Bhopal: 23 दिसंबर 2019। राज्य के पशुपनालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने कहा है कि राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने समय-समय पर भोपाल सहकारी दुग्ध संघ के कार्यक्षेत्र अन्तर्गत सांची ब्राण्ड के दूध के सेंपल दुग्ध शीत केन्द्र, दुग्ध संयंत्र एवं बाजार से गुणवत्ता परीक्षण हेतु लिये गये हैं किन्तु आज तक फूड सेफ्टी एण्ड स्टेण्डर्ड अथारिटी आफ इण्डिया (एफएसएसआई) के गुणवत्ता परीक्षण में अपमिश्रण नहीं पाया गया है।
मंत्री ने कहा कि गत 14 दिसम्बर को जो टैंकर रास्ते में चोरी करते हुये पकड़ाया गया है, यदि उसे दुग्ध प्लांट पर लाया जाता तो निश्चित रुप से चोरी तथा अपमिश्रण की जांच दपरान्त उसे अस्वीकार कर दिया जाता। टैंकर का दूध कच्चा दूध है जो बिनपा परीक्षण एवं प्रसंस्करण के उपयोग हेतु नहीं था।
मंत्री ने कहा है कि एफएसएसआई के प्रावधानों के अनुसार पैरा डाईमिथाईल एमीनो वेंजलडीहाईड टेस्ट से 0.2 प्रतिशत या उससे अधिक मात्रा में ही यूरिया का परीक्षण किया जा सकता है परन्तु भोपाल दुग्ध संघ में 0.08 प्रतिशत यूरिया के परीक्षण अत्याधुनिक स्ट्रिप से करने के सुविधा है। एफएसएसआई मेनुअल की जांच विधि से 250 प्रतिशत यानि ढाई गुना अधिक सूक्ष्मता से दुग्ध संघ में परीक्षण किया जाता है जोकि किसी भी स्तर में यूरिया की मिलावट की रोकथाम करने में सक्षम है। इससे स्पष्ट है कि दुग्ध संघ में यूरिया एवं अन्य अपमिश्रित दूध स्वीकार किया जाना संभव नहीं है।
-डॉ. नवीन जोशी
एफएसएसआई ने सांची दुध के गुणवत्ता परीक्षण में अपमिश्रण नहीं पाया है : मंत्री
Location:
Bhopal
👤Posted By: DD
Views: 721
Related News
Latest News
- भविष्य के कृत्रिम बुद्धिमत्ता समर्थित हमले: डिजिटल दुनिया पर मंडराता खतरा
- क्या भारत बन सकता है आर्थिक महाशक्ति? डेटा क्या कहता है
- भोपाल के युवाओं ने बनाया ऐप, अब वाहन खराब होने पर मैकेनिक की मदद मिलेगी
- लोकसभा चुनाव 2024: मतदाता सूची में नाम जोड़ने के बहाने साइबर बदमाशों ने 35 भोपालवासियों को ठगा
- गूगल ने इजरायल विरोधी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला