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सीआईआई यंग इंडियन्स ने गिफ्ट एन ऑर्गन अभियान के तहत किया अंगदानियों को सम्मानित

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 17789

Bhopal: जिला कलेक्टर डॉ. सुदाम खाडे ने सीआईआई यंग इंडियन्स की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि अंगदान एक पवित्र कार्य है



10 अगस्त 2017। भारत में प्रति मिनिट एक व्यक्ति अंगदान का इंतजार करते हुए जान दे देता है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक देश में 5 लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं, अंगदान कर इनमें से एक बड़ी संख्या की जान बचाई जा सकती है। एक व्यक्ति अंगदान कर 8 लोगों का जीवन बचा सकता है तथा 50 लोगों की जिंदगी को बेहतर बना सकता है। मृत्यु के उपरांत 37 प्रकार के अंग व टिश्यू किसी जीवित व्यक्ति की जान बचाने व उसका जीवन बढ़ाने के काम आ सकते हैं।



उक्त आशय की जानकारी आज सीआईआई यंग इंडियन्स द्वारा आरंभ किये गए अंगदान अभियान के संबंध में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में सीआईआई यंग इंडियन्स सदस्य तथा चिकित्सक डॉ. राकेश भार्गव ने दी। उन्होंने बताया कि अंगदान के संबंध में बहुत सी भ्रांतियां होने की वजह से देश में बहुत कम लोग अंगदान के लिए आगे आते हैं। अंगदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने तथा इस संबंध में तथ्यपरक जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सीआईआई यंग इंडियन्स द्वारा www.giftanorgan.org नामक वेबसाइट आरंभ की गई है।



कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व जिला कलेक्टर डॉ. सुदाम खाडे ने सीआईआई यंग इंडियन्स की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि अंगदान एक पवित्र कार्य है जिसके लिए हम सभी का आगे आना आवश्यक है ताकि जरूरतमंदों को अंग प्रदान कर उनकी जिंदगी बचाई जा सके।



डॉ. भार्गव ने बताया कि एक व्यक्ति अपने लिवर, फेफड़ों, दिल, छोटी आंत, पेंक्रियाज और किडनी को दान कर सकता है। इसके अतिरिक्त त्वचा, हड्डियां, कॉर्निया, हार्ट वॉल्व तथा नसों आदि को भी दान किया जा सकता है।



सीआईआई यंग इंडियन्स, भोपाल के चेयरमेन हितेश आहूजा ने बताया कि हमारे देश में अंगदान करने वालों की संख्या बहुत कम और जरूरतमंदों की संख्या बहुत ज्यादा है। एक अनुमान के मुताबिक 10 लाख लोग कार्नियल अंधेपन की वजह से ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं। दो लाख लोगों को लिवर की जरूरत है। वहीं 1.5 लाख लोगों को किडनी देकर बचाया जा सकता है। वहीं 50 हजार लोग हृदय न मिलने से जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे हैं। खासतौर पर किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए मरीजों को बहुत लंबे समय तक इंतजार करना होता है और अक्सर इंतजार करते करते उनकी मृत्यु भी हो जाती है।



उन्होंने यह भी बताया कि सीआईआई यंग इंडियन्स लोगों में अंगदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने तथा लोगों को अंगदान के प्रति प्रेरित करने समय समय पर अस्पतालों, शासकीय संस्थानों, स्कूलों एवं कॉलेजों आदि में जाकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है। इस वर्ष अंगदान दिवस तक उनका लक्ष्य लगभग 50 संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का है।



इन्हें किया गया सम्मानित: सीआईआई यंग इंडियन्स द्वारा आज आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान जिन अंगदानियों व उनके परिवारजनों को सम्मानित किया उनमें - अमित भार्गव, अंबिका प्रसाद श्रीवास्तव, जीवत राम पारयानी, भगवती बेन सोनी, डॉ. प्रेम नारायण पुनतांबेकर, अशोक पाटिल, विवेक मल्होत्रा, सरला वर्मा तथा डॉ. संगीता टांक शामिल हैं।







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