Bhopal: 17 नवम्बर 2017। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सत्रह साल पुराने मप्र अधोसंरचना निवेश निधि बोर्ड को भंग कर दिया है। इस बोर्ड का गठन तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के शासनकाल में 17 फरवरी 2000 को मप्र विधानसभा में पारित मप्र अधोसंरचना विनिधान निधि बोर्ड अधिनियम 2000 के तहत किया था। यह बोर्ड इसलिये भंग किया गया है क्योंकि शिवराज सरकार ने वायबिलिटी गैप फण्डिंग यानि वीजीएफ अपने मुख्य बजट से करने लगी है।
ज्ञातव्य है कि अधोसंरचना निवेश निधि बोर्ड का गठन राज्य शासन की अधोसंरचना परियाोजनाओं, जिसमें सड़क, सिंचाई, जलप्रदाय, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और जल निस्सारण के लिये संसाधन जुटाने के लिये किया गया था। इसी निधि एक हजार करोड़ रुपयों की रखी गई थी। बोर्ड को अधिकार दिये गये थे कि वह बांड, डिबेंचर या बैंक ऋण से भी और राशि की व्यवस्था कर सकेगा। बोर्ड की निधि का उपयोग भारत सरकार की वाईबिलिटी गैप फण्डिंग योजना के अंतर्गत राज्य शासन के अंशदान के रुप में दिये जाने वाले अनुदान के लिये भी किया जाता था। यह अंशदान केंद्रीय योजनाओं में राज्य के अंश के रुप में होता था। शिवराज सरकार ने दो वर्ष पहले 19 अगस्त 2015 को कानून में संशोधन कर इस बोर्ड के क्षेत्राधिकार में ऊर्जा, भण्डागारण, खाद्यान्न भण्डारण, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, सूचना प्रौद्योगिकी और बागवानी भी जोड़ दिये थे। लेकिन अब इस बोर्ड को भंग कर दिया गया है।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि बोर्ड वीजीएफ का काम करता था परन्तु अब यह कार्य सीधे मुख्य बजट में प्रावधान कर किया जा रहा है जिसके कारण अब इसकी आवश्यक्ता नहीं रह गई है और इसे भंग कर दिया गया है। बोर्ड ने कभी भी बांड, डिबेंचर या बैंक ऋण से भी और राशि की व्यवस्था नहीं की। भारत के महालेखा परीक्षक ने इस बोर्ड के संबंध में आपत्ति ली थी।
- डॉ.नवीन जोशी
शिवराज ने भंग किया सत्रह साल पुराना अधोसंरचना बोर्ड....
Location:
Bhopal
👤Posted By: DD
Views: 17905
Related News
Latest News
- भविष्य के कृत्रिम बुद्धिमत्ता समर्थित हमले: डिजिटल दुनिया पर मंडराता खतरा
- क्या भारत बन सकता है आर्थिक महाशक्ति? डेटा क्या कहता है
- भोपाल के युवाओं ने बनाया ऐप, अब वाहन खराब होने पर मैकेनिक की मदद मिलेगी
- लोकसभा चुनाव 2024: मतदाता सूची में नाम जोड़ने के बहाने साइबर बदमाशों ने 35 भोपालवासियों को ठगा
- गूगल ने इजरायल विरोधी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला