8 नवंबर 2024। मंगल ग्रह पर मानव बस्ती बसाने का सपना देख रहे स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने अपनी महत्वाकांक्षाओं को लेकर फिर से सुर्खियां बटोरी हैं। मस्क का उद्देश्य मंगल ग्रह पर स्थायी बस्ती बनाना और अंतरिक्ष में मानवता का विस्तार करना है। मस्क की इस योजना के बीच, कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या वह इस परियोजना को अमेरिकी सरकार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन से सफल बना सकते हैं?
ट्रंप के कार्यकाल में अंतरिक्ष परियोजनाओं को लेकर काफी रुचि दिखाई गई थी। ट्रंप प्रशासन ने अंतरिक्ष क्षेत्र में तेजी लाने और नासा को नए मिशन के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे मस्क जैसे निजी अंतरिक्ष कंपनियों के संस्थापकों को बल मिला। इसके अलावा, ट्रंप ने "स्पेस फोर्स" का भी गठन किया, जो कि एक नया सैन्य विभाग है और जिसका मकसद अंतरिक्ष में अमेरिका की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
एलन मस्क ने इससे पहले भी अपने मंगल अभियान के बारे में कई योजनाएं प्रस्तुत की हैं। उनका मानना है कि स्पेसएक्स के रॉकेट सिस्टम के जरिए इंसानों को मंगल ग्रह पर भेजना संभव है और इसका पहला मिशन 2030 तक हो सकता है। हालांकि, इस पूरी योजना के लिए अत्यधिक संसाधनों और वित्तीय सहायता की आवश्यकता होगी।
कई विशेषज्ञ मानते हैं कि यह योजना जितनी आकर्षक है, उतनी ही चुनौतीपूर्ण भी है। मस्क की योजना में न केवल वैज्ञानिक और तकनीकी समस्याएं हैं बल्कि इसके लिए सरकार का निरंतर समर्थन और व्यापक निवेश भी जरूरी होगा। जबकि ट्रंप प्रशासन के दौरान अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए कुछ सकारात्मक कदम उठाए गए थे, यह देखना होगा कि भविष्य में मस्क को कितना सहयोग मिलता है।
हालांकि, ट्रंप का पुनः सत्ता में आना मस्क के मिशन को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन यह तय नहीं है कि इससे सभी चुनौतियों का समाधान होगा। मंगल ग्रह पर कब्जा करना और वहां मानव बस्ती बनाना एक विशाल और जोखिम भरा लक्ष्य है।
मंगल ग्रह पर कब्जा करना चाहते हैं एलन मस्क, क्या ट्रंप के कार्यकाल में यह सपना होगा साकार?
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 2498
Related News
Latest News
- हिमालय की ऊंचाइयों से भारत की 'क्वांटम छलांग': एक अध्ययन का खुलासा
- NEGD और ISB ने लॉन्च किया 'डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन' प्रशिक्षण प्रोग्राम: सरकारी अधिकारियों को मिलेगा नया डिजिटल पावर
- एस्टीरिया एयरोस्पेस ने सेना को एटी-15 VTOL ड्रोन सौंपे
- एम्स भोपाल की डॉ. हिमाद्री सिंह को एनबीआरसीओएम-2024 में सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुति पुरस्कार
- विशेषज्ञों की सलाह: छह साल से कम उम्र के बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम पूरी तरह से प्रतिबंधित हो
- 'पुष्पा 2: द रूल' ने पहले दिन रचा नया इतिहास, बनी भारतीय बॉक्स ऑफिस की सबसे बड़ी ओपनिंग फिल्म