नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा कि जेंडर इक्विलिटी और महिलाओं की गरिमा ऐसी चीजें हैं, जिस पर समझौता नहीं किया जा सकता। सरकार ने कहा कि वो तीन बार तलाक बोलने की प्रथा का विरोध करती है।
केन्द्र सरकार ने तीन तलाक का विरोध किया है। सरकार ने मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को हलफनामा दायर कर कहा है कि इस्लाम में ट्रिपल तलाक जरूरी धार्मिक रिवाज नहीं है। केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा कि जेंडर इक्विलिटी और महिलाओं की गरिमा ऐसी चीजें हैं, जिस पर समझौता नहीं किया जा सकता। सरकार ने कहा कि वो तीन बार तलाक बोलने की प्रथा का विरोध करती है। हलफनामे में मोदी सरकार की तरफ से ये भी कहा गया है कि भारत में महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकार देने से इनकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने से पहले कई मंत्रालयों के अधिकारियों की एक बैठक हुई जिसमें गृह, वित्त, महिला एवं बाल विकास और कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने हिस्सा लिया था। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टी एस ठाकुर की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी। याचिका में ट्रिपल तलाक की वैधानिकता को चुनौती दी गई थी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक के विरोध में कई याचिकाएं दायर की गई थी, जिस पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने हलफनामा दायर करते हुए कहा था कि ये याचिकाएं खारिज की जानी चाहिए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सरकार से जवाब मांगा था। पिछले दिनों केंद्र ने जवाब दायर करने के लिए कोर्ट से चार हफ्तों का समय मांगा, जिसे कोर्ट ने मान लिया था। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा था कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए। इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करने का फैसला किया है जिसमें ई-मेल, फोन, एसएमएस और पोस्ट से भेजे गए तलाक पर प्रतिबंध लगाने की अर्जी होगी।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पिछले हफ्ते बैठक की थी और एक साथ तीन तलाक कहने (तलाक-ए-बिदअत) पर उच्चतम न्यायालय में सरकार के संभावित रुख पर चर्चा की थी। इन मंत्रियों ने बहुपत्नी प्रथा और ?निकाह हलाला? पर भी चर्चा की थी। निकाह हलाला में तलाक के बाद अगर महिला और पुरुष को फिर से आपस में शादी करनी हो तो उसके लिए जरूरी होता है कि महिला किसी अन्य से शादी करे और उसके बाद फिर नए शौहर को तलाक दे कर पूर्व पति से शादी करे।
केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में किया 3 तलाक का विरोध, कहा- नहीं है जरूरी धार्मिक रस्म
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नई दिल्ली
👤Posted By: Digital Desk
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