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ओलिंपिक में भारत के मेडल: 20 साल में 22 पदक, लेकिन क्या है असली वजह?

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Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 1260

भोपाल: 4 अगस्त 2024। पिछले 20 वर्षों में भारत ने ओलंपिक खेलों में 22 पदक जीते हैं, जो देश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। लेकिन फिर भी, जब हम अन्य खेल महाशक्तियों के साथ तुलना करते हैं तो यह संख्या अपेक्षाकृत कम लगती है। आखिरकार भारत जैसा देश, जिसकी युवा आबादी और खेल प्रतिभा का भंडार है, ओलंपिक पदक तालिका में शीर्ष पर क्यों नहीं है?

सफलता के पीछे के कारण:
सरकारी समर्थन: पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। खेलो इंडिया जैसे कार्यक्रमों ने युवा प्रतिभाओं को खोजने और उन्हें प्रशिक्षण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
निजी क्षेत्र का योगदान: कई निजी कंपनियां और संस्थान भी खेलों में निवेश कर रहे हैं, जिससे खेलों का बुनियादी ढांचा बेहतर हुआ है और खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं।
खेलों के प्रति जागरूकता: मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ी है, जिससे युवाओं में खेलों के प्रति रुचि बढ़ी है।

क्यों नहीं कर पाता भारत कुछ खास?
बुनियादी ढांचे की कमी: देश के कई हिस्सों में अभी भी खेलों के लिए उचित बुनियादी ढांचे की कमी है।
कोचिंग की कमी: कुशल कोचों की कमी भी एक बड़ी समस्या है। कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी सही मार्गदर्शन के अभाव में अपनी प्रतिभा का पूरा उपयोग नहीं कर पाते हैं।
खेल संस्कृति का अभाव: भारत में खेलों को अभी भी गंभीरता से नहीं लिया जाता है। शिक्षा और करियर को खेलों से अधिक महत्व दिया जाता है।
पर्याप्त धनराशि का अभाव: खेलों में निवेश अभी भी अपर्याप्त है। कई खिलाड़ियों को प्रशिक्षण और उपकरणों के लिए खुद ही खर्च करना पड़ता है।
अन्य खेलों पर ध्यान केंद्रित: भारत में क्रिकेट को सबसे लोकप्रिय खेल माना जाता है। अन्य खेलों को उतना महत्व नहीं दिया जाता है, जिससे अन्य खेलों के विकास में बाधा आती है।

आगे का रास्ता:
बुनियादी ढांचे में निवेश: देश के सभी हिस्सों में खेलों के लिए उचित बुनियादी ढांचे का निर्माण करना होगा।
कुशल कोचों का विकास: विदेशों से कुशल कोचों को लाने के साथ-साथ देश में ही कुशल कोचों का विकास करना होगा।
खेल संस्कृति को बढ़ावा देना: खेलों को शिक्षा और करियर के बराबर महत्व देना होगा।
खेलों में निवेश बढ़ाना: सरकार और निजी क्षेत्र को खेलों में अधिक निवेश करना होगा।
अन्य खेलों को बढ़ावा देना: क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों को भी बढ़ावा देना होगा।

ओलंपिक में भारत की उपलब्धियां निश्चित रूप से सराहनीय हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। अगर हम ओलंपिक पदक तालिका में शीर्ष पर पहुंचना चाहते हैं तो हमें खेलों के विकास के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाना होगा।


- दीपक शर्मा
प्रतिवाद

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