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दो नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना की सैद्धांतिक स्वीकृति

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 2015

Bhopal: 23 नवीन आईटीआई स्थापना की मंजूरी
मुख्यमंत्री चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक
भोपाल 28 जून 2022, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं आगामी वित्तीय वर्षों के लिए मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद के लिये निर्धारित वार्षिक सीमा 150 करोड़ रूपये से बढाकर 200 करोड़ रुपये करने का अनुमोदन किया गया।

मंत्रि-परिषद ने विधायक निधि अन्तर्गत विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना (पूँजीगत) में 1 करोड़ 85 लाख रूपये में 65 लाख रूपये की वृद्धि करते हुए 2 करोड़ 50 लाख रूपये तथा विधायक स्वेच्छानुदान योजना में 15 लाख रूपये में 35 लाख रूपये की वृद्धि करते हुए 50 लाख रूपये करने का निर्णय लिया।

1 करोड़ रूपये की विशेष अनुग्रह राशि स्वीकृत

मंत्रि-परिषद ने दिवंगत उप निरीक्षक स्व. श्री राजकुमार जाटव, दिवंगत कार्यवाहक प्रधान आरक्षक स्व. श्री नीरज भार्गव एवं दिवगत आरक्षक स्व. श्री संतराम मीना थाना आरोन जिला गुना के उत्तराधिकारियों को विशेष अनुग्रह राशि 1 करोड़ रूपये स्वीकृत करने का निर्णय लिया।

नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना

मंत्रि-परिषद ने जिला सीहोर स्थित बुदनी तहसील में 100 एम.बी.बी.एस. सीट प्रवेश क्षमता का चिकित्सा महाविद्यालय तथा 500 बिस्तर सम्बद्ध अस्पताल स्थापित करने के साथ नर्सिंग पाठ्यक्रमों के लिये 60 सीट प्रवेश क्षमता का नर्सिंग महाविद्यालय तथा पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के लिये 60 सीट प्रवेश क्षमता का पैरामेडिकल महाविद्यालय स्थापित करने की सैद्धांतिक सहमति दी।

इसी प्रकार उज्जैन में नये चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने के लिये स्नातक पाठ्यक्रम की 100 सीटों में वृद्धि करने के उद्देश्य से मंत्रि-परिषद ने सैद्धांतिक सहमति प्रदान की। चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना से क्षेत्र की जनता को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध होने के साथ प्रदेश के छात्रों के लिये चिकित्सा क्षेत्र की 100 एम.बी.बी.एस. सीट की वृद्धि होगी।

नवीन आईटीआई की स्थापना

प्रदेश के आईटीआई विहीन विकासखण्डों में नवीन 23 आईटीआई की स्थापना वर्ष 2022-23 के लिये प्रस्तावित 437 प्रशिक्षकीय पद एवं 253 प्रशासकीय पदों के सृजन की स्वीकृति एवं अपेक्षित अनावर्ती व्यय लगभग 32 हजार 499 लाख रूपये तथा पाँच वर्ष के लिए आवर्ती व्यय लगभग 9,890 लाख रूपये के वित्तीय प्रावधान का अनुसमर्थन किया। वर्तमान में प्रदेश में 52 जिलों में 213 विकासखण्डों में 238 शासकीय आई.टी.आई. संचालित हैं, जिनमें प्रवेश क्षमता 44 हजार 552 है।

यूनिवर्सिटी स्थापना के लिये भूमि आवंटन

मंत्रि-परिषद ने "नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी'' (एन.एफ.एस.यू) गांधीनगर के केम्पस की स्थापना के लिये ग्राम बरखेड़ा बोंदर, तहसील हुजूर, जिला भोपाल में स्थित भूमि खसरा क्रमांक 44 कुल रकबा 5.115 हेक्टेयर एवं खसरा क्रमांक 45 कुल रकबा 6.082 हेक्टेयर में से 6.073 हेक्टेयर (15 एकड़) शासकीय भूमि निःशुल्क प्रीमियम तथा एक रूपये वार्षिक भू-भाटक पर यूनिवर्सिटी को शासन की शर्तों के अधीन आवंटित की जाने का निर्णय लिया। एन.एफ.एस.यू का केम्पस विकसित करने का पूर्ण दायित्व यूनिवर्सिटी का होगा।

