×

भाजपा के राज्यसभा सदस्य ने प्रोफ़ेसर की पेंशन भी माँगी......

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 1042

Bhopal: उच्च शिक्षा विभाग ने आवेदन निरस्त किया

डॉ . नवीन जोशी

भोपाल 1 सितंबर 2021। राज्यसभा सदस्य चुन लिए जाने के बाद भी भाजपा नेता सुमेर सिंह सोलंकी अपने सहायक प्राध्यापक होने की पेंशन पाने की चाहत रखते हैं। सरकार में बैठे अफसरों ने उनकी इस चाहत पर विराम लगा दिया है। उच्च शिक्षा विभाग ने उनका पेंशन मांगे जाने का आवेदन निरस्त कर दिया ।
राज्य सरकार ने भाजपा से राज्यसभा सदस्य डा. सुमेर सिंह सोलंकी का वह आवेदन निरस्त कर दिया है,जिसमें उन्होंने सहायक प्राध्यापक के रुप में की गई सेवाओं के बदले पेंशन देने की मांग की थी।
उच्च शिक्षा विभाग ने इस संबंध में जारी आदेश में कहा है कि शासकीय स्नातकोत्तर महाविदयालय बड़वानी के तत्कालीन सहायक प्राध्यापक इतिहास डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी को राज्यसभा में नामांकित किए जाने से डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी द्वारा 12 मार्च 2020 को शासकीय सेवा से त्यागपत्र प्रस्तुत किया। विभाग के आदेश 14 मार्च 2020 द्वारा त्यागपत्र स्वीकृत करते हुए अंकित किया गया था कि डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी की शासकीय सेवा अवधि 20 वर्ष से कम होने के कारण उन्हें मप्र सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 के प्रावधानों के अंतर्गत पेंशन की पात्रता नहीं होगी। आयुक्त उच्च शिक्षा द्वारा शासन को प्रेषित प्रस्ताव में लेख किया गया कि डॉ. सोलंकी द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन पत्र 15 अक्टूबर 2020 से त्यागपत्र के स्थान पर संशोधित स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान करने का अनुरोध किया गया है, ताकि डॉ. सोलंकी को मप्र सिविल सेवा पेंशन नियम, 1976 के नियम-43 अनुसार पेंशन प्राप्त हो सके। डॉ. सोलंकी द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन एवं आयुक्त उच्च शिक्षा द्वारा प्रेषित प्रस्ताव के अनुक्रम में वित्त विभाग से अभिमत प्राप्त किया गया। वित्त विभाग द्वारा प्रकरण में अभिमत दिया गया कि डॉ. सोलंकी की प्रथम नियुक्ति तिथि 25 जुलाई 2005 प्रदर्शित है जिसके अनुसार वे नवीन अंशदायी पेंशन योजना के सदस्य होना स्पष्ट होता है। नवीन पेंशन योजना के सदस्यों पर पेंशन नियम 1976 प्रभावशील नहीं हैं। इसलिये विभाग द्वारा पेंशन नियम 1976 के अनुसार प्रकरण में कार्यवाही किया जाना नियम संगत नहीं है। उक्त अभिमत पर उच्च शिक्षा विभाग ने अब राज्यसभा सदस्य डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन अमान्य कर दिया है।

Related News

Latest News

Global News