षक शैलेन्द्र सिंह राठौर, चांचैड़ा विधायक ममता मीणा के यहाँ अध्यापक पंकज श्रीवास्तव, राम निवास रावत विधायक के यहाँ शिक्षक अनिल कुमार बंसल तैनात हैं जबकि सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने आदेश क्रमांक एफ.ए. 10-15/94 दिनांक 19.05.95 को एक आदेश जारी करके कहा था कि कोई भी शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्यो में न लगाये जायें। जबकि आदेश एफ ए 10-04/2015/एक(1) दिनांक 27 मार्च, 2015 को बी.आर. विश्वकर्मा उप सचिव, सामान्य प्रशासन ने नियमों को शिथिल करते हुए पंकज श्रीवास्तव, विकासखण्ड चांचैड़ा जिला गुना की सेवायें विधायक को सौंप दी। ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं जिसमें मंत्रियों, विधायकों के पास 80 प्रतिशत शिक्षक गुलामों सी जिन्दगी जी रहे हैं । अपना नाम न छापने की शर्त पर एक शिक्षक जो गुलामी से रोज दो चार है, उसने बताया कि अटैचमेन्ट खत्म करने के आदेश सरकार ने बहुत पहले दे दिये थे, किन्तु विधायक और मंत्रियों के दबाव में सरकार हमें छुटकारा नहीं दिला पा रही।



स्कूल शिक्षा विभाग के दिनांक 30 मई 2017 के परिपत्र क्र. एफ 1-13/2017/20-1 के अनुसार राज्य सरकार ने स्कूल शिक्षा विभाग के सभी शिक्षक और गैर शिक्षकों का अटैचमेन्ट समाप्त करते हुए उन्हें विभाग में 31.05.2017 तक शामिल करने के निर्देश दिये थे बावजूद इसके उप सचिव रजनी सिंह के ये आदेश अब तक पालन में नहीं लिये जा सके।



दूसरी ओर आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय दीप्ति गौड़ मुखर्जी कहती हैं कि शिक्षकों का कहीं भी अटैचमेन्ट नहीं होगा। सरकार उन्हें पढ़ाने का वेतन देती है इसलिये हमने संबंधित जिला कलेक्टरों, निगम मण्डलों और सामान्य प्रशासन विभाग में इसकी सूचना पूर्व में ही दे दी है।



कुल मिलाकर सरकार शिक्षकों से कागज में केवल शैक्षणिक कार्य कराने की नौटंकी करती है जबकि इसलियत में सरकारी स्कूलों के मास्साब विधायकों के घर उनके निजी कामों को अन्जाम दे रहे हैं। प्रदेश का भविष्य संभालने का जिम्मा जिन शिक्षकों के पास था वे विधायकों के प्रश्न बनाने, उनका रिजर्वेशन कराने, उनके गैर शासकीय कार्यो को अन्जाम दे रहे हैं।





- डाॅ. नवीन आनंद जोशी

Related News

Latest News

Global News