रूरल टेक्नॉलॉजी पार्क की मंजूरी

मंत्रि-परिषद ने मुरैना में रूरल टेक्नॉलॉजी पार्क स्थापित करने की मंजूरी दी। रूरल टेक्नॉलॉजी पार्क के संचालन के लिये पदों को निर्मित करने की स्वीकृति प्रदान की। पार्क के संचालन के लिये वेतन-भत्तों के भुगतान के लिये 50 लाख 88 हजार रुपये प्रशासनिक मद में तथा आवर्ती/प्रशिक्षण व्यय के लिये 1 करोड़ 10 लाख 46 हजार रूपये का व्यय विभाग की आनुषांगिक संगठनों/प्रशिक्षण संस्थानों के लिए उपलब्ध मद में प्रावधान कर किये जाने की स्वीकृति देने का निर्णय लिया गया।

सिंचाई परियोजनाएँ

मंत्रि-परिषद ने जबलपुर जिले की छीताखुदरी मध्यम सिंचाई परियोजना, लागत राशि 434 करोड़ 21 लाख रूपये सैंच्य क्षेत्र 16 हजार 875 हेक्टेयर और कुण्डालिया बहुउद्देशीय वृहद सिंचाई परियोजना जिला राजगढ़ लागत राशि 4614 करोड़ 73 लाख रूपये सैंच्य क्षेत्र 1 लाख 39 हजार 600 हेक्टेयर की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी।

25 समूह जल प्रदाय योजनाओं को पुनरीक्षित स्वीकृति

मंत्रि-परिषद ने जल जीवन मिशन में प्रदेश के विभिन्न जिलों में 11 हजार 100 करोड़ 72 लाख रूपये की 25 समूह जल प्रदाय योजनाओं की पुनरीक्षित स्वीकृति दी है। मिशन की इन जल प्रदाय योजनाओं से 6223 गाँवों की ग्रामीण आबादी को उनके घर में ही नल से जल उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जायेगी।

गौ-अभयारण्य

पशुपालन एवं डेयरी विभाग में गौ-अभयारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र, सालरिया जिला आगर मालवा में गौ-अभयारण्य का संचालन किया जा रहा है। अभयारण्य के संचालन का उद्देश्य निराश्रित गौवंश के पालन के साथ गौ-उत्पादों का निर्माण एवं गौवंश पर अनुसंधान करना है। अभयारण्य को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित कर इसे स्वावलंबी मॉडल बनाना शासन की प्राथमिकता में है। मध्यप्रदेश गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड एवं श्री गौ-सेवा तीर्थ-धाम पथमेड़ा, जिला जालोर राजस्थान के मध्य अभयारण्य के संचालन के लिए अनुबंध उपरांत गौ-उत्पादों का निर्माण, विपणन, गौ-पर्यटन का विकास, हरा चारा विकास, नस्ल सुधार और अनेक रोजगार उन्मुखी गतिविधियाँ अभयारण्य में संचालित हो सकेगी। मंत्रि-परिषद द्वारा पशुपालन एवं डेयरी विभाग में गौ- अभयारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र, सालरिया के संचालन के लिये मध्यप्रदेश गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड एवं श्री गौ-सेवा तीर्थ-धाम पथमेड़ा, जिला जालोर राजस्थान के मध्य अभयारण्य के संचालन के लिए अनुबंध करने का निर्णय लिया गया।

निवेश प्रोत्साहन सहायता योजना अवधि में वृद्धि

मंत्रि-परिषद ने निवेश प्रोत्साहन सहायता योजना के लाभ के लिये विभागीय आदेश से जारी प्रावधानों में योजना की प्रभावशीलता अवधि 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2022 तक को बढा़कर दिनांक 1 अप्रैल 2018 से 3 जून 2022 तक वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने वाली इकाइयों के लिये किया। जिन इकाइयों द्वारा उनके प्रस्तावित निवेश का 75 प्रतिशत निवेश अंतिम तिथि यथा 30 जून 2022 तक कर लिया जायेगा, उन्हें वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने तथा प्रस्तावित सहायता का लाभ प्राप्त करने के लिये निर्धारित तिथि 31 मार्च, 2023 तक का समय प्रदान किया गया।

तेन्दूपत्ता दर में वृद्धि

मंत्रि-परिषद ने वर्ष 2022 संग्रहण काल हेतु एवं आगामी आदेश तक तेन्दूपत्ते की संग्रहण दर 3 हजार रूपये प्रति मानक बोरा करने के निर्णय का अनुसमर्थन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 22 अप्रैल 2022 को वन समितियों के सम्मेलन में तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 2,500 रूपये से बढ़ाकर 3 हजार रूपये प्रति मानक बोरा करने की घोषणा की थी। वर्ष 2022 के लिये 16 लाख 29 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है, जिससे संग्राहकों को 89 करोड़ रूपये का अतिरिक्त पारिश्रमिक प्राप्त होगा।

