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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किया ऐलान- SBI में मर्ज होंगे ये 5 बड़े बैंक

Location: Delhi                                                 👤Posted By: Digital Desk                                                                         Views: 18781

Delhi: तमाम विरोधों को नजरअंदाज करते हुए भारत सरकार ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(SBI) को वैश्विक स्तर का बैंक बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठा दिया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने SBI के 5 सहयोगी बैंकों के SBI के साथ विलय की घोषणा कर दी. उन्होंने कहा कि विलय की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने का काम तेजी से चल रहा है और इसमें विरोध कर रहे कर्मचारियों का कोई नुकसान नहीं होगा. हालांकि बैंक कर्मचारी यूनियन इस फैसले के खिलाफ लगातार विरोध जता रहे हैं.



जेटली ने बेहतर नतीजे का दिया भरोसा

दरअसल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने बैंकों के सुधार की दिशा में कदम उठाते हुए स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और भारतीय महिला बैंक लिमिटेड (BMB) के एसबीआई में विलय के प्रस्ताव को पहले ही कैबिनेट ने पास कर दिया है. उन्होंने कहा कि इन बैंकों के एसबीआई के साथ विलय का सही रिजल्ट कुछ सालों में मिलेगा.



कैबिनेट स्तर पर लिया गया विलय का फैसला

इससे एसबीआई निदेशक मंडल ने भारतीय महिला बैंक समेत 5 एसोसिएट बैंकों के एसबीआई में विलय को पिछले महीने ही मंजूरी दे दी थी, निदेशक मंडल ने विलय को मंजूरी देते हुए कहा था कि इसमें मौजूदा कर्मचारियों के हितों को ध्यान रखा गया है और कर्मचारियों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा. जेटली ने सार्वजनिक बैंकों (पीएसयू) के पहली तिमाही के नतीजे की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक के दौरान विलय को अंतिम रूप देने की बात कही. वित्त मंत्री की मानें सरकार ने विलय के प्रस्ताव का समर्थन करने का फैसला मंत्रिमंडलीय स्तर पर किया है.



पांचों बैंकों के कर्मचारी विलय के खिलाफ

गौरतलब है कि एसबीआई की ओर से पिछले महीने में कहा गया था कि उसके सभी सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय उसके साथ किया जाएगा. इस विलय से एसबीआई की संपत्तियां 8 लाख करोड़ रुपये और बढ़कर 30 लाख करोड़ रुपये की हो जाएंगी. जिससे संपत्ति में 36 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. एसबीआई के 5 सहयोगी बैंकों के लगभग 50 हजार कर्मचारियों ने प्रस्तावित विलय का विरोध जताते हुए मई महीने में एक दिन की देशव्यापी हड़ताल की थी.



केरल विधानसभा में विलय के खिलाफ प्रस्ताव

वहीं स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर के SBI के साथ विलय के विरोध में इसी साल के जुलाई महीने में केरल विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया था. केरल सरकार का तर्क था कि इससे अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा. लेकिन अब केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि सरकार ने विलय के दिशा में कदम उठा दिया है और इस विलय में तमाम कर्मचारियों के वेतन और भत्तों के मामले में कोई नुकसान नहीं होगा. साथ ही रिटायर्ड कर्मचारियों के लाभ का संरक्षण किया जाएगा.

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