×

विधान सभा समितियां सदन की पूरक होती हैं : डॉ. शर्मा

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: PDD                                                                         Views: 17874

Bhopal: 10 अप्रैल, 2017, परिणाम मूलक विधायन से ही लोकतंत्र की सफलता सुनिश्चित होती है। आदर्श लोकतांत्रिक प्रणाली की पहली आवश्‍यकता निष्‍पक्ष और निर्मल विधायी कार्य संचालन है जिसमें विधान सभा समितियां म‍हती भूमिका का निर्वहन करती हैं । वस्‍तुत: विधायन और उसके क्रियान्‍वयन की प्रक्रिया के संदर्भ में विधान सभा समितियां सदन की पूरक होती हैं जिनका महत्‍व सदन से कमतर नहीं होता। यह बात विधान सभा अध्‍यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने आज विधान सभा सभागार में वर्ष 2017-2018 की अवधि के लिये गठित विधान सभा समितियों की संयुक्‍त बैठक को संबोधित करते हुये कही। डॉ. शर्मा ने कहा कि समितियों की व्‍यापक एवं पारिणामिक कार्य-प्रणाली से विधायिका तथा कार्य पालिका के मध्‍य परस्‍पर विश्‍वास बढ़ता है, परिणाम स्‍वरूप जन-कल्‍याण के कार्यो को मूर्तरूप मिलता है।

नवगठित समितियों के सभापतियों एवं सदस्‍यगणों को हार्दिक शुभकामनाएं व्‍यक्‍त करते हुए डॉ. शर्मा ने विश्‍वास जताया कि आप सभी योग्‍य सदस्‍यगण इन महत्‍वपूर्ण समितियों में अपनी भूमिका एवं दायित्‍वों का कुशलता पूर्वक निर्वहन करने में सफल होंगे।

संयुक्‍त समितियों की बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. नरोत्तम मिश्र ने कहा कि विधायी नवाचार विचारशील व्‍यक्ति करते हैं और विचार अन्‍तर्मन से जन्‍म लेते हैं। डॉ. मिश्र ने समिति प्रणाली को सदन की प्रतिछाया निरूपित किया। इस अवसर पर लोक लेखा समिति के सभापति महेन्‍द्र सिंह कालूखेड़ा, प्राक्‍कलन समिति के सभापति गिरीश गौतम तथा सरकारी उपक्रम समिति के सभापति यशपाल सिंह सिसौदिया ने भी अपने विचार व्‍यक्‍त किए।

विधान सभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने सर्वप्रथम संयुक्‍त समिति की बैठक के औचित्‍य एवं समिति प्रणाली की अवधारण पर प्रकाश डाला। संयुक्‍त बैठक में विभिन्‍न समितियों के सभापति एवं सदस्‍यगण, विधान सभा अपर सचिवद्वय वीरेन्‍द्र कुमार एवं सुधीर शर्मा सहित अन्‍य अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।



Related News

Latest News

Global News