Bhopal: 1 दिसंबर 2017। देश में सबसे पहले नाबालिग बच्चियों से रेप करने वाले को फांसी की सजा देने वाला विधेयक लाने वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में स्कूली छात्राओं को महिला अपराध के मुद्दे पर चर्चा के दौरान मौजूद रहने की अनुमति नहीं मिली.
खासकर विपक्षी सदस्यों की आपत्ति के बाद स्पीकर ने सदन की दर्शक दीर्घा में मौजूद छात्राओं को बाहर जाने के निर्देश दिए जिसके बाद महिला अपराध को लेकर चर्चा शुरू हुई.
दरअसल, हुआ ये कि शुक्रवार को सदन की कार्यवाही के दौरान जब विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव पर भोपाल गैंगरेप की घटना को लेकर चर्चा शुरू हुई तो उस दौरान दर्शक दीर्घा में कुछ स्कूली छात्राएं भी मौजूद थी.
छात्राओं की मौजूदगी में गैंगरेप की घटना पर चर्चा को लेकर विपक्ष की ओर से कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने असहजता जाहिर की. गोविंद सिंह के रुख को देखते हुए विधानसभा स्पीकर ने बच्चियों को बाहर जाने के निर्देश दिए.
हालांकि इस दौरान सरकार की ओर से पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने इस व्यवस्था को लेकर सवाल भी खड़ा किया. आखिरकार स्पीकर के आदेश के बाद छात्राओं को दर्शक दीर्घा से बाहर किया गया तब जाकर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा शुरु हुई.
विधानसभा में गैंगरेप पर चर्चा से पहले स्कूली छात्रों को किया सदन से बाहर
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Bhopal
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