राज्य सांख्यिकी आयोग गठन का निर्णय

मंत्रि-परिषद द्वारा कुण्डू टास्कफोर्स समिति की अनुशंसा पर राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन का निर्णय लिया गया। प्रदेश में सांख्यिकी प्रणाली के सुद्दढ़ीकरण के लिये अनुशंसाएँ प्रस्तुत करने के लिये कुण्डू टास्कफोर्स गठित किया गया था। इसकी अनुशंसाओं में राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की तर्ज पर राज्य सांख्यिकी आयोग का गठन किये जाने के प्रस्ताव है। आयोग के अध्यक्ष प्रख्यात सांख्यिकी विशेषज्ञ होंगे, जिन्हें इस क्षेत्र में 20 वर्ष का अनुभव होगा। आयोग में 1 सदस्य राज्य सरकार नामित करेगी और अधिकतम 6 सदस्य विषय-विशेषज्ञ के रूप में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।

परिसम्पत्तियों का निर्वर्तन

मंत्रि-परिषद् द्वारा राजस्व विभाग की ग्राम सिरोल जिला ग्वालियर स्थित सर्वे नं. 375, 376 एवं 394 कुल रकबा 1730 वर्गमीटर भूमि परिसम्पत्ति के निर्वर्तन हेतु एच-वन की उच्चतम निविदा राशि एक करोड़ 89 लाख एक हजार 955 रूपये, जो रिजर्व मूल्य राशि 1 करोड़ 32 लाख से अधिक है, का अनुमोदन करते हुए उसे विक्रय करने एवं एच-वन निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100 प्रतिशत जमा करने के बाद अनुबंध/रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जाए, का निर्णय लिया गया।

मंत्रि-परिषद ने राजस्व विभाग द्वारा विनोद मिल परिसम्पत्ति शीट क्र. 1738 स्थित पार्सल क्रमांक 01 एवं 02, कुल क्षेत्रफल क्रमशः 19 हजार 69 वर्गमीटर एवं 17 हजार 529 वर्गमीटर है, पार्सलों के निर्वर्तन के लिये आमंत्रित निविदा में निविदाकारों की वित्तीय निविदा राशि एवं ई-नीलामी में लगाई गई बोली राशि को उच्चतम पाए जाने से एच-वन निविदाकार को पार्सल-1 की उच्चतम निविदा राशि 25 करोड़ 41 लाख 20 हजार रूपये जो, रिजर्व मूल्य राशि 16 करोड़ 76 लाख रूपये से अधिक है, पार्सल 2 की उच्चतम निविदा राशि 24 करोड़ 61 लाख 68 हजार रूपये जो रिजर्व मूल्य राशि 15 करोड़ 43 लाख रूपये से अधिक है, का अनुमोदन करते हुए उसे विक्रय करने एवं एच-वन निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100 प्रतिशत जमा करने के बाद अनुबंध/रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जाए, का निर्णय लिया।

ओंकारेश्वर सौर ऊर्जा पार्क से प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया द्वारा प्राप्त टेरिफ का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने ओंकारेश्वर सौर ऊर्जा पार्क से प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया द्वारा प्राप्त टेरिफ का अनुमोदन किया। ओंकारेश्वर जलाशय में फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजना का विकास किया जायेगा। फ्लोटिंग सौर परियोजना में भूमि की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिये भूमि का अन्य कार्यों में उपयोग किया जा सकता है। सोलर पैनल को साफ करने के लिए 5 किलो लीटर प्रति वॉश, प्रति मेगावाट की आवश्यकता होती है, जिसे भूमिगत जल से ही प्राप्त किया जा सकता है। फ्लोटिंग प्लेटफार्म के कारण पानी का वाष्पीकरण 60 से 70 प्रतिशत तक कम हो जाता है। इससे लगभग 32.4 मिलियन घन मीटर पानी की वार्षिक बचत होगी। इससे भू-अर्जन या विस्थापन की स्थिति नहीं बनती है। फ्लोटिंग परियोजना में ऊर्जा उत्पादन भूमि पर स्थापित परियोजना से 10 प्रतिशत अधिक होता है।

अन्य निर्णय

मंत्रि-परिषद ने वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा फिल्म "द कश्मीर फाईल्स" को एस.जी.एस.टी. की छूट के संबंध में जारी किए गए आदेश दिनांक 13 मार्च 2022 जिसमें राज्य माल और सेवा कर (SGST) के समतुल्य राशि की प्रतिपूर्ति करते हुए सिने दर्शकों को प्रदान की गई कर में छूट संबंधी विभागीय कार्यवाही का कार्योत्तर अनुमोदन किया।

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