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पांच जिलों के प्राचीन स्मारक फिर नोटिफाई हुये

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 637

Bhopal: हेरीटेज होटल बनाने वाला था पर्यटन विभाग
5 अप्रैल 2020। राज्य सरकार ने पांच जिलों में स्थित प्राचीन स्मारक फिर से नोटिफाई कर दिये हैं। इन पुराने स्मारकों को पर्यटन विभाग हेरीटेज होटल के रुप में विकसित करने वाला था।

शिवराज सरकार ने किये थे डिनोटिफाई :

पिछली शिवराज सरकार ने 25 जनवरी 2018 को पांच जिलों के प्राचीन स्मारकों को मप्र प्राचीन स्मारक पुरातत्वीय स्थल तथा अवशेष अधिनियम 1964 के तहत डिनोटिफाई किये थे ताकि पर्यटन विभाग इन्हें हेरीटेज होटल के रुप में विकसित कर सके। दरअसल जब कोई पुराना पुरातत्वीय स्थल नोटिफाई कर दिया जाता है तब उसके सौ मीटर दायरे में कोई निर्माण नहीं हो सकता है और इस सौ मीटर के बाहर दो सौ मीटर के व्यास में भी बिना सरकार की अनुमति के भी कोई निर्माण या खनन कार्य नहीं हो सकता है और दो सौ मीटर व्यास का यह क्षेत्र रेगुलेटेड एरिया कहलाता है। हेरीटेल होटल बनाने के लिये ही इसे डिनोटिफाई किया गया था ताकि वहां कायाकल्प बदलने निर्माण कार्य हो सके।
लेकिन चौदह माह वाली कमलनाथ सरकार ने इन पांचों जिलों के प्राचीन स्मारकों को पुन: नोटिफाई कर दिया जिससे इनके सौ मीटर दायरे में निर्माण प्रतिबंधित हो गया है तथा इससे और दो सौ मीटर के व्यास को रेगुलेटेड एरिया कर दिया गया है।
ये हैं पुन: नोटिफाई पांच प्राचीन स्मारक :
जिन पांच जिलों के प्राचीन स्मारकों को पुन: नोटिफाई किया गया है उनमें शामिल हैं : बजरंगगढ़ का किला जिला गुना, नरवर दुर्ग जिला शिवपुरी, प्राचीन किया सराय तालाब जिला धार, किला श्याुपुर नरसिंह महल जिला श्योपुर तथा हवेली नवल सिंह खांडेराव कस्बा सबलगढ़ जिला मुरैना। अब ये पांच स्थल राज्य संरक्षित स्मारक बन गये हैं।
नरसिंहपुर का शांति पुस्तकालय डिनोटिफाई हुआ :
इधर कमलनाथ सरकार ने नरसिंहपुर में स्थित शांति स्मारक को डिनोटिफाई कर दिया है। इसे पिछली शिवराज सरकार ने 24 अगस्त 2015 को राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया था। लेकिन अब 14 माह वाली कमलनाथ सरकार ने इसे डिनोटिफाई कर दिया। इसके पीछे कारण दिया है कि उक्त प्राचीन स्मारक को उच्च श्रेणी संग्राहालय के रुप में विकसित किया जाना है और साथ ही यहां एक सुसज्जित ऑडिटोरियम एवं मुक्ताकाश मंच भी बनाया जाना है। हालांकि शांति स्मारक का हेरीटेज स्वरुप सुरक्षित रखा जायेगा।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि नरसिंहपुर के शांति स्मारक पुस्तकालय को वहां के जिला प्रशासन और नगरपालिका द्वारा विकसित किया जाना है इसलिये इसे डिनोटिफाई किया गया है जबकि पांच अन्य जिलों के उन स्मारकों को पुन: नोटिफाई किया गया है जिन्हें पर्यटन विभाग द्वारा हेरीटेज होटल के रुप में विकसित किया जाना था।


- डॉ. नवीन जोशी

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