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संसद में हुई नोटबंदी पर बहस, मोदी की मौजूदगी में मनमोहन ने चलाए तीर

Location: NEW DELHI                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 18353

NEW DELHI: 24 नवम्बर 2016, नोटबंदी पर आज भी संसद में संग्राम जारी रहा। हालांकि कई दिनों के गतिरोध के बाद आज राज्यसभा में नोटबंदी पर बहस हुई और इस दौरान पीएम मोदी भी मौजूद रहे। उनकी मौजूदगी में ही पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने सरकार पर तीखे हमले किए। वहीं आज सरकार ने संसद में जारी इस गतिरोध को दूर करने की कोशिश भी की। आज केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें उन्हें सभी दलों के नेताओं से मुलाकात करनी थी, लेकिन विपक्ष इस बैठक में नहीं पहुंचा।



जानिए दिन भर का अपडेट-

-राज्यसभा में भारी हंगामा, विपक्षी सांसद वेल तक पहुंचे। मोदी के खिलाफ नारेबाजी। सदन कल तक के लिए स्थगित।



-अरुण जेटली ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज सदन में नोटबंदी पर चर्चा हुई ,इसमें हर दल के लोग बोले, उसके बाद सरकार को जवाब देना था। विपक्ष के पास शोर मचाने के बहुत विषय थे, लेकिन कहने लायक तर्क नहीं थे। इसीलिए वो अगले दिन का बहाना ढूंढ़ने लगे। आज की चर्चा से साफ़ था कि उनकी कोई तैयारी नहीं थी। जनता ने स्वागत किया और आक्रोश विपक्ष में है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को निशाने पर लेते हुए जेटली ने कहा कि उस सरकार के मुखिया को भी अब हमारे फैसलों में ब्लंडर लगने लगा है जिसने भ्रष्टाचार में डूबी सरकार चलाई।



प्रधानमंत्री मोदी लंच के बाद राज्यसभा में नहीं आए। इस पर विपक्ष ने उनके खिलाफ नारेबाजी की। गुलाम नबी आजाद ने कहा- पीएम यहां रहकर सबके भाषण सुनकर उत्तर देंगे तो सदन चलेगा। बताएं कि प्रधानमंत्री आएंगे या नहीं। क्या प्रधानमंत्री सिर्फ प्रश्नकाल के लिए आए हैं, ऐसे हाउस नहीं चलेगा। राज्यसभा 3 बजे तक स्थगित हुई।



राज्यसभा में बहस

मायावती, बीएसपी सांसदः आपके नोटबंदी के फैसले को हमारी पार्टी समर्थन करती है लेकिन आपका तरीका सही नहीं है। कल सर्वे आ रहा था, वो गलत है। 90% लोग आज भी एटीएम और बैंको के बाहर लाइन में खड़े हैं।



डेरेक ओ'ब्रायन, टीएमसी सांसदः नोटबंदी से सभी को तकलीफ पहुंची है। इस फैसले के 2 घंटे बाद ही ममता जी ने इसका विरोध किया था। समाज में हर तबके में इसे लेकर गुस्सा है। पूरा विपक्ष एकजुट है। 500 रुपये के पुराने नोट को नए 500 रुपए के नोट के साथ ही चलाना चाहिए था। पीएम ने एक वोटिंग करवाई और कहा कि 92 फीसदी लोग खुश हैं। मैं जानना चाहता हूं कि यह 92 फीसदी लोग है कहां? पीएम इस बहस का जवाब देंगे। हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। आप ममता बनर्जी को इसके लिए जेल में डाल सकते हैं।



नरेश अग्रवाल, सपा सांसद? प्रशंसा हम सबको पसंद होती है, लेकिन कभी-कभी प्रशंसा चाटुकारिता में बदल जाती है। मैंने भी वो नारा सुना है? इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा। हमें इस पर सोचना चाहिए। सपा इस निर्णय के विरोध में है। गुलाम नबी जी कह रहे थे कि वो इसके फैसले के साथ हैं, लेकिन सपा इसके साथ नहीं है। जिनके पास काला धन है कौन लाइन में लगा है, कौन नेता लाइन में लगा है, कौन आतंकियों को संरक्षण देने वाला लाइन में लगा है? लाइन में तो गरीब लगा है। ये निर्णय घातक है। अगर 10 लाख करोड़ बैंकों में आ गया तो कौन सा बड़ा भाग्य मिल गया। अगर आपने देश में काला धन समाप्त करने का निर्णय लिया है तो विदेश में कितना काला धन है ये भी बताइए। चुनाव के समय तो यही बात हुई थी, तभी तो जन धन खाते खुले थे। अब ये आदेश निकाला है कि जन धन खातों से कोई रुपया नहीं निकलेगा। इसमें किसी बीजेपी के नेता का कोई श्रेय नहीं। ये बात तो तय है कि पीएम ने अकेले अपने दम पर सब किया है।



मनमोहन सिंह, पूर्व पीएम- पीएम कह रहे हैं कि नोटबंदी का फैसला आगे ले जाने वाला फैसला है और इससे आतंकवाद भी रूकेगा। मैं इसका विरोध नहीं कर रहा। लेकिन जो लोग प्रभावित हो रहे हैं उनकी बात सुनी जानी चाहिए। पीएम ने 50 दिन इंतजार करने को कहा है, ये छोटा वक्त हो सकता है लेकिन देश के गरीबों के लिए छोटा वक्त नहीं है। हमें नहीं पता कि नोटबंदी का आखिरी परिणाम क्या होगा। इसके खतरनाक नतीजे हो सकते हैं। बैंकिंग सिस्टम से लोगों का विश्वास कमजोर हुआ है।



गुलाम नबी आजाद, नेता विपक्ष- वह सिर्फ बीजेपी के नहीं हमारे और पूरे देश के पीएम हैं। हम लोगों की तकलीफों के खिलाफ हैं। तैयारी आपकी थी नहीं। किसान से लेकर मजदूर, महिलाओं, का दर्द बताने का हक है या नहीं। अगर पीएम सिर्फ प्रश्नकाल के लिए आए हैं, या पीएम यहां सभी को सुनेंगे, बहस को सुनेंगे। अरुण जेटली- गुलाम आजाद जी की कुछ टिप्पणियों से सहमत नहीं हूं। लेकिन इस बात से सहमत हूं कि 12 बजे से बहस शुरू होनी चाहिए। विपक्ष से कहूंगा की तुरंत बहस शुरू करे। आजाद-पूर्व पीएम मनमोहन सुबह बोलना चाहते थे, मुझे लगता है कि अब बहस शुरू हो जानी चाहिए।



सदन में हंगामा

-हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित।

-लोकसभा में हंगामा। सपा सांसद अक्षय यादव ने लोकसभा स्पीकर की तरफ कागज फेंके। कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित।

-राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही मचा हंगामा। अरुण जेटली ने कहा, विपक्ष नोटबंदी पर बहस शुरू करे। मनमोहन सिंह को बोलने दिया जाए।



उपसभापति ने कहा- प्रश्नकाल के बाद ही नोटबंदी पर बहस शुरू होगी।



-यूपी के सीएम अखिलेश यादव भी संसद भवन पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे अखिलेश।



-संसद में विपक्ष की बैठक खत्म। विपक्ष सरकार के साथ बैठक नहीं करेगा। विपक्ष की मांग, पीएम को राज्यसभा में सभी 24 वक्ताओं को सुनना होगा। 28 नवंबर को विपक्ष आक्रोश रैली के मद्देनजर फिर मुलाकात करेगा।



अनंत कुमार, संसदीय कार्य मंत्री:हम विपक्ष से लगातार नोटबंदी पर चर्चा करने के लिए कह रहे हैं। हमने विपक्ष के साथ कोई आधिकारिक बैठक नहीं बुलाई है। राजनाथ सिंह की ओर से बुलाई गई बैठक आधिकारिक नहीं है।



मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता: अगर प्रधानमंत्री ने बुलाया होता तो जरूर जाते। अगर राजनाथ सिंह चाहें तो वो मीटिंग में आ सकते हैं। हम पहले बैठक करेंगे फिर फैसला करेंगे कि उनकी मीटिंग में जाना है या नहीं। नरेश अग्रवाल, समाजवादी पार्टी नेता: हम प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग करना चाहते हैं, राजनाथ सिंह या वेंकैया नायडू के साथ नहीं।



-कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आज सुबह 10 बजे सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई। राजनाथ ने भी इसी वक्त पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाने के लिए एक ही वक्त पर बैठक बुलाई। विपक्ष का कहना है कि कुछ ही दलों को बुलाकर सरकार उनकी एकता को तोड़ना चाहती है।



-सभी विपक्षी पार्टियों ने एकजुटता दिखाते हुए नोटबंदी पर 28 नवंबर को देशभर में प्रदर्शन का ऐलान किया है। 500, हजार के नोट बंद होने के बाद से ही पीएम मोदी विपक्ष के निशाने पर हैं। विपक्ष जनता की आवाज बनने का दावा कर सरकार के खिलाफ संसद से सड़क तक विरोध कर रहा है। कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया तो ममता बनर्जी ने जंतर मंतर पर धरना देकर पीएम पर देश की अर्थव्यवस्था से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। इसी बीच नरेंद्र मोदी ऐप पर नोटबंदी को लेकर किए गए सर्वे के नतीजे भी आए जिसमें 90 से ज्यादा फीसद लोगों ने पीएम के फैसले को सही बताया। सूत्रों के मुताबिक बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में पीएम मोदी ने भी सर्वे के नतीजों का हवाला दिया। केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के मुताबिक लोगों ने हमें मेंडेट दिया है। लोगों ने मोदी जी में भरोसा जताया कि वो ब्लैकमनी खत्म करेंगे और वो सरकार ने किया। लोग खुश हैं मोदी जी से। हालांकि विपक्ष इस सर्वे पर भी सवाल उठा रहा है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है कि मोदी सरकार ने नोटबंदी पर खुद ही सर्वे करवा कर एक बार फिर झूठ बोला है। आप इस तरह देश की जनता को मूर्ख नहीं बना सकते।



नोटबंदी पर जारी इस सियासी घमासान के बीच आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने फैसले का समर्थन करते हुए विरोध कर रहे सभी राजनीतिक दलों को नसीहत दी। नोटबंदी पर लोगों को हो रही परेशानी को मुद्दा बनाकर विपक्ष सरकार को बैकफुट पर लाने की कोशिश कर रही है। लेकिन सरकार फैसले पर अडिग है। ऐसे में ये सियासी संग्राम जल्द थमता तो नहीं दिख रहा।

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