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आम आदमी की जिन्दगी सरल बनाना ही सुशासन : मुख्यमंत्री श्री चौहान

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 1072

Bhopal: मध्यप्रदेश ईज ऑफ लाइफ को बेहतर ढंग से लागू करेगा

8 अगस्त 2020। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आम आदमी की जिन्दगी सरल हो, उसे किसी कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़ें, यही सुशासन है और इसे लागू करने के लिए मध्यप्रदेश में जो पूर्व में कार्य हुआ है, उसे तकनीकी सहयोग से अधिक बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भी कहा है कि कोविड-19 एक चुनौती है जिसे अवसर में बदलने की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश में इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है कि कार्यों को पेपरलैस बनाकर गवर्नेन्स का लाभ आमजन को दिया जाए। मध्यप्रदेश इस दिशा में पूर्व अनुभवों के आधार पर ज्यादा अच्छे परिणाम देने के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गुड-गवर्नेन्स से ई-गवर्नेन्स और अब हम एम-गवर्नेन्स की ओर जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार करने की दृष्टि से श्रृंखलावद्ध हो रहे वेबीनार के दूसरे दिन सुशासन पर केन्द्रित विचार-विमर्श का शुभारंभ करते हुए संबोधित कर रहे थे।

आम आदमी के लिए ईज ऑफ लाइफ सरकार का ध्येय

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आम आदमी के लिए ईज ऑफ लाइफ सरकार का ध्येय रहेगा। इन प्रयासों को बेहतर ढंग से करते हुए प्रदेश के नागरिकों के जीवन में संतुष्टि और जीवन के आनंद का स्तर बढ़ाने का कार्य किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जो चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने वाले अद्भुत नेता हैं, उन्होंने आत्मनिर्भर भारत का संकल्प दिलवाया है। मध्यप्रदेश इसके अनुरूप आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण कर दिखायेगा। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का दस्तावेज तैयार करने के लिए ऐसे विचार जो जमीन पर उतर सकते हैं, उन्हें अमल में लाया जाएगा। इस वेबीनार में मिले सुझाव आम जनता के कल्याण की दृष्टि से उपयोगी होंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में प्राकृतिक संसाधन, आदर्श भौगोलिक स्थिति, अच्छा उत्पादन, वनोपज, कला, संस्कृति, पर्यटन, हाथकरघा, सांस्कृतिक परम्पराएं विद्यमान हैं। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त होंगे। लेकिन बिना सुशासन के इन्हें लागू नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उन्होंने पुराने कार्यकाल में अपूर्ण सिंचाई योजनाओं को पूरा किया। अधूरे बांधों का निर्माण किया गया। इसके फलस्वरूप सिंचाई क्षमता सात लाख हेक्टेयर से बढ़कर चालीस लाख हेक्टेयर को पार कर गई।

मध्यप्रदेश में सुशासन के लिए उठाये गये हैं ठोस कदम

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में पूर्व वर्षों में उनके कार्यकाल में लोकोन्मुखी प्रशासनिक व्यवस्था लागू की गई। इसके लिए समाधान ऑनलाइन, जनदर्शन, वन-डे गवर्नेन्स, पब्लिक सर्विस गारंटी कानून बनाकर आमजन को त्वरित समाधान उपलब्ध करवाया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इसे पुरस्कृत किया। इसके अलावा सिटीजन चार्टर में सेवाओं के समय पर न दिए जाने के दोषी लोगों को दण्डित करने का कार्य भी किया गया। इस व्यवस्था का अन्य राज्यों ने भिन्न-भिन्न नामों से अनुसरण किया। यही नहीं सीएम हेल्पलाइन और सीएम मॉनिट की प्रभावी व्यवस्था लागू की गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उम्मीद व्यक्त की कि आज इस वेबीनार में भिन्न समूह इन प्रयासों की चर्चा करेंगे।

कार्य की समाधान प्रक्रिया में व्यक्ति बाधा न बने , सिंगल सिटीजन डाटाबेस शीघ्र

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सुशासन के अंतर्गत पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन आवश्यक है। कई नियम बदले भी गए हैं। इसका उद्देश्य प्रामाणिकता के साथ लोक सेवाओं का प्रदाय है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नियम, कानून आमजन के लिए होते हैं। आमजन नियम, कानून के लिए नहीं है। यदि किसी कार्य या समाधान प्रक्रिया में कोई व्यक्ति बाधा बनता है, तो यह अनुचित है। सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग से इंसान बहुत से सरकारी कार्यों के बीच में नहीं आता। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में किए गए नवाचार लोगों के लिए राहत का माध्यम बने हैं। शीघ्र ही सिंगल सिटीजन डाटाबेस के अंतर्गत एक ही स्थान पर, एक ही पोर्टल के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन का कार्य आसानी से हो सकेगा। इसके लिए तेजी से कार्रवाई की जा रही है।

त्रैमासिक बजट व्यवस्था और लक्ष्य प्राप्ति की समय सीमा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सुशासन के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक विभाग के लक्ष्य निर्धारित हों। हर तिमाही में बजट का सदुपयोग होता रहे। यह न हो कि राशि वर्षान्त में ही खर्च हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कान्त द्वारा वेबीनार में मध्यप्रदेश के लिए सुझाए गए डैश बोर्ड के अनुरूप पूर्व में मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया गया, जिसका लाभ प्रदेश को मिला। कुछ घंटों में होने वाले कार्य महीनों नहीं टाले जा सकते। मध्यप्रदेश में काम टालकर योजनाओं को कागज ही पर ही रखने की प्रवृत्ति नहीं चलने दी जाएगी। एक नई कार्यशैली से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के उद्देश्य को प्राप्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वेबीनार में शामिल हुए राज्यसभा सदस्य श्री विनय सहस्त्रबुद्धे, महाधिक्ता श्री पुरुषेन्द्र कौरव और अन्य प्रतिभागियों का स्वागत किया।

मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने में वेबीनार में प्राप्त सुझाव महत्वपूर्ण साबित होंगे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की चुनौती को अवसर में बदलने का यह समय है और हम इसका उपयोग करेंगे। नीति आयोग के सहयोग से आयोजित वेबीनर मध्य प्रदेश के लिए परिणाम मूलक साबित होंगे।

नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल में नई तकनीक के उपयोग में हो रहे अच्छे कामों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के द्वारा प्रधानमंत्री जी के समक्ष विभिन्न विषयों में 7 प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किए गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपेक्षा की कि उन सभी प्रेजेंटेशन के एक्सपेरिमेंटेशन और इंप्लीमेंटेशन की शुरुआत मध्यप्रदेश से की जाए। निश्चित ही इससे मध्यप्रदेश को नंबर वन राज्य बनने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल सिस्टम को फिजिकल सिस्टम के पहले प्राथमिकता देने में बहुत सारी चुनौतियां हैं, उन्होंने विश्वास जताया कि इस दिशा में भी मध्यप्रदेश अच्छा कार्य करेगा। प्रदेश में उन्नत तकनीकी के इस्तेमाल में भी बेहतर कार्य किया गया है। नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने लोगों की ईज़ ऑफ लिविंग के लिए नई तकनीकों के उपयोग पर जोर देते हुए कहा है प्रदेश में इस क्षेत्र में पूर्व से ही कार्य किये जा रहे है, आगे और बेहतर तरीके से कार्य किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को बेहतर तरीके से लाभ देने के लिए इंटीग्रेटेड लिस्ट ऑफ बेनिफिसियरीज का प्रयोग सुशासन को और अधिक बढ़ावा देगा।

नीति आयोग की वरिष्ठ सलाहकार सुश्री एना राय ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता को योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने और पारदर्शिता को बनाए रखने में मध्यप्रदेश में बेहतर कार्य किया जा रहा है। नोटबंदी के बाद देश में बहुत अच्छा काम किया गया। इसके बाद हमारा देश डिजिटल पेमेंट में अन्य देशों की तुलना में बहुत आगे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अकाउंटेबिलिटी और मॉनिटरिंग के लिए बहुत अच्छे कार्य हो रहे हैं। सुशासन के लिए अकाउंटेबिलिटी और मॉनिटरिंग सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने रियल टाइम डाटा कलेक्शन और डाटा की वैलिडिटी को बनाए रखने पर जोर दिया। सुश्री एना ने कहा कि सुशासन में ऑनलाइन पोर्टल सर्विस डिलीवरी बहुत उपयोगी सिद्ध हो रही है। सुशासन के लिए सभी विभागों में सामंजस्य जरूरी है। इसके लिये मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में अंतरविभागीय बैठक की जा सकती हैं।

सुशासन वेबीनार के प्रांरभ में टीम लीडर अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन मिश्रा ने सभी प्रतिभागियों का का स्वागत करते हुए वेबीनार में आयोजित होने वाले सत्रों एवं उनमें होने वाले ग्रुप डिस्कशन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभिन्न सत्रों में हुई समूह चर्चा में जो सुझाव प्राप्त होंगे, उन सब को शामिल कर सत्र के अंत में मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

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