×

वायु प्रदूषण से डायबिटीज और हाई बीपी का खतरा, भोपाल एम्स करेगा शोध

Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 476

भोपाल: 26 मई 2023। आपको ये सुनकर हैरानी होगी लेकिन आज के समय में अधिकतर बीपी और डायबिटीज के जो मरीज आ रहे हैं उनमें से अधिकांश वह लोग भी शामिल हैं जिनके ना तो परिवार में यह बीमारी है और ना ही उनकी लाइफस्टाइल ऐसी है, कि वह इन बीमारियों से की चपेट में आ जाएं लेकिन बीमारियों से जो ग्रसित हैं उसका एक कारण वायु प्रदूषण भी है। अब इसी पर रिसर्च करने की जिम्मेदारी उठाई है भोपाल एम्स ने।

भोपाल में वायु से होने वाली बीमारियों पर रिसर्च करने की जिम्मेदारी भोपाल एम्स ने उठाई है। भोपाल एम्स इस रिसर्च की शुरुआत पर होने वाले प्रभाव और बीपी व डायबिटीज की बीमारी का पता लगाना है। भोपाल एम्स के डायरेक्टर अजय करने बताते जा रहा ने हाल एम्स हैं कि है सिंह शरीर वायू प्रदूषण से ही भी के साथ एक एमओयू साइन किया था जिसके माध्यम से एम्स भोपाल कई रिसर्च पॉल्यूशन को लेकर भी करेगा। इन्हीं में से एक रिसर्च ये में पॉल्यूशन बोर्ड कंट्रोल रहा से इंसान के शरीर पर डायबिटीज और मधुमेह की बीमारी का कितना खतरा बढ़ गया है। अजय सिंह बताते हैं कि इसके लिए उन्होंने पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और सरकार से अनुमति के लिए पूरी तैयारियां और फाइलें कंप्लीट कर उन्हें भेज भी दी हैं। अब जैसे ही इस पर स्वीकृति मिलती है तो अगले दिन से ही यह रिसर्च प्रारंभ हो जाएगा। अजय सिंह बताते हैं कि फिलहाल इस रिसर्च में एक से डेढ़ साल का समय लगेगा। उसके बाद ही परिणाम सामने आएंगे लेकिन जैसे ही अनुमति मिलती है तो यह रिसर्च शुरू कर दिया जाएगा।

ऐसे होगा रिसर्च: अजय सिंह बताते हैं कि इस रिसर्च में उन लोगों पर रिसर्च किया जाएगा जो मधुमेह और बीपी से ग्रसित हैं। उनकी डिटेल हिस्ट्री के साथ ही उनके शरीर में ऑक्सीजन लेवल को हर 2 घंटे से चेक भी किया जाएगा। अजय सिंह बताते हैं कि कुछ ऐसे लोगों पर भी रिसर्च किया जाना है जो पहले तो प्राकृतिक हवा वाले शहरों में रह रहे थे फिर उन्हें पॉल्यूशन वाले शहरों में लाकर कुछ दिन रखा जाएगा।

पॉल्यूशन का बुरा असर: एम्स डायरेक्टर ने बताया कि वायु प्रदूषण का 2 तरह से असर पड़ता है, एक थोड़े समय के लिए और एक ज्यादा समय के लिए। लेकिन दोनों ही तरह से ये हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन के खतरे को बढ़ाया है। हाइपरटेंशन के वह मरीज सबसे ज्यादा सामने आते हैं जिन्हें जो वायु प्रदूषित क्षेत्र में तो रहते ही हैं, लेकिन साथ में मोटापे से भी ग्रस्त हैं। अजय सिंह बताते हैं कि मधुमेह में, वायु प्रदूषण के कारण शरीर के अंदर बनने वाली इंसुलिन को पॉल्यूटेड एयर खत्म करती है, जिस कारण शरीर में इंसुलिन की कमी आ जाती है और व्यक्ति मधुमेह का शिकार हो जाता है। इन्हीं बातों पर यह पूरा अध्यक्ष रिसर्च किया जाएगा।

पॉल्यूशन से बढ़े मरीज: अमेरिका में हुए एक अध्ययन के अनुसार 2016 में दुनिया भर में प्रदूषण की वजह से 32 लाख मामले नए रूप में सामने आए थे। इसमें डायबिटीज और हाई बीपी का मुख्य कारण वायु प्रदूषण माना गया था। जिसमें ट्रैफिक से होने वाला पॉल्यूशन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड से होने वाला पॉल्यूशन और फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं के कारण मधुमेह और बीपी की बीमारियां बढ़ी।

Madhya Pradesh, प्रतिवाद समाचार, प्रतिवाद, MP News, Madhya Pradesh News, MP Breaking, Hindi Samachar, prativad.com

Related News

Latest News

Global News