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वीरगाथा : आधुनिक महिला प्रधान मंत्री की !!

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 2763

Bhopal: के. विक्रम राव Twitter ID: Kvikram Rao
प्रधानमंत्री पद त्यागने के बाद न्यूजीलैंड की सोशलिस्ट पुरोधा कुंवारी जेसिंदा अर्डर्न ने अपने मंगेतर क्लार्क गेफोर्ड से कहा : "अब हमें शादी कर लेनी चाहिए।" फिर अपनी चार-वर्षीया पुत्री नेइवा (रोशनी) को बताया कि वे उसे स्कूल में भर्ती कर स्वयं पढ़ायेंगी भी। बयालीस-वर्षीया जेसिंदा और 46-वर्षीय टीवी पत्रकार क्लार्क गेफोर्ड प्रधानमंत्री आवास में सहवासी हैं।
इस समतावादी युगल को देखकर सोशलिस्ट नेता राममनोहर लोहिया का अनायास स्मरण हो आया। डॉक्टर साहब ने लिखा था कि नर-नारी के हर रिश्ते जायज है, केवल बलात्कार के। उन्होंने लिखा था कि यदि कोई अनब्याही स्त्री गर्भवती हो जाती है तो यह नर-नारी के आदियुगीन रिश्तों को पुर्नस्थापित करने का कदम है। इस समाजवादी चिंतक ने यहां तक कहा कि अविवाहित युगल का एक स्वस्थ संतान विवाहित दंपत्ति के आधे दर्जन वैध मरियल शिशुओं की तुलना में राष्ट्रहित में बेहतर हैं। इसी संदर्भ में लोहिया अक्सर कहते थे कि नारी का आदर्श पांच पतियोंवाली द्रौपदी हो, न कि सती सावित्री।
हर काम जो जेसिंदा अर्डर्न करती आई हैं वह आधुनिक समाजशास्त्रीय और राजनीतिक इतिहास का एकदम अनोखा अध्याय है। मसलन अपने कार्यकाल की समाप्ति के कई महीनों पूर्व ही उनका अकस्मात इस्तीफे की घोषणा करना। अगले मंगलवार (7 फरवरी 2023)। वे अपना पदभार नवनिर्वाचित पार्टी नेता 44-वर्षीय क्रिस हापकिंस को सौपेंगी। जेसिंदा ने रिपोर्टरों को जब इस्तीफे की खबर दी थी तो उनके चेहरे पर गांभीर्य, उनके इजहार में सलीका तथा व्यवहार में गरिमा झलक रही थी। मानों बस कोई मामूली घटना हो। जबकि यूरोप के राजनीतिक वर्तुलों में भूचाल आ गया था। उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि इसी वर्षांत में होने वाले संसदीय निर्वाचन में पराजय की आशंका के कारण वे नहीं हट रहीं हैं। न ऐसी कोई मांग कभी पार्टी में उठी थी उनको हटाने की। फिर क्यों त्यागपत्र दिया ? बोली : "मैं इंसान हूं। उसके बाद सियासतदां।" हालांकि इस महिला प्रधानमंत्री पर मर्द-सुलभ हमले अरसे से होते रहे। याद आया कुछ समय पूर्व उत्तरी यूरोप के फ़िनलैंड की महिला प्रधानमंत्री साना मरीन पर भी ऐसे ही निजी विषाक्त हमले होते रहे। यूं यूरोपीय गणराज्य फिनलैंड और प्रशांत महासागर के द्वीपराष्ट्र न्यूजीलैंड में सोलह हजार किलोमीटर की दूरी है। दोनों गणराज्यों में सोशलिस्ट पार्टी ही सत्तारूढ़ है। मगर जेसिन्दा की तुलना में प्रधानमंत्री साना मरीन तो ज्यादा बड़ी साजिश की शिकार हुई थीं। मर्दाने दुष्प्रचार की। उस वक्त उन्मुक्त यौन-रिश्तों और स्वच्छंद विचारों के लिये जाने जाते यूरोप महाद्वीप के फिनलैंड की इस युवा, रूपवती, सोशलिस्ट प्रधानमंत्री साना मिरेला मरीन का एक वीडियो वाइरल हुआ था। वे एक निजी मकान में नाच गाना कर रहीं हैं। यह छत्तीस वर्ष की राजनेत्री, चार वर्ष की बेटी की मां, इस मनोरंजन द्वारा अपनी दफ्तरी थकान दूर कर रही थीं। स्वाभविक है उनके सियासी शत्रुओं ने मुहिम चला दी कि उनका व्यवहार श्लील और सभ्य नहीं है। अतः वे पद छोड़े। खुद साना ने साहस भरकर दावा किया कि उन्होंने मित्रों के साथ मदिरा पान किया। मगर मादक द्रव्य का सेवन कतई नहीं किया। जांच भी करा चुकीं हैं। साना ने कहा उनके साथी न उच्छृंखल थे, न उतेजक। पार्टी में हर्षित रहे और रसमय थे। आनंदित थे। राजधानी हेलसिंकी के छात्र मिन्टू किलाइनेन ने भर्त्सना करते हुए कहा कि यह पुरूषवादी प्रवृत्ति है।
फिलहाल साना के पति मार्कस रैकोनिन इन सब अफवाहों को खारिज करते हैं। दूरसंचार विभाग के कर्मी मार्कस अपनी पत्नी को हमसफर कहते हैं। निचले पायदानवाली नहीं। उन्हें तो आश्चर्य होता है कि पत्नी साना पर दोष रोपित हुए क्योंकि वह शाकाहारी हैं, नैतिक इतनी कि केवल मां द्वारा पोषित हुयी है। उनकी माता का तलाक हो गया था। प्रधानमंत्री साना अपने नाश्ते के बिल का भुगतान स्वयं करती हैं। जबकि राजकोष से नियमानुसार व्यय कर सकती हैं।
कई मायनों तथा मानकों में जेसिन्दा नए दौर की महिला राजनेत्री साबित हुई हैं। उन्होंने एक वैश्विक कीर्तिमान रचाया जब गत-वर्ष वे संयुक्त राष्ट्र सभा के 77वें अधिवेशन को संबोधित करने (22 सितंबर 2022) न्यूयॉर्क गईं थीं। इस 193-सदस्यीय विश्व सभा में कुंवारी जेसिन्दा अपने तीन-साल की पुत्री के साथ थीं। जेसिंदा ने गत साल मीडिया वार्ता में अपना बयान दिया था कि उनके प्रधानमंत्री पद से हटने का केवल आधार यह है कि अब मुझ में ऊर्जा नहीं रही।
अर्डर्न ने कहा कि उनके पास अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताने के अलावा भविष्य की कोई योजना नहीं है। यह पूछे जाने पर कि न्यूजीलैंड के लोग उनके नेतृत्व को कैसे याद रखेंगे, अर्डर्न ने कहा कि एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो हमेशा दयालु बनने की कोशिश करता है। उन्होंने कोविड-19 महामारी, क्राइस्टचर्च मस्जिद की शूटिंग और व्हाइट आइलैंड ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान अपने कामों से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।
जेसिंदा की सियासी यात्रा बड़ी रूमानी रही। उनकी मां एक खानसामा थीं। पिता पुलिस अधिकारी। जेसिंदा को हमेशा से राजनीति में दिलचस्पी थी। इसलिए उन्होंने साल 2001 में मात्र 18 की उम्र में न्यूजीलैंड की लेबर (समाजवादी) पार्टी से जुड़ गई थीं। वह तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती हेलेन क्लार्क के लिए रिसर्चर के तौर पर काम करती थीं।
जेसिंदा पद पर रहते हुए मां बनने वाली दुनिया की दूसरी महिला हैं। पहली महिला पाकिस्तान की बेनजीर भुट्टो थीं, जो 1990 में पद पर रहते हुए मां बनी थीं। तब वे भी 37 साल थी। साल 2017 में जब जेसिंदा चुनाव प्रचार कर रहीं थी तब वह गर्भवती थीं। प्रधानमंत्री का पद संभालने के मात्र आठ महीने बाद ही वह मां बन गई थीं। जेसिंदा की तुलना विश्व की नामचीन महिला नेताओं से की जाती रही। ब्रिटेन की मार्गरेट थैचर, इजरायल की गोल्डा मायर, श्रीलंका की सिरिमावो बंदरनायके और भारत की इन्दिरा गांधी से। जेसिंदा अपने किस्म की अनूठी हैं। इतिहास का उनपर कैसा फैसला होगा ? यह गौरतलब रहेगा।

K Vikram Rao
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