Bhopal: सात दिवसीय शिल्प प्रदर्शनी सिल्क इंडिया
11 मई 2018 । देशभर के शिल्प बुनकरों को रोजगार देने के उद्देश्य से संस्था हस्तशिल्प द्वारा 7 दिवसीय सिल्क इंडिया प्रदर्शनी का आयोजन भोपाल के रविशंकर शुक्ल नगर कम्युनिटी हॉल में किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में 100 से ज्यादा बुनकर अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं।
उपरोक्त जानकारी देते हुए संस्था हस्तशिल्पी के टी अभिनंदन बताया कि प्रदर्शनी में सूरत के साथ ही मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, चेन्नई आदि राज्यों के बुनकर अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने आए हैं। प्रदर्शनी में कोलकाता से आई शिल्पकार मिट्ठू मित्रा अपने साथ वेजिटेबल रंगों से तैयार हैंड पेंटिंग साड़ियां लाई हैं उनके पास 60 ग्राम वजन की ढाका सिल्क साड़ी भी है। जामदानी के काम के बाद भी इस साड़ी का वजन इतना कम होना ही बुनाई कला की खास पहचान है। पुणे में सौदामिनी संस्था चलाने वाली अनघा यहां पैठणी साड़ियों का कलेक्शन प्रदर्शित कर रही है। यह साड़ियां महिलाओं की संस्था द्वारा तैयार की जाती है साड़ियों की कीमत डेढ़ लाख रुपए तक है। इसके साथ ही आंध्रा का टाई एंड आई पटोला सिल्क प्रदर्शित किया गया है। साड़ियों में कलमकारी से दुर्गा, बुद्धा, कत्थक कली और ट्रेडिशनल आर्ट को दिखाया गया है। प्रदर्शनी में पश्चिम बंगाल से आए शांतनु ने विष्णुपुरी सिल्क और खादी सिल्क पर जंगल में कुलांचे मारते हिरन, आकाश में उड़ते उन्मुक्त पिंक्षयों को दर्शाया है। वहीं बुनकर शुभाषीष अपने साथ आरी स्टीच वर्क की साडियां लाए हैं। इसे बनाने के लिए पहले सिल्क पर पेंटिंग की जाती है फिर पेंटिंग पर धागे से बुनाई होती है। एक साड़ी को बनाने में तीन माह तक का समय लग जाता है। आरी स्टिच के वर्क से उन्होंने कोलकाता के ग्रामीण जनजीवन को दर्शाया है। कश्मीर से आए शौकत शिफान और चिनान की साड़ियों पर ब्लाक प्रिंट कर लाए हैं। चिनान पुरी दुनिया में केवल कश्मीर में होता है। उनके पास क्रेप की वर्क वाली साड़ियों का भी संग्रह है। डेढ़ साल में बनने वाली इन साड़ियों की कीमत डेढ़ लाख रुपए तक है।
टी अभिनंद ने बताया कि प्रदर्शनी का समापन 15 मई को होगा। कलाप्रेमी दोपहर 10.30 बजे से रात 9 बजे तक देशभर के कोने कोने से आए बुनकरों की बुनाई कला को देखने के लिए आमंत्रित हैं।
साठ ग्राम वजन की है ढाका सिल्क साड़ी
Location:
Bhopal
👤Posted By: Admin
Views: 3782
Related News
Latest News
- भविष्य के कृत्रिम बुद्धिमत्ता समर्थित हमले: डिजिटल दुनिया पर मंडराता खतरा
- क्या भारत बन सकता है आर्थिक महाशक्ति? डेटा क्या कहता है
- भोपाल के युवाओं ने बनाया ऐप, अब वाहन खराब होने पर मैकेनिक की मदद मिलेगी
- लोकसभा चुनाव 2024: मतदाता सूची में नाम जोड़ने के बहाने साइबर बदमाशों ने 35 भोपालवासियों को ठगा
- गूगल ने इजरायल विरोधी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला