×

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पर्यावरण संरक्षण पर दिया जोर, कहा- प्रकृति और प्रगति में समन्वय जरूरी

prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद
Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 930

भोपाल: 28 अक्टूबर 2024 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज भोपाल में आयोजित एक सम्मेलन में पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रकृति और प्रगति में समन्वय आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को विश्व पटल पर पर्यावरण संरक्षण के लिए जाना जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें 2030 तक 500 गीगावाट नवीन ऊर्जा का लक्ष्य भी शामिल है।

मध्यप्रदेश भी पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। नर्मदा नदी और उसके तटों के संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। राज्य सरकार ने नदियों की स्वच्छता और पर्यावरण संतुलन को प्राथमिकता दी है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में "जलवायु परिवर्तन के लिए वैश्विक प्रयास: भारत की प्रतिबद्धता में राज्यों का योगदान" विषय पर आयोजित विमर्श सत्र एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रह थे। इसका आयोजन अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान (एग्पा) और मध्यप्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद ने नर्मदा समग्र संस्था पैरवी और सिकोइडिकोन संगठन के सहयोग से किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्तमान समय में दुनिया जिस दौर से गुजर रही है, उसमें हमारी भारतीय जीवन पद्धति, हमारी मान्यताओं और परमात्मा एवं प्रकृति से जुड़ने के हमारे मूल दृष्टिकोण का अपना महत्व सामने आता है। एक श्रेष्ठ जीवनशैली के लिए भारतीय जाने जाते हैं। खान-पान और जल की शुद्धता के लिए हम गंभीर हैं। मध्यप्रदेश पर परमात्मा की विशेष कृपा है। जहाँ हमारा देश मानवता प्रेमी है, वहीं पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता के लिए भी भारत सक्रिय है। विश्व के कल्याण के लिए भारत के उदात्त भाव से सभी परिचित हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विश्व के देशों के लिए आशा की किरण हैं। जहाँ रूस और यूक्रेन के युद्ध की परिस्थितियां सभी के सामने हैं, वहीं इजराइल जैसे राष्ट्र जो तकनीक के उपयोग और अस्मिता के संघर्ष के लिए जाने जाते हैं, भारत के लिए इन सभी राष्ट्रों का सम्मानजनक रूख है। स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि 21वीं सदी भारत की होगी। आज प्रधानमंत्री श्री मोदी और भारत की सामर्थ्य एवं पर्यावरण प्रेमी होने के दृष्टिगत हमारी प्रतिष्ठा विश्व में बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने नर्मदा नदी और उसके तटों की पर्यावरणीय संरक्षण के लिए आवश्यक निर्णय लिए हैं। मध्यप्रदेश नदियों का मायका है। सभी नदियों की स्वच्छता और हमारे ईको सिस्टम का संतुलन बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। हमारी सोन नदी, पुण्य सलिला गंगा को बलिष्ठ बनाती है। गंगा बेसिन के लिए यमुना के माध्यम से चंबल और क्षिप्रा भी यही भूमिका निभाती हैं। बेतवा भी यमुना जी में जाकर मिलती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारा विश्वास "जियो और जीने दो" में है। भोपाल के पास रातापानी टाइगर अभ्यारण्य है। भोपाल के पास सड़कों पर दिन में मनुष्य और रात्रि में टाइगर दिखाई देते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए। छोटे-छोटे कदमों से भी बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने दैनिक जीवन में पर्यावरण-हितैषी विकल्पों को अपनाएं।

Related News

Global News