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ज़रूरत से ज़्यादा पानी पीना ख़तरनाक

Location: Delhi                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 19671

Delhi: आमतौर पर बीमारों को डॉक्टर ज्यादा पानी या अन्य तरल पदार्थ पीने की सलाह देते हैं लेकिन एक 59 वर्षीय महिला के मामले में जल्दबाजी व कम समय में अधिक पानी पीना खतरनाक साबित हुआ.



पेशाब के एक संक्रमण से छुटकारा पाने के चक्कर में उन्हें हाईपोनेट्रिमिया हो गया. हाईपोनेट्रिमिया ऐसी स्थिति है जब रक्त में सोडियम की मात्रा बहुत कम हो जाती है यानी कोशिकाओं में पानी को रोकने की शक्ति कम हो जाती है.

सोडियम दिमाग को सतर्क रखने में अहम भूमिका निभाता है. खून में सोडियम की मात्रा एक स्तर से कम होने की स्थिति में दौरा पड़ सकता है.

मेडिकल जर्नल बीएमजे केस रिपोर्ट के अनुसार आमतौर पर किसी भी स्वस्थ व्यक्ति में ऐसा होना बेहद 'असामान्य' बात होती है.



इस रिपार्ट के अनुसार, 'मरीजों को ज़रूरत से ज़्यादा तरल पदार्थ लेने के मामले में डॉक्टरों से सलाह जरुर लेनी चाहिए. यही नहीं अधिक पानी या तरल पदार्थ लेने के बारे में शोध काफी कम हुए हैं. और इसके फायदे और नुकसान पर तो काफी कम शोध कार्य हुए हैं.'



चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि लगातार पानी पीते रहना महत्वपूर्ण है, लेकिन एक साथ और बहुत ज्यादा नहीं, खासकर अगर अधिक पसीना आ रहा हो या बुखार हो तो डॉक्टरों को भी पानी के बारे सलाह या निर्देश देने में सावधानी से काम लेना चाहिए.



जिस मरीज की बात हो रही थी, उनको लंदन के ए-एंड-ई अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसकी मेडिकल रिपोर्ट में दर्ज किया गया कि वह पानी पीने के बाद थोड़ी ही देर बाद लड़खड़ाने लगी. उसे बोलने में दिक्कत आने लगी. यहां तक ​​कि उन्होंने कई बार उल्टी भी की.



मरीज महिला के मुताबिक , "मुझे याद आता है कि मेरे हाथ काँप रहे थे और मैं परेशान थी कि उसे रोक क्यों नहीं पा रही हूँ. फिर मुझे एहसास हुआ कि मेरा पूरा शरीर कांप रहा है और मैं काफी घबरा गई.'



उन्हें लगा कि उनको स्ट्रोक हुआ है और वह अपनी भावनाएं और विचार व्यक्त नहीं कर पा रही थीं और न ही खुद पर काबू ही रख पा रही थीं.



जब उन्होंने अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों को बताया कि उन्होंने अपने डॉक्टर की सलाह पर कुछ ही घंटों में कई लीटर पानी पी लिया है, तो इन डॉक्टरों ने अगले 24 घंटे के लिए उनका पानी पीना बंद कर दिया. इसके बाद वह अगले कुछ घंटों में जाकर इस हालत से निकल पाईं. उन्हें पूरी तरह सामान्य होने में एक हफ्ता लग गया.



एक अन्य मामले में गैस्ट्रोएन्टराइटिस के एक मरीज़ को हाईपोनेट्रिमिया के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी.



किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर एमेरिटस टॉम सैंडर्स का कहना है, 'पानी पीने की सलाह गलत नहीं है और रोगियों के बिस्तर के पास पर्याप्त मात्रा में पानी होना चाहिए और उन्हें पानी पीने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.'

क्वीन्स यूनीवर्सिटी बेलफास्ट के प्रोफ़ेसर ग्राहम के अनुसार, 'इस केस से हमें जो सीख मिलती है वह यह है कि डॉक्टर अपनी सलाह देते समय अतिरिक्त सावधानी तो बरतें ही, लेकिन इसके साथ वह हर केस के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के बाद ही पानी पीने को लेकर मरीज को सलाह दें. ये बताएं कि किन परिस्थितियों में वह कितना पानी पीएं.'



ब्रिटिश नूट्रिशन फाउडेशन के अनुसार, 'हमारे भोजन से हमें करीबन बीस प्रतिशत पानी मिल जाता है. महिलाओं को प्रतिदिन 1600 एमएल और पुरूषों कों दो लीटर पानी पानी की आवश्यकता होती है. अगर हम समुचित मात्रा में पानी पीते हैं तो हमारे पेशाब का रंग हल्के पीले रंग का होगा. अगर पेशाब का रंग गाढ़ा पीला है तो हमें अधिक पानी पीने की जरुरत है.'



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