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नये सायबर क्रिमिनल्स से नायाब तरीकों से निपटेंगी मध्य प्रदेश पुलिस

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 16228

Bhopal: एडीजी साइबर सेल ने अपनी फोर्स को चेताया, प्रशिक्षण भी दे रहे
भोपाल 8 सितंबर 2021। देश भर में बड़ी संख्या में सायबर क्राइम होने लगे हैं, मध्यप्रदेश में भी ये क्रिमिनल्स आम जनता को अपने जाल में अनूठे तरीकों से फांस रहे हैं, इनसे निपटने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस ने अपनी विशेष तैयारियां की है । सायबर सेल के एडीजी योगेश चौधरी ने अपने पुलिस अधिकारियों और अपनी साइबर फोर्स को सचेत किया और प्रशिक्षित भी किया।है । यानी मप्र में अब सायबर अपराधी डाल-डाल चलेंगे तो पुलिस पात पात की तरह होगी।

राज्य सायबर सेल भोपाल के एडीजीपी योगेश चौधरी ने सभी पुलिस अफसरों को सायबर क्राईम की घट रही नई घटनाओं के संबंध में सचेत किया है। डीजीपी सहित सभी बड़े अधिकारियों को भेजे अपने नोट में चौधरी ने कहा है कि सायबर स्पेस में अपराधियों द्वारा नायाब तरीका (माडस आपरेन्डी) अपनाया जा रहा है जिससे निपटना जरुरी है।चौधरी ने लोन के नाम पर धोखाधड़ी के बारे में बताया कि कोविड़ 19 महामारी एवं लॉकडाउन के दौरान कई लोगों पर वित्तीय संकट उत्पन्न हुआ है। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कई लोगों के द्वारा छोटे लोन या क्रेडिट के लिए वित्तीय संस्थाओं से संपर्क किया जा रहा है। इसी बात का फायदा उठाकर असामाजिक तत्वों द्वारा इंटरनेट पर फर्जी वेबसाईट व एप्स तैयार किये गये हैं, जिसपर तत्काल लोन या क्रेडिट ऑनलाईन प्रदाय किये जाने का ऑफर का झांसा दिया जाता है। लोन स्वीकृत किये जाने के नाम पर प्रोसेसिंग फीस की डिमांड की जाती है व बाद में पीडि़त को ठग लिया जाता है। इससे बचने के लिये वित्तीय संस्थानों की वेबसाईट में उपलब्ध लोगो व अन्य जानकारी की पुष्टि की जाये। आरबीआई रजिस्टर्ड ऋण दाताओं से ही लेन-देन करें। रेटिंग व रिव्यू पर भी गौर करें। वेबसाईट के पेडलॉक आईकॉन को देखकर ही व्यक्तिगत जानकारी भरें।फेसबुक पर फर्जी कापीराईट कम्पलेन्ट नोटिफिकेशन के बारे में चौधरी ने कहा है कि फेसबुक पर जालसाजों द्वारा कापीराईट कम्पलेन्ट के नाम पर स्पैम मेसेज व उसके साथ में लिंक भेजा जा रहा है। जिसको क्लिक करने पर यूजर के डिवाईस में मॉलवेयर इंस्टाल या रेंसमवेयर अटैक हो सकता है। यह मेसेज कहता है की यूजर पेज द्वारा कम्पलेन्ट रिसीव हुई है एवं अन्य यूजर द्वारा झूठ व धोखे की रिपोर्ट की गई है जिसके लिए यूजर को लिंक पर क्लिक कर अपना अकाउंट वेरिफाई किये जाने के लिए कहा जाता है। यूजर को कम्पलेन्ट की सत्यता के लिए कुछ इस प्रकार लिखा जाता है प्लीज कन्फर्म द रिपेयर ऑफ यूअर फेसबुक अकाउन्ट। इस लिंक को क्लिक किये जाने पर रेंसमवेयर का खतरा हो सकता है। इसलिये किसी भी लिंक को क्लिक किये जाने से पूर्व उसकी विश्वसनीयता की जांच कर ली जाये। पूर्व में भी हैकर द्वारा एसबीआई खाताधारक को केवाईसी अपडेट या वेरीफिकेशन के नाम पर अथवा 50 लाख का गिफ्ट का क्लेम लिये जाने के नाम पर मैसेज व लिंक भेजे गये हैं। जिससे सावधान रहने की आवश्यकता है।
रेविल रेन्समवेयर अटैक के बारे में चौधरी ने कहा है कि वर्तमान समय में हैकरो द्वारा आईटी आधारित संस्थाओं पर मालवेयर का हमला कर फिरौती की मांग की जा रही है। हाल ही में अमेरिका की मैनेज्ड सर्विस प्रोवाइडर कासिया लिमिटेड कम्पनी और उनके ग्राहक रेविल रेन्समवेयर के हमले का शिकार हो गये। हैकरों द्वारा कासिया लिमिटेड के बानाये गये वर्चुअल सिस्टम एडिमेनेस्टर को भेदकर रेविल रेन्समवेयर द्वारा उसके ग्राहकों के सिस्टम को प्रभावित किया गया। इसके चलते कम्पनी को एक सप्ताह तक अपने 800 स्टोर बंद करने पड़े। इससे बचने के लिये अपने डाटा का बैकअप पृथक से रखें। जिससे सायबर हमलावर द्वारा डाटा को इनक्रिप्ट न किया जा सके। अपने आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर की वल्ररेबिलिटी का असेसमेंट नियमित रूप से करें ताकि थैट को फिक्स किया जा सके। किसी भी अनजान लिंक को क्लिक न करें। इससे आपके सिस्टम में रेन्समवेयर को घुसने का मौका मिल सकता है।


डॉ. नवीन जोशी

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