
6 मार्च 2025। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन से आयात होने वाले सभी उत्पादों पर टैरिफ (शुल्क) को 20% तक बढ़ाने के फैसले के बाद चीन ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि वह "आखिरी दम तक लड़ने" के लिए तैयार है।
ट्रंप के इस कदम के जवाब में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर 15% तक का जवाबी टैरिफ लगा दिया है। इसके अलावा, चीन ने 12 अमेरिकी कंपनियों पर एक्सपोर्ट नियंत्रण बढ़ा दिया और विश्व व्यापार संगठन (WTO) में अमेरिका के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया। चीन ने अमेरिका को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि "चीनी जनता किसी भी तरह की दादागिरी या दबाव के आगे नहीं झुकेगी।"
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने मंगलवार को कहा, "चीन से बातचीत करने का सही तरीका दबाव बनाना, जबरदस्ती करना या धमकी देना नहीं है। अगर अमेरिका टैरिफ वॉर, ट्रेड वॉर या किसी भी तरह की जंग जारी रखना चाहता है, तो चीन अंत तक लड़ेगा।"
🟥 चीन का आत्मनिर्भरता पर जोर
इस बढ़ते तनाव के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक बड़े राजनीतिक आयोजन की तैयारी कर रहे हैं, जहां वे देश की आर्थिक और तकनीकी क्षमता को दुनिया के सामने पेश करेंगे।
इस दौरान बीजिंग में चीन की "दो सत्रों" (Two Sessions) की वार्षिक बैठक हो रही है, जहां शी जिनपिंग और उनकी टीम चीन को तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्र में मजबूत दिखाने पर जोर देंगे। वहीं, बुधवार को बीजिंग में चीन के नंबर-2 नेता ली कियांग का भाषण अमेरिकी संसद में ट्रंप के संबोधन के लगभग समान समय पर होगा। इस दौरान ली चीन की आर्थिक वृद्धि और रक्षा बजट से जुड़े नए लक्ष्य पेश करेंगे।
🟥 चीन की तकनीकी ताकत
चीन अपनी तकनीकी उपलब्धियों से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ रहा है। हाल ही में चीन की AI कंपनी डीपसीक (DeepSeek) ने अपने ओपन-सोर्स बड़े भाषा मॉडल (LLM) से सिलिकॉन वैली को चौंका दिया। इसके अलावा, चीन की इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियां अब एलन मस्क की टेस्ला को टक्कर दे रही हैं।
चीन सरकार हाई-टेक चिप्स, क्वांटम कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को अपनी आर्थिक वृद्धि का नया आधार बना रही है।
इस बीच, अमेरिका ने चीन के संवेदनशील तकनीकी क्षेत्रों में निवेश पर नए प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई है। लेकिन चीन इसे खुद को वैश्विक स्तर पर अमेरिका की जगह लेने का मौका भी मान रहा है।
🟥 व्यापार और आर्थिक मोर्चे पर टक्कर
शी जिनपिंग ने हाल ही में चीन के शीर्ष तकनीकी उद्यमियों से मुलाकात कर कहा कि अब निजी कंपनियों को आगे बढ़कर अपनी भूमिका निभानी होगी। इसके बाद चीन सरकार ने निजी कंपनियों के लिए बाजार पहुंच आसान बनाने के कदम उठाए और "निजी अर्थव्यवस्था संवर्धन कानून" पर चर्चा शुरू की, जिसे जल्द लागू किया जा सकता है।
🟥 शी जिनपिंग की पकड़ और मजबूत
हर साल होने वाली इस "दो सत्रों" की बैठक में शी जिनपिंग की सत्ता पर पकड़ और मजबूत होती दिख रही है। 2018 में उन्होंने संविधान में बदलाव कर राष्ट्रपति पद की समय-सीमा खत्म कर दी, जिससे वे अनिश्चितकाल तक सत्ता में रह सकते हैं।
इस साल की बैठक में भी चीन की राजनीतिक व्यवस्था को उनके विजन के अनुरूप दिखाने पर जोर दिया जाएगा, भले ही देश को आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा हो।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन अपनी नीतियों को और सख्त कर रहा है ताकि वह वैश्विक अस्थिरता से निपट सके और अमेरिका व यूरोप के साथ अपने संबंधों को नियंत्रित कर सके।