Bhopal: 6 अक्टूबर 2018। राज्य सरकार के ऐसे विभाग एवं कार्यालय जहां विधि अधिकारी की जरुरत है, वहां संविदा पर रिटायर्ड जजों को नियुक्ति देने के लिये राज्य सरकार ने गत 22 मार्च 2018 को नियम जारी किये परन्तु छह माह बाद भी अपेक्षित संख्या में रिटायर्ड जज न मिलने पर अब राज्य सरकार ने उक्त संविदा नियम शिथिल कर दिये हैं।
ये संविदा नियम इसलिये बनाये गये थे ताकि ऐसे पद जो विभागीय सेटअप में संविदा पद के रुप में स्वीकृत हैं या स्वीकृत ऐसे पद या पदोन्नति से भरे जाने वाले ऐसे पद जिनकी पूर्ति में एक वर्ष से अधिक अवधि लगना संभावित है, उन पर इन रिटायर्ड जजों की नियुक्ति की जा सके।
उक्त नियमों में एक प्रावधान यह था कि उसी रिटायर्ड जज को संविदा नियुक्ति के लिये पात्र माना जायेगा जिसकी पिछले दस साल में गोपनीय चरित्रावली समग्र रुप से बहुत अच्छा श्रेणी या उससे उच्च कोटि की हो। लेकिन इस नियम के कारण रिटायर्ड जज नहीं मिल पा रहे थे और अब तक छह माह में सिर्फ एक रिटायर्ड जज की ही संविदा नियुक्ति हो पाई थी। इसीलिये अब यह नियम शिथिल किया गया है तथा नया प्रावधान किया गया है कि अब ऐसे रिटायर्ड जज संविदा नियुक्ति के लिये पात्र होंगे जिनकी पिछले दस साल की गोपनीय चरित्रावली में से सात वर्षों की गोपनीय चरित्रावली बहुत अच्छा श्रेणी की हों और शेष तीन वर्षों की अच्छा श्रेणी या उच्च कोटि की हों।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि रिटायर्ड जजों की संविदा नियुक्ति नियमों में इसलिये संशोधन किया गया है क्योंकि दस साल की सीआर के कारण रिटायर्ड जजों के आवेदन नहीं आ रहे थे। अब सात साल की सीआर का प्रावधान करने से यह काम्पीटिटिव हो गया है।
- डॉ. नवीन जोशी
रिटायर्ड जज मिल नहीं रहे इसलिये संविदा नियम शिथिल किये
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Bhopal